हिंदुस्तान की शान है यह...जिंक
स्टरलाइट समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड एक बेहतर शेयर है और इसमें बाजार की चाल से अधिक गर्मी की संभावना दिखाई दे रही है। हालांकि, लंदन मेटल एक्सचेंज में जिंक के दाम 4619 डॉलर प्रति टन की ऊंचाई से तकरीबन 30 फीसदी गिर चुके हैं जिसकी वजह से हिंदुस्तान जिंक का शेयर नवंबर 2006 के दाम 1020 रुपए प्रति शेयर से 40 फीसदी लुढ़क चुका है। जिंक यानी जस्ते के भावों में यह कमी चीन के वर्ष 2006 में 70 लाख टन के शुद्ध निर्यातक के रुप में पलटने से आई। जबकि इससे पहले चीन दो वर्ष तक जिंक का आयातक देश था। हालांकि, यह उम्मीद की जा रही है कि चीन वर्ष 2007 में भी रिफाइंड जिंक का शुद्ध निर्यातक बना रहेगा। जिंक के दामों में तेजी और वोल्यूम बढ़ने से हिंदुस्तान जिंक का नकद प्रवाह यानी कैश फ्लो मजबूती से बढ़ा है। वर्ष 2007 में कंपनी का लिक्विड इनवेस्टमेंट 34.8 अरब रुपए रहेगा। इसे यदि प्रति शेयर नकद में बदला जाए तो यह राशि होगी 82.3 रुपए। इसी तरह प्रति शेयर आय यानी ईपीएस 112 रुपए रहेगा। कंपनी के कामकाज और योजनाओं से यह लगता है कि इसमें गिरावट का जो समय आया था, वह पूरा हो चुका है और अब यह स्टॉक बेहतर लाभ दिला सकता है। अगले दो सालों में कंपनी के कारोबार में 25 फीसदी की सालाना औसत बढ़ोतरी होगा और यह 5.64 लाख टन तक पहुंच जाएगा। वर्ष 2009 की पहली तिमाही में इसकी नई क्षमता जो 2.65 लाख टन की है, कार्य करने लग जाएगी। इस बड़ी क्षमता के साथ यह माना जा रहा है कि इसका अनुमानित लाभ वर्ष 2008 के 35.4 अरब रुपए से बढ़कर वर्ष 2009 में 41.7 अरब रुपए दिखाई देगा। यह भी माना जा रहा है कि जिंक के दाम वर्ष 2008 में कम होकर 2750 डॉलर प्रति टन और वर्ष 2009 में 2500 डॉलर प्रति टन रह जाएंगे। दामों में कमी का यह अनुमान जिंक के वर्ष 2007 के सरप्लस 37.6 हजार टन के आधार पर लगाया गया है। हिंदुस्तान जिंक की स्थापित क्षमता में बढ़ोतरी होने से इसकी उत्पादन लागत वर्ष 2010 तक 8/10 फीसदी की कमी देखने को मिलेगी और यह 625/650 डॉलर प्रति टन आ सकती है, जबकि वर्ष 2006 में यह 691 डॉलर प्रति टन थी। हिंदुस्तान जिंक के बेहतर कार्य प्रदर्शन को देखते हुए इसका शेयर 775 रुपए के स्तर को छू सकता है। हिंदुस्तान जिंक का शेयर आज 648 रुपए पर बंद हुआ है।
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