नौकरी खोने वालों के लिए दस सुझाव
नौकरी का एकाएक चले जाना एक भयानक सपने की तरह होता है। एकदम से किंकर्तव्यविमूढता की स्थिति और ढेर सारा तनाव। अनिश्चित भविष्य के प्रति ढे़र सारी चिन्ताओं का बोझ और उदासियां। ऐसे में आशा की किरण खोजना काफी धैर्य और संयम का काम होता है, लेकिन यही एक रास्ता है जो हालिया मुसीबतों से किसी को भी निकालकर आगे ले जाता है। ऐसे में अपना संयम खोने वाले उन संभावनाओं को भी खो देते हैं, जो ऐसे वक्त में बेहतर अवसरों की तरह उनके पक्ष में कार्य कर सकती हैं।
1. सबसे पहले तो शांत और स्थिर चित्त के साथ तर्क पूर्ण तरीके से अपनी विचारशक्ति को बरकरार रखने की जरूरत होती है। लगता भले ही हो, लेकिन किसी के साथ एकाएक ऐसी घटना होते ही, बाकी सारी चीजें भी एकाएक नकारात्मक तरीके से बदल नहीं गई होती हैं। जरूरी है कि चीजों के बारे में अपने आशावादी नजरिए को बरकरार रखा जाए। आप मानें या नहीं, लेकिन लोगों में आपकी निराश भावनाओं को सूंघ लेने की गजब की शक्ति होती है और यदि आपका आत्मविश्वास और उत्साह अपनी जगह पर कायम है, तो इसका अच्छा प्रभाव लोगों को आपके पक्ष में निर्णय करने को प्रेरित भी करता है।
2. दूसरी बात है कि नौकरी से बाहर होते वक्त केवल मिलने वाले 'पैकेज' के चेकों पर ध्यान देना ही जरूरी नहीं, उन संभावनाओं पर भी पर्याप्त गौर किया जाना चाहिए, जो भावी कैरियर के लिए उपयुक्त रूप से लाभप्रद हो सकती हैं, जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम या अन्य तरह से आर्थिक सक्षमता दिलाने में सहायता करने वाले कार्यक्रम। अगर कंपनी आपको ऐसा कोई ऑफर देती है, तो उस पर पर्याप्त विचार करें।
3. इस समय को एक अवसर की तरह देखिए। यह उस कैरियर विकल्प की खोज में भी सहायक हो सकता है, जिसको अभी तक आप 'आइडियल' रूप में सोचते रहे हों। जीवन विविध विकल्पों से भरा हुआ होता है इसमें अपने अनुकूल चुनने के लिए आप पेशेवर सलाहकार की पूरी मदद ले सकते हैं।
4. अपने स्वास्थ्य को चुस्त-दुरूस्त रखें। इसके लिए आपने अपने तरीकों की जो दिनचर्या बना रखी थी, उसे नियमित रखें। यह आपको तनावमुक्त रखने में भरपूर मदद करेगा। आपको अपने खर्चों की जिन मदों में कटौती करनी पड़े, स्वास्थ्य संबंधी खर्चों का नंबर उनमें सबसे अंत में आना चाहिए।
5. मदद हासिल करना सीखिए, जब इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो। सामुदायिकता की मददगार भावना से भरे लोग आपके आसपास हैं, जो कई बार आपके अभिमान के चलते आपके काम नहीं आ पाते। परिवार और मित्रों से बेहतर सम्पर्क कई बार आपकी उम्मीदों से कई गुना उम्दा परिणाम भी दे जाते हैं।
6. लोगों को सुनिए, जो कई बार आपकी उन अच्छाइयों को भी आपके सम्मुख स्पष्ट कर देते हैं, जिनके प्रति आप सचेत नहीं होते। सलाहों का विश्लेषण आपको स्वयं ही अपने हालात के मुताबिक करना होता है, लेकिन इनको आने से रोकना नहीं चाहिए। अच्छे विचार, आश्चर्यजनक समाधान, कहीं भी, कभी भी, किसी के भी द्वारा आप तक आ सकते हैं, इसलिए रास्ते खुले रहने देना चाहिए।
