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सामान्‍य प्रभामंडल से मिलता है लाभ शेयर बाजार में

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गरिमा तिवारी कुछ दिनो से ऐसा लग रहा है कि शेयर बाजार को अब सिर्फ कोई चमत्कार ही बचा सकता है । हर निवेशक अब किसी ना किसी चमत्कार की आशा मे लगा हुआ है। हे! प्रभु अब बहुत हो गया इंतजार, हमारी नैया जल्दी पार लगाओ। चमत्कार के इस सिलसिले मे मै याद दिला दूं कि पिछले लेखों मे मैने औरा हीलींग और पिरामीड हीलींग का जिक्र किया था, जिन दोस्तों ने उन पर अमल किया होगा, अपने बैंक खाते में हुए चमत्कार का अनुभव जरूर कर रहे होंगे। इसके लिए मुझे शुक्रिया कहने की जरूरत नही है, आपके चेहरे पर आई खुशी ही मेरे लिए बहुत होगी। जो बन्धु चमत्कारो के उन सिलसिलो से दूर रह गए होंगे, उन्हें भी निराश होने की जरूरत नहीं है। मै उसी श्रृंखला को एक बार फिर से समझाने की कोशिश कर रही हूं, ताकि आप बिन किसी शक के औरा हीलींग और पिरामीड हीलींग का लाभ उठा सके। वैसे तो आजकल यह दोनों शब्द काफी प्रचलित हैं। बच्चे बूढे सभी इससे लाभ ले रहे हैं, हां बस शेयर बाजार मे इसका उपयोग ब‍हुत कम है, लेकिन वक्त के साथ लोगों मे इसकी जागरुकता जरूर फैलेगी यह मैं यकीन के साथ कह सकती हूं। अब कुछ काम की बाते करें... क्या आप जानते हैं किसी भी क्षेत्र मे

पिरामिड करता है शेयर बाजार में फायदा

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गरिमा तिवारी मार्केट के उतार चढ़ाव मे जब अफ़रा तफ़री का माहौल है, कई निवेशक टूट चुके हैं, किधर जाना है, कहा जाना है क्या करें? समझ में नहीं आ रहा है.. तो निवेशक के सामने चुपचाप किस्मत ठोकने कि सिवाय कोई नया रास्ता नहीं बचता। इस दुखदायी स्थिति से बचने के लिये मै लाई हूं कुछ नए कुछ पुराने तरीके 1. बाजार के बारे मे पूरी जानकारी रोज रखे। मीडिया का भरपूर प्रयोग करें। 2. अपने तरीके से अपने पसंदीदा शेयर की पूरी जानकारी इकट्ठा करें। 3. हर उतार चढ़ाव पर खरीद बेच का भरपूर फ़ायदा उठाएं। 4. अगर आप छोटी अवधि के निवेशक हैं तो भले ही लॉस बुक करें पर अपनी लिक्विडिटी बढ़ाए। 5. मार्केट के उतार मे शार्ट सेल का लुत्फ़ उठाइए। ये सब तो आप जानते हैं तो मै किसलिए आई हूं.. लीजिए मेरे बताने का कारण है.. जो आप नहीं जानते या प्रयोग में नहीं लाते। शेयर मार्केट के साथ पिरामिड का उपयोग चौक गए ना? भला ये भी होता है, शेयर बाजार मे पिरामिड का प्रयोग!!! तो मै कहती हूं कि हां होता है... कैसे? मै बताती हूं। सबसे पहले आप एक हरे रंग का पिरामिड बनवाइए, उसके अन्दर पीले रंग के कागज टुकड़े पर लाल रंग के कलम से अपने अगले महीने क

