मीठे पर नमक डाला और जले निवेशक
शेयर बाजार में एक बार फिर चीनी कंपनियों के शेयरों को लेकर खूब हलचल मची हुई है। कुछ मीडिया और रिसर्च हाउस यह रिपोर्ट बार बार पेश कर रहे हैं अब चीनी कंपनियों के शेयरों में बड़ी तेजी है या फिर मंदी आने वाली है। कई बार तो खबरों को इस तरह से पेश किया जा रहा है कि अनेक निवेशकों ने कल ही चीनी कंपनियों के शेयरों में कड़वा स्वाद चखा। सरकार चीनी निर्यात की अनुमति नहीं देगी, इस खबर को फैलाकर चीनी शेयरों के निवेशकों को कल मीडिया ने झटका दिया। जबकि खबर का गलत अर्थ निकाला गया है। असली बात यह है कि सरकार ने 30 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है जो साढ़े सात लाख टन के चार चरणों में दी गई है। यानी साढ़े सात लाख टन चीनी का निर्यात होने के बाद दूसरे साढ़े सात लाख टन निर्यात की अनुमति दी जाएगी। जबकि कल एक मीडिया हाउस ने चीनी निर्यात के पहले चरण को पूरा होने की घोषणा के बाद जस्ट इन कहकर सरकार चीनी निर्यात की अनुमति नहीं देगी कहा और चीनी शेयर तीन से पांच फीसदी नीचे आ गिरे।
सरकार ने अप्रैल से जून के लिए चीनी का फ्री सेल कोटा दस फीसदी कमकर 38 लाख टन दिया है। जबकि चीनी निर्यात के दूसरे चरण का रिलीज ऑर्डर अब जारी किया जाएगा। साथ ही चीनी पर सब्सिडी देने या न देने का फैसला भी एक दो दिन में हो जाएगा। इस तरह के अनेक कारणों से ही चीनी के दाम 250/300 रुपए प्रति टन बढ़े हैं। ऐसे में खबर की गलत प्रस्तुति चीनी निवेशक जो पहले ही ऊपर में शेयर खरीदकर फंसे हुए हैं, पर नमक छिड़का जा रहा है।
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