शेयर बाजार में उछाल रहेगा लेकिन झटके खाकर
भारतीय शेयर बाजार बीएसई के केवल छह दिन में 16 से 17 हजार अंक का सफर तय करते ही निवेशकों के चेहरे मुस्करा उठे। इस सफर में मिड कैप और स्माल कैप की अनेक कंपनियों ने बढ़त हासिल की जिससे तकरीबन सभी निवेशकों को लाभ हुआ है। क्रिकेट के ट्वेंटी ट्वेंटी मैच की तरह सेंसेक्स ने जो छलांग लगाई है उसके बाद सभी ब्रोकरेज हाउस और निवेश सलाहकार यह कह रहे हैं कि अब 20 हजार, 25 हजार और 30 हजार का सेंसेक्स जल्दी ही दिखेगा। वाह मनी लंबे समय से कह रहा है कि सेंसेक्स वर्ष 2008 में दिवाली के बाद कभी भी 25 हजार अंक पहुंच जाएगा...देखें यहां...।
सेंसेक्स का बढ़ना कोई अचरज की बात नहीं है। भारतीय अर्थव्यवस्था में जो सुधार का शंख पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंहराव ने फूंका उसे अब उस जमाने के वित्त मंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बढ़ा रहे हैं। देश में सरकार किसी भी दल की आ जाए, उस पर इतने दबाव रहेंगे कि वह चाहकर भी आर्थिक सुधारों को रोक नहीं सकेगी, भले ही इसकी गति धीमी हो। परिवर्तन संसार का नियम है और ऐसे में पीछे लौटा भी नहीं जा सकता। भारत सहित अनेक देशों के शेयर सूचकांक पिछले पांच सालों में इतनी तेजी से बढ़े हैं कि अभी इन पर लगाम नहीं लगेगी। लेकिन एक सत्य को स्वीकार करना होगा कि जो मुनाफा आज आप की जेब में जा सकता है, वह कल किसी और का हो सकता है। वाह मनी की राय में निवेशकों को शेयरों की आंशिक बिकवाली करते रहना चाहिए और मुनाफा वसूली में ही फायदा है।
इतिहास गवाह है कि शेयर बाजार बड़ी बढ़त के बाद गिरा भी है। यदि आप ऑपरेटरों और पंटरों के मन को पढ़ सकते हैं तो यह जान लें कि जब बाजार में चौतरफा यह तय हो जाता है कि बाजार में अब गिरावट नहीं आएगी और यह उठता ही रहेगा तभी इतना तगड़ा झटका दिया जाता है कि निवेशकों की बड़ी संख्या संभल ही नहीं पाती। कई बार यह धक्का प्यार से दिया जाता है....यानी 80/100/150 अंक की रोज रोज गिरावट एवं आम निवेशक यह सोचता रहता है कि आज गिरा है, कल बाजार उठेगा। परसों तो दम आएगा ही....लेकिन ऐसा नहीं होता और पता चलता है कि बाजार तो डेढ़ हजार अंक का गोता लगा गया।
ऑपरेटर आम आदमी के मन को बेहतर ढंग से पढ़ना जानते हैं और हम नहीं क्योंकि आम आदमी अपने बढ़ते मुनाफे को देख देखकर कागज पर हिसाब जोड़ता जाता है लेकिन जब गिरावट आती है तो रोता है। वाह मनी पहले ही कह चुका है कि दस अक्टूबर के बाद शेयर बाजार में गिरावट आएगी, हां तब तक आप जितना खेलना चाहते हैं, जरुर खेलें। भारत के वन डे क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जिस तरह जोश में होश बनाए रखा और देश को विश्व विजेता बनाया, उससे काफी सीखने की जरुरत है और आम निवेशक इससे काफी कुछ सीख सकता है।
सेंसेक्स का बढ़ना कोई अचरज की बात नहीं है। भारतीय अर्थव्यवस्था में जो सुधार का शंख पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंहराव ने फूंका उसे अब उस जमाने के वित्त मंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह बढ़ा रहे हैं। देश में सरकार किसी भी दल की आ जाए, उस पर इतने दबाव रहेंगे कि वह चाहकर भी आर्थिक सुधारों को रोक नहीं सकेगी, भले ही इसकी गति धीमी हो। परिवर्तन संसार का नियम है और ऐसे में पीछे लौटा भी नहीं जा सकता। भारत सहित अनेक देशों के शेयर सूचकांक पिछले पांच सालों में इतनी तेजी से बढ़े हैं कि अभी इन पर लगाम नहीं लगेगी। लेकिन एक सत्य को स्वीकार करना होगा कि जो मुनाफा आज आप की जेब में जा सकता है, वह कल किसी और का हो सकता है। वाह मनी की राय में निवेशकों को शेयरों की आंशिक बिकवाली करते रहना चाहिए और मुनाफा वसूली में ही फायदा है।
इतिहास गवाह है कि शेयर बाजार बड़ी बढ़त के बाद गिरा भी है। यदि आप ऑपरेटरों और पंटरों के मन को पढ़ सकते हैं तो यह जान लें कि जब बाजार में चौतरफा यह तय हो जाता है कि बाजार में अब गिरावट नहीं आएगी और यह उठता ही रहेगा तभी इतना तगड़ा झटका दिया जाता है कि निवेशकों की बड़ी संख्या संभल ही नहीं पाती। कई बार यह धक्का प्यार से दिया जाता है....यानी 80/100/150 अंक की रोज रोज गिरावट एवं आम निवेशक यह सोचता रहता है कि आज गिरा है, कल बाजार उठेगा। परसों तो दम आएगा ही....लेकिन ऐसा नहीं होता और पता चलता है कि बाजार तो डेढ़ हजार अंक का गोता लगा गया।
ऑपरेटर आम आदमी के मन को बेहतर ढंग से पढ़ना जानते हैं और हम नहीं क्योंकि आम आदमी अपने बढ़ते मुनाफे को देख देखकर कागज पर हिसाब जोड़ता जाता है लेकिन जब गिरावट आती है तो रोता है। वाह मनी पहले ही कह चुका है कि दस अक्टूबर के बाद शेयर बाजार में गिरावट आएगी, हां तब तक आप जितना खेलना चाहते हैं, जरुर खेलें। भारत के वन डे क्रिकेट कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जिस तरह जोश में होश बनाए रखा और देश को विश्व विजेता बनाया, उससे काफी सीखने की जरुरत है और आम निवेशक इससे काफी कुछ सीख सकता है।
टिप्पणियाँ
सैन्सेक्स आज 17000 की ऊंचाईयां छू रहा है लेकिन इसमे जिस तेजी से उछाल आया है, उसी तेजी से गिरावट की संभावना से भी इंकार नही किया जा सकता।सही कहा आपने। जोश मे होंश नही खोने है।