आखिरी तेजी, वो क्या होता है..!
शेयर बाजार को गिराने की तैयारी !....ब्लॉग पर लिखने के बाद अनेक निवेशक मित्रों के फोन आए कि क्या यह आखिरी तेजी है। सारे शेयर बेच बाचकर फ्री हो जाएं क्या। क्या होगा, समझ नहीं आता, आदि आदि। शीत पेय थम्स अप का एक विज्ञापन आता है जिसमें फिल्मी हीरो अक्षय कुमार कहता है कि आखिरी थम्स अप, वो क्या होता है.........यही कहना है कि हमारा शेयर बाजार के बारे में। आखिरी तेजी वो क्या होती है। मंदी और तेजी बाजार के दो पहलू हैं जैसे की रात और दिन।
हम आज भी अपनी इस पुरानी बात पर कायम हैं कि भारतीय शेयर बाजार का सेंसेक्स 17 हजार अंक को छू जाएगा और अगले साल दिवाली के बाद दिसंबर अंत तक 25 हजार अंक के आसपास होगा। सभी फंडामेंटल्स और तकनीकी स्थिति को देखते हुए सेंसेक्स के पायदान में बदलाव की हमें कोई जरुरत महसूस नहीं हो रही है। लेकिन बाजार में चल रही अंदरुनी हलचल का ज्योंहि हमें पता चला हमने आम निवेशक को यह अवगत कराना अपनी जिम्मेदारी समझा और लिखा ‘शेयर बाजार को गिराने की तैयारी !’
हालांकि, हम यह भी साफ कर दें कि जब महासागर में भयंकर तूफानी लहरें उठती हैं तो छोटी मोटी नौकाएं डूब जाती हैं। ऐसे में केवल कोलम्बस और वास्कोडिगामा जैसे नाविक ही सफल हो पाते हैं। इसी तरह भयंकर तूफानी लहरें जब शेयर बाजार में उठती हैं तो शेयरों में दैनिक कारोबार करना कमजोर दिल वालों के बस का रोग नहीं होता। उन्हें तो केवल लांग टर्म यानी लंबी अवधि का निवेश ही करना चाहिए। हम अपने इस ब्लॉग पर समय समय पर यह बताते रहे हैं कि कौन कौन सी कंपनियां लंबे समय के निवेश पर बेहतर रिटर्न देंगी। हालांकि, मजा भयंकर तूफान के समय ही खेलने का आता है और इस तूफान में जो नाविक पूरी सूझबूझ और तैयारी के साथ उतरता है वही पैसा कमा पाता है। हम एक बार फिर निवेशकों से कह रहे हैं कि वे अपने पास रखें क्रीम शेयरों को गिरावट के दौर में न बेचें और धैर्य बनाए रखें, सफलता उनके हाथ जरुर लगेगी। यदि फिर भी मन घबरता हो तो जहां मुनाफा मिल रहा हो, उसे गांठ बांध लें एवं गिरावट के समय फिर से अपने शेयर खरीद लें।
शेयर बाजार को गिराने की तैयारी.. का एक पैरा फिर से रिपीट कर रहा हूं कि आपने कहावत सुनी होगी कि मौत के अनेक बहाने....सेबी ने डीएलएफ के पब्लिक इश्यू को अपनी मंजूरी दे दी है और यह आईपीओ 13600 करोड़ रूपए का होगा। पहले भी यह समूह अपना पब्लिक इश्यू लाना चाहता था लेकिन कुछ न कुछ अवरोधों ने इसे रोक दिया। डीएलएफ यदि सफल होता है तो बाजार में नंबर वन और नबंर टू की लड़ाई शुरू हो जाएगी, जिसको देखते हुए नंबर वन कभी नहीं चाहेगा कि कोई उसके मुकाबले खड़ा हो सके। यह नंबर वन भारत का एक औद्योगिक घराना है जो अब सैकंडरी बाजार को तोड़ने के साथ रियॉलिटी स्टॉक का दम निकालने की तैयारी कर रहा है ताकि डीएलएफ के पब्लिक इश्यू को बेदम किया जा सके। इस घराने ने मंदी के ऑपरेटरों के साथ बैठकें करनी शुरू कर दी है। मंदी के ऑपरेटरों ने अपने तेजी के सौदे काटकर मंदी का खेल शुरू कर दिया है। तो तैयार हो जाइए तूफान का आनंद लूटने के लिए....यह आपको सोचना है कि आप किनारे से दूर खड़े रहेंगे या फिर कोलम्बस और वास्कोडिगामा की तरह अपनी नावों को महासागर का सीना चीरते हुए आगे बढ़ाएंगे।
टिप्पणियाँ
वैसे मेरे ज्योतिष ज्ञान के अनुसार इस सप्ताह बाजार में अच्छी खासी मंदी आएगी। शुक्रवार थोडा बेहतर रहने की उम्मीद है।