दिवाली से दिवाली तक सेंसेक्स
देश भर में दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है। भगवान राम के 14 वर्ष के वनवास से अयोध्या लौटने की खुशी में दिवाली का पर्व मनाया जाता है। साथ ही धन की देवी लक्ष्मी की खास कृपा पाने के लिए आज उनकी विशेष पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन शेयर बाजार के निवेशक काफी निराश है। उनके लिए दिवाली का पर्व खुशी की जगह मातम का पर्व बन गया है। जहां पिछली दिवाली पर बीएसई सेंसेक्स 20 हजार अंक के आसपास था, वहीं इस दिवाली पर यह 8500 अंक पर है। दुनिया की आर्थिक नीति तय करने वाले देश अमरीका के वित्तीय संकट में फंसने से पिछले दस महीनों में दुनिया भर के शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जारी है और अब इस मंदी को वर्ष 1929 की महामंदी के समान बताया जा रहा है। यह मंदी कहां जाकर ठहरेगी कोई नहीं जानता क्योंकि कई देशों की आर्थिक स्थिति तो इतनी डगमगा गई है कि वे दिवालिया होने के कगार पर खड़े हैं। समूचे देश इसके लिए जोरदार प्रयास कर रहे हैं कि यह मंदी महामंदी साबित न हो और जल्दी से जल्दी बेहतर आर्थिक उपायों से इस पर नियंत्रण पाया जा सके। मौजूदा मंदी का सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था के बैरोमीटर शेयर बाजार पर भी पड़ा है जि