शेयर बाजार में देखो और प्रतीक्षा करो

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अमरीका में मंदी की बढ़ती जा रही आशंका ने अब समूची दुनिया के बाजारों में अपना रंग दिखाना शुरु कर दिया है। साथ ही भारत-अमरीका के बीच परमाणु संधि को लेकर कांग्रेस व वामपंथियों के बीच खटराग बढ़ने से अगले सप्‍ताह शेयर बाजार की स्थिति और बिगड़ सकती है। ऐसे में निवेशकों के लिए बेहतर होगा कि वे देखो और प्रतीक्षा करो की नीति अपनाए। पिछले सप्‍ताह बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज साढ़े नौ फीसदी और नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज का निफ्टी नौ फीसदी टूटा। शेयर विश्‍लेषकों का कहना है कि बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का बैरोमीटर सेंसेक्‍स अपने स्‍पोर्ट स्‍तर 16100 को तोड़ चुका है। अब सेंसेक्स के लिए अगला समर्थन स्तर जनवरी के निचले स्तर 15300 के करीब है। अगर सेंसेक्स इस स्तर को भी तोड़ कर नीचे जाता है तो बाजार में भारी तबाही मच सकती है। शेयर बाजार में मौजूदा स्थिति अगले तीन से चार महीने तक ऐसी ही बनी रहेगी। हालांकि, लंबी अवधि में भारतीय शेयर बाजार में किया गया निवेश फायदेमंद रहेगा। इस बीच, शेयर बाजार में आंतककारियों का पैसा होने की बात की जांच की संभावना है, हालांकि इस मसले पर सरकार में मतभेद रहे हैं और आतंककारियों का पैसा ल

दलाल स्‍ट्रीट खतरे में !

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भारतीय शेयर बाजार की पहचान दलाल स्‍ट्रीट अब खतरे में है। शेयर बाजार में आई लगातार गिरावट से घट रहे कारोबार की वजह से यह स्‍ट्रीट खतरे में नहीं है क्‍योंकि ऐसे कई उतार चढ़ाव इस स्‍ट्रीट ने अनेक बार देख लिए हैं। लेकिन मुंबई महापालिका के ए वार्ड के कांग्रेसी कार्पोरेटर विजय धुल्‍ला चाहते हैं कि इस स्‍ट्रीट का अब नाम बदल दिया जाए। यदि ऐसा हुआ तो बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेज का पर्याय दलाल स्‍ट्रीट को लोग नक्‍शे में ढूंढते रहेंगे। दलाल स्‍ट्रीट का नाम आते ही लोगों के मन मस्तिष्‍क में शेयर बाजार के टावर का नक्‍शा उभर आता है। मुंबई महापालिका के कांग्रेसी कार्पोरेटर विजय धुल्‍ला की इच्‍छा है कि दलाल स्‍ट्रीट का नाम 25 वर्ष तक यहां ब्रोकर के रुप में काम कर चु‍के नागरमल शराफ गली कर दिया जाए। धुल्‍ला ने दो महीने पहले ए वार्ड की बैठक में नाम बदलने संबंधी जो प्रस्‍ताव रखा उसे उसी दिन पारित करा लिया। उन्‍होंने दो सप्‍ताह पहले इस आवेदन को मुंबई महापालिका के अन्‍य कार्पोरेटरो की अंतिम मुहर लगवाने के लिए भेजी है। सूत्र बताते है कि यह तो एक औपचारिकता है अन्‍यथा आम तौर पर स्‍थानीय वार्ड समिति द्धारा पारित लगभ

आम बजट पहले ही लिक हो गया था

ओमप्रकाश तिवारी जागरण से साभार केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार को पेश किए जाने वाले बजट में विदर्भ के किसानों को क्या मिलने वाला है, शायद इसकी गंध राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं को पहले ही लग गई है। महाराष्ट्र में यह अटकल बजट के तुरंत बाद राकांपा के किसान सम्मेलनों की फेहरिस्त देखकर लगाई जा रही है। बजट पेश होने के एक दिन बाद, यानी दो मार्च से ही राकांपा पूरे महाराष्ट्र में एक सप्ताह के अंदर छह किसान रैलियां करने जा रही है। इन रैलियों को कृतज्ञता रैली का नाम दिया गया है। अर्थात विदर्भ सहित पूरे महाराष्ट्र के किसान बजट में कृषि क्षेत्र को मिली सुविधाओं के लिए मराठा क्षGप एवं केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार के प्रति कृतज्ञता दर्शाने के लिए इन रैलियों में जमा होंगे गौरतलब है, पिछले चार वर्ष में विदर्भ के सिर्फ छह जिलों में पांच हजार से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं। बीते वर्ष भी आत्महत्या करनेवाले किसानों की संख्या 1200 से ज्यादा रही है। इसी को मुद्दा बनाकर विपक्षी दल शिवसेना और भाजपा की बड़ी-बड़ी रैलियां पिछले एक सप्ताह से पूरे महाराष्ट्र में हो रही हैं। अब दो मार्च को निर्धारित रा