पी चिदम्बरम भी नहीं भर पाते सरल...
आज से चालू वित्त वर्ष का आखिरी सप्ताह शुरू हो गया है और इसके साथ ही कर रिटर्न भरने की कसरत चालू हो गई है। लोगों को फोन करो तो कहते हैं कि यार बाद में बात करते हैं...सीए के पास बैठा हूं...कर वकील के दफ्तर में हूं....अकाउंटस तैयार करने में फंसा हूं तो फार्म 16 जल्दी से जुटाना है ताकि रिटर्न दाखिल कर पिंड छुडाऊं इस साल के लिए। लेकिन क्या आपको पता है कि हमारे वित्त मंत्री भी बगैर कर सलाहकार के अपना रिटर्न नहीं भर सकते। भले ही फॉर्म का नाम सरल रखा गया हो।
गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश मोहित शाह का कहना है कि आयकर से जुड़े कानून इतने जटिल हैं कि खुद वित्त मंत्री, कानून मंत्री और प्रधानमंत्री भी कर सलाहकार की सहायता के बगैर अपने कर रिटर्न नहीं भर सकते। मोहित शाह ने यह खास बात गुजरात फैडरेशन ऑफ टैक्स कंसलटेंट के सहयोग से आयोजित कराधान 2007 नामक राष्ट्रीय अधिवेशन में कही। उनका मत था कि करदाता पैसा और समय खर्च कर कर कानूनों पर न्यायालयों से स्पष्टता पाते हैं लेकिन वित्त मंत्री इन फैसलों का लाभ लोगों द्धारा उठाने से पहले ही कानून में बदलाव कर देते हैं और ऐसे परिवर्तनों को बैक डेट से लागू कर देते हैं।
गुजरात हाईकोर्ट के न्यायाधीश मोहित शाह का कहना है कि आयकर से जुड़े कानून इतने जटिल हैं कि खुद वित्त मंत्री, कानून मंत्री और प्रधानमंत्री भी कर सलाहकार की सहायता के बगैर अपने कर रिटर्न नहीं भर सकते। मोहित शाह ने यह खास बात गुजरात फैडरेशन ऑफ टैक्स कंसलटेंट के सहयोग से आयोजित कराधान 2007 नामक राष्ट्रीय अधिवेशन में कही। उनका मत था कि करदाता पैसा और समय खर्च कर कर कानूनों पर न्यायालयों से स्पष्टता पाते हैं लेकिन वित्त मंत्री इन फैसलों का लाभ लोगों द्धारा उठाने से पहले ही कानून में बदलाव कर देते हैं और ऐसे परिवर्तनों को बैक डेट से लागू कर देते हैं।
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