7. खुद को उदासियों के स्तर से बाहर आने में मदद दीजिए ताकि तार्किक तरीके से सोचा जा सके। लोगों की उन बातों को प्रोत्साहन मत दीजिए, जो नकारात्मक रवैया दर्शाती हों। लोगों की सतही टिप्पणियां, निराशाजनक सोच उसी तरह आपको प्रभावित करते हुए हताश कर सकती है, जिस तरह किसी प्रेरक व्यक्तित्व की बातें आपके भीतर उम्मीद जगा सकती हैं। इसलिए लोगों में यह फर्क समझने की कोशिश आपको ज्यादा से ज्यादा उन लोगों के सम्पर्क में लाएगी जो आपके लिए अच्छे साबित हो सकते हैं।
8. अपने लक्ष्य और मानक निर्धारित करें कि आप अपनी अगली नौकरी या आर्थिक कार्य से कितनी दूर हैं, और फिर अपने बनाए नियमों का कड़ाई से पालन करें। कई जगह यदि वांछित अर्हताओं की तुलना में आपके स्तर में कुछ कमियां आड़े आती हैं, तो कई बार जरूरी से ज्यादा योग्यताएं भी बाधा बन जाती हैं। इसलिए, सही जगह पर क्लिक करने तक आपको इंतजार तो करना ही होगा, प्रयासों के साथ किया जाने वाला इंतजार।
9. खर्चों पर नियंत्रण रखने की रणनीति पर अमल करने की आपकी मजबूरी को न समझते हुए, यदि आपके मित्र आपकी संगत में खुद को असहज महसूस करने लगें, तो इस मित्रता की समीक्षा करने की जरूरत है। सही मित्र वह है, जो आपकी पूरी परिस्थिति के प्रति एक संवेदनशील सोच रखता है और यदि आप तथाकथित 'स्टेट्स' के चलते, अपनी चादर से बाहर पैर निकालने का प्रयास करते हैं, तो वह आपको सचेत भी करता है।
10. अपने विकल्पों के बारे में बात करते समय सकारात्मक भाषा प्रयोग करिए और दृढ रहिए। आर्थिक स्थिति के बारे में लगातार संदर्भों से बचें, जो नई नौकरी के रास्ते में बाधा उपस्थित करते हैं। यह नैतिक रूप से उत्तम है। अगर आप इन बातों का विश्वास करते हैं तो सही व्यक्ति तक आप जल्दी पहुंच सकेंगे।
1. सबसे पहले तो शांत और स्थिर चित्त के साथ तर्क पूर्ण तरीके से अपनी विचारशक्ति को बरकरार रखने की जरूरत होती है। लगता भले ही हो, लेकिन किसी के साथ एकाएक ऐसी घटना होते ही, बाकी सारी चीजें भी एकाएक नकारात्मक तरीके से बदल नहीं गई होती हैं। जरूरी है कि चीजों के बारे में अपने आशावादी नजरिए को बरकरार रखा जाए। आप मानें या नहीं, लेकिन लोगों में आपकी निराश भावनाओं को सूंघ लेने की गजब की शक्ति होती है और यदि आपका आत्मविश्वास और उत्साह अपनी जगह पर कायम है, तो इसका अच्छा प्रभाव लोगों को आपके पक्ष में निर्णय करने को प्रेरित भी करता है।
2. दूसरी बात है कि नौकरी से बाहर होते वक्त केवल मिलने वाले 'पैकेज' के चेकों पर ध्यान देना ही जरूरी नहीं, उन संभावनाओं पर भी पर्याप्त गौर किया जाना चाहिए, जो भावी कैरियर के लिए उपयुक्त रूप से लाभप्रद हो सकती हैं, जैसे प्रशिक्षण कार्यक्रम या अन्य तरह से आर्थिक सक्षमता दिलाने में सहायता करने वाले कार्यक्रम। अगर कंपनी आपको ऐसा कोई ऑफर देती है, तो उस पर पर्याप्त विचार करें।
3. इस समय को एक अवसर की तरह देखिए। यह उस कैरियर विकल्प की खोज में भी सहायक हो सकता है, जिसको अभी तक आप 'आइडियल' रूप में सोचते रहे हों। जीवन विविध विकल्पों से भरा हुआ होता है इसमें अपने अनुकूल चुनने के लिए आप पेशेवर सलाहकार की पूरी मदद ले सकते हैं।
