शेयर ब्रोकर दोस्‍त नहीं !


दुनिया के सबसे चतुर निवेशक वारेन बफैट का कहना है कि ब्रोकर आपका दोस्‍त नहीं है। वह एक डॉक्‍टर की तरह होता है जो मरीज से दवा के बदले शुल्‍क लेता है। बेहद सटीक और सही बात है, लेकिन हम अपने शेयर दलाल के बारे में कितना जानते हैं और कितना नहीं, यह खुद से पूछिए। हमें लगता है कि ज्‍यादातर निवेशक अपने शेयर दलाल का नाम, उसकी फर्म और उसके फोन नंबर से अधिक कुछ नहीं जानते। क्‍या आपने कभी सोचा है जो शेयर आप खरीद रहे हैं या बेच रहे हैं, वे किसके ज्ञान के आधार पर। आप खुद रिसर्च करते हैं या फिर शेयर ब्रोकर से पूछकर निवेश कारोबार करते हैं। अपने आप से सच जानिए। यहां भी एक बात साफ है कि अधिकतर निवेशक अपने शेयर ब्रोकर पर भरोसा करते हैं कि वह जो भी बता रहा है, मेरे फायदे के लिए बता रहा है। कई निवेशक यह कहते मिल जाएंगे कि मेरा शेयर ब्रोकर तो मुझे एक दिन पहले ही बता देता है कि फलां कंपनी के शेयर खरीदें या बेच दें। अथवा मैं कल आपके फलां शेयर बेचकर अमुक कंपनी के शेयर खरीद लूंगा और एक निवेशक चुपचाप इसे स्‍वीकार कर लेता है। वह यह सोचता है कि उससे बड़ी वित्‍तीय स्थिति लेकर बैठा ब्रोकर उससे कहीं ज्‍यादा जानता है और वह उसके फायदे के लिए ही यह सब कर रहा है। कई लोग तो धन पशु होते हैं जिनके पास पैसा होता है लेकिन शेयर क्‍या है और कैसी कंपनी में निवेश करें वह भी उन्‍हें मालूम नहीं होता।

अधिकतर निवेशक अपने शेयर ब्रोकर के कंधे पर सवार होकर पैसा कमाना चाहते हैं, लेकिन क्‍या आपने कभी सोचा कि शेयर ब्रोकर केवल और केवल आपके फायदे के लिए ही कार्य कर रहा है। यदि यह नहीं सोचा तो इस शनिवार और रविवार को सोच लें। असल में शेयर ब्रोकर आपका दोस्‍त नहीं होता बल्कि आपको ऐसा लगता है, लेकिन असल में आप तो उसके कहने से बाजार में घट रही घटनाओं के आधार पर चल रहे होते हैं यानी ब्रोकर आपका संचालन कर रहा होता है। ब्रोकर ने कहा कि बाजार गिरेगा, बढ़ेगा, यह खरीदो, वह बेचो.......लेकिन क्‍यों....क्‍या आपने अपने दिमाग का इस्‍तेमाल किया कि कहीं आप दुनिया की बेहतर बनने जा रही कंपनी के शेयर पूरी कमाई करने से पहले ही तो नहीं बेच रहे हैं या फिर बाजार में आई गिरावट या बढ़त कायम रहेगी, लंबी अवधि में बाजार किस दिशा में जाएगा जबकि फंडामेंटल भी सामने हो। लेकिन इतनी बातें अधिकतर निवेशक सोचते ही नहीं। हम आपसे कह सकते हैं कि यदि आपने थोड़ा भी सोचा तो एक उम्‍दा निवेशक बन सकते हैं।

दूसरा, शेयर ब्रोकर हर बार सौदे करवा कर आपसे अपना कमीशन यानी ब्रोकरेज बना रहा है। वह तो चाहता ही है कि आप अधिक से अधिक ट्रेडिंग करें और भरपूर कमीशन ब्रोकर के बैंक खाते की शोभा बढ़ाए। मान लीजिए आप सोचते हैं कि पेराडाइन इंफोटेक का शेयर अगले दो साल में 700 रुपए तक जाएगा लेकिन ब्रोकर आपको कहेगा कि देखों 225 रुपए हो गया है, अब एक बार बेच दो, फिर ले लेना। आपने कहा कि आपको ठीक लगता है ना, ब्रोकर ने कहा जी। बस आपने अपने शेयर बेच दिए लेकिन 218 आते आते उसने कहा खरीद लेता हूं और खरीद लिए। अब उल्‍टी स्थिति होती है और आपसे शार्ट सेल करवा लिया कि बाजार तो गिरेगा और आपने ऐसा ही किया लेकिन दावं उल्टा गिरा तो। कहने का अर्थ यह है कि जब आपको पता है कि यह 700 रुपए तक जाएगा तो क्‍यों आप एक बेहतर कंपनी के शेयर को बेच रहे हैं बल्कि अपनी क्षमता के अनुरुप खरीदें ताकि बड़ी मात्रा को जब कई साल बाद बेचें तो खूब मुनाफा हो। लेकिन ट्रेडिंग में तो शेयर ब्रोकर की पौ बारह रहती है। इसमें सबसे बड़ा खतरा यह होता है कि एक बार आपने बेहतर कंपनी के शेयर बेच दिए और सोचा बाद में फिर खरीद लेंगे लेकिन खरीद नहीं पाए क्‍योंकि यह तेजी से बढ़ रहा है या आपका निवेश किसी और कंपनी में फंस गया एवं धन नहीं है तो आप फिर से इस कंपनी के शेयर नहीं खरीद सकते और महसूस करते हैं कि आपकी फ्लाइट छूट गई।

शेयर ब्रोकर असल में बेहद चतुर वित्‍तीय विशेषज्ञ होते हैं जो एक सेल्‍समैन की तरह कार्य करते हैं ताकि उनका कमीशन एवं ब्रोकरेज अधिक से अधिक बने। वे तो चाहते हैं कि आप अधिक से अधिक शेयर खरीदे और बेचें लेकिन उनके कहे अनुसार। शेयर होल्‍ड करने की स्थिति में आपको वे रखना पसंद नहीं करेंगे। हम आपको एक बात कहना चाहेंगे कि जब सभी वित्‍तीय सलाहकार कह रहे हैं कि भारतीय शेयर बाजार का सेंसेक्‍स आने वाले दो साल, तीन साल, पांच साल में 25 हजार या 35 हजार पहुंच जाएगा क्‍योंकि अर्थव्‍यवस्‍था वाकई बेहतर कार्य कर रही है तो फिर आप अपना निवेश सेंसेक्‍स आधारित शेयरों में ही क्‍यों नहीं लगाते और इसके लिए क्‍या जरुरत है शेयर ब्रोकर के इशारे पर बिजनैस करने की। सेंसेक्‍स तो तभी बढ़ेगा ना, जब इसमें शामिल कंपनियों के शेयर बढ़ेंगे। तो फिर तैयार हो जाए खुद विमान के पायलट सीट पर बैठने के लिए और ब्रोकर को बैठाइए यात्री सीट पर।

टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
good writing with good information..
ब्रोकर के बारे में सही कहा है कि निवेशक जितना अधिक क्रय विक्रय करेगा ब्रोकेरेज उतनी ही ज्‍यादा होगी ब्रोकर के लिये ।
मुम्बई स्टाक एक्सचेंज का संवेदी सूचकांक जिसे संक्षेप में सेंसैक्स कहा जाता है, जो वहां के सर्वोच्च 30 शेयरों पर आधारित है। उन 30 शेयरों के नाम क्या है ?

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