पैकेज की ऑक्सीजन से शेयर बाजार को उठाने की कोशिश
भारतीय शेयर बाजार पिछले साल इन्हीं दिनों भारी ऊफान पर थे और बीएसई सेंसेक्स के जल्दी ही 30 हजार, 35 हजार तक पहुंचने जाने की गर्मा गर्म चर्चाएं हर निवेशकों के बीच हो रही थी लेकिन इस साल बातें केवल यह हो रही है कि अब क्या लगता है। इस क्या लगता है के लिए अमरीका के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति बिडेन का कहना है कि देश की इकॉनमी पर पूरी तरह धराशायी होने का खतरा मंडरा रहा है। 'देश की इकॉनमी हमारी सोच से कहीं ज्यादा बुरी हालत में 600 से 700 अरब डॉलर के एक प्रोत्साहन पैकेज की जरुरत है। इकॉनमी को पूरी तरह धराशायी होने से बचाने का इसके अलावा कोई तरीका नहीं है। बिडेन के इस बयान को समझे तो शेयर बाजार के हालात जल्दी अच्छे होने के संकेत नहीं है। अमरीका और कई देशों में अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने के लिए वित्तीय पैकेज दिए जा रहे हैं। अलग अलग उद्योगों के लिए पैकेज दर पैकेज आ रहे हैं। भारत में भी अर्थव्यवस्था को खड़ा करने के लिए इसी कदम का अनुसरण किया जा रहा है। पहले 30700 करोड़ रुपए के पैकेज के बाद सरकारी बैंकों का सस्ता होम लोन पैकेज आया। अब निजी बैंक भी सस्ते होम लोन के पैकेज ला रहे