4. अपने स्वास्थ्य को चुस्त-दुरूस्त रखें। इसके लिए आपने अपने तरीकों की जो दिनचर्या बना रखी थी, उसे नियमित रखें। यह आपको तनावमुक्त रखने में भरपूर मदद करेगा। आपको अपने खर्चों की जिन मदों में कटौती करनी पड़े, स्वास्थ्य संबंधी खर्चों का नंबर उनमें सबसे अंत में आना चाहिए।
5. मदद हासिल करना सीखिए, जब इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो। सामुदायिकता की मददगार भावना से भरे लोग आपके आसपास हैं, जो कई बार आपके अभिमान के चलते आपके काम नहीं आ पाते। परिवार और मित्रों से बेहतर सम्पर्क कई बार आपकी उम्मीदों से कई गुना उम्दा परिणाम भी दे जाते हैं।
6. लोगों को सुनिए, जो कई बार आपकी उन अच्छाइयों को भी आपके सम्मुख स्पष्ट कर देते हैं, जिनके प्रति आप सचेत नहीं होते। सलाहों का विश्लेषण आपको स्वयं ही अपने हालात के मुताबिक करना होता है, लेकिन इनको आने से रोकना नहीं चाहिए। अच्छे विचार, आश्चर्यजनक समाधान, कहीं भी, कभी भी, किसी के भी द्वारा आप तक आ सकते हैं, इसलिए रास्ते खुले रहने देना चाहिए।
7. खुद को उदासियों के स्तर से बाहर आने में मदद दीजिए ताकि तार्किक तरीके से सोचा जा सके। लोगों की उन बातों को प्रोत्साहन मत दीजिए, जो नकारात्मक रवैया दर्शाती हों। लोगों की सतही टिप्पणियां, निराशाजनक सोच उसी तरह आपको प्रभावित करते हुए हताश कर सकती है, जिस तरह किसी प्रेरक व्यक्तित्व की बातें आपके भीतर उम्मीद जगा सकती हैं। इसलिए लोगों में यह फर्क समझने की कोशिश आपको ज्यादा से ज्यादा उन लोगों के सम्पर्क में लाएगी जो आपके लिए अच्छे साबित हो सकते हैं।
8. अपने लक्ष्य और मानक निर्धारित करें कि आप अपनी अगली नौकरी या आर्थिक कार्य से कितनी दूर हैं, और फिर अपने बनाए नियमों का कड़ाई से पालन करें। कई जगह यदि वांछित अर्हताओं की तुलना में आपके स्तर में कुछ कमियां आड़े आती हैं, तो कई बार जरूरी से ज्यादा योग्यताएं भी बाधा बन जाती हैं। इसलिए, सही जगह पर क्लिक करने तक आपको इंतजार तो करना ही होगा, प्रयासों के साथ किया जाने वाला इंतजार।
9. खर्चों पर नियंत्रण रखने की रणनीति पर अमल करने की आपकी मजबूरी को न समझते हुए, यदि आपके मित्र आपकी संगत में खुद को असहज महसूस करने लगें, तो इस मित्रता की समीक्षा करने की जरूरत है। सही मित्र वह है, जो आपकी पूरी परिस्थिति के प्रति एक संवेदनशील सोच रखता है और यदि आप तथाकथित 'स्टेट्स' के चलते, अपनी चादर से बाहर पैर निकालने का प्रयास करते हैं, तो वह आपको सचेत भी करता है।
10. अपने विकल्पों के बारे में बात करते समय सकारात्मक भाषा प्रयोग करिए और दृढ रहिए। आर्थिक स्थिति के बारे में लगातार संदर्भों से बचें, जो नई नौकरी के रास्ते में बाधा उपस्थित करते हैं। यह नैतिक रूप से उत्तम है। अगर आप इन बातों का विश्वास करते हैं तो सही व्यक्ति तक आप जल्दी पहुंच सकेंगे।
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