गोलमाल है भाई सब गोलमाल है....


भारतीय शेयर बाजार पूरी तरह कंप्‍यूटरीकृत होने और सेबी की कड़ी नजर से शेयर बाजार में गोलमाल न होने की छवि रखने वाले आम निवेशक यह जान लें कि हरिदास मूंदडा, हर्षद मेहता और केतन पारेख से भले ही अब यह बाजार बचा हुआ हो लेकिन यहां अभी भी काफी कुछ गोलमाल है और यह गोलमाल हमेशा बना रहेगा। हम आपको बताते हैं कि शेयर बाजार में कैसे सांकेतिक भाषा में गोलमाल चलता है ताकि फोन रिकार्डिंग होने के बावजूद कोई पकड़ा नहीं जा सके।

माहौल है--देश के एक विख्‍यात संस्‍थागत शेयर ब्रोकिंग हाउस के इक्विटी डिलिंग रुम का। जहां इसके एक सेल्‍स टीम सदस्‍य श्रीमान एक्‍स बैठे हैं जिन्‍हें एक विदेशी ग्राहक ने एनटीपीसी के दस लाख शेयर अमुक भाव पर खरीदने का ऑर्डर दिया है। इसके बाद श्रीमान एक्‍स के पास एक फोन आता है और इस फोन की आस पहले से ही श्रीमान एक्‍स को थी। बस अब बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज के खुलने में केवल दस मिनट बचे हैं। फोन पर श्रीमान एक्‍स से ग्राहक बाजार की सामान्‍य बातचीत करता है और पूछता है कि आज लंदन शेयर बाजार कैसा रहेगा। श्रीमान एक्‍स का जवाब है मेरे ख्‍याल से अच्‍छा रहेगा। सर, मैं इस समय व्‍यस्‍त हूं और आपसे इस संबंध में रात दस बजे बात करुंगा। जबकि हकीकत यह है कि ग्राहक ने फ्रंट रनिंग के सौदे की टिप्‍स इस सांकेतिक भाषा में दी। तकनीकी रुप से देखें तो कोई भी ग्राहक द्धारा खरीद या बिक्री का बड़ा ऑर्डर दिए जाने से पहले कोई कारोबारी इस सौदे की जानकारी के आधार पर उसका गलत तरीके से लाभ उठाने के लिए पोजीशन ले उसे फ्रंट रनिंग कहा जाता है।

डिलिंग रुम में आए इस फोन के बंद होने के बाद ऑपरेटर जिसे बाजार में कोबरा के नाम से जाना जाता है अपने खुद के डीलर को बाजार खुलते ही एनटीपीसी के एक लाख शेयर खरीदने और दिन में पांच रुपए बढ़ते ही बेच देने की सूचना देता है। इस तरह दोनों सौदे पूरे होने के बाद आर 001 नामक खाते में एनटीपीसी के 25 हजार शेयर खरीदने की सूचना भी दी जाती है। बड़े ग्राहक विदेश से शेयर खरीदने की सूचना ईमेल पर देते हैं ताकि जल्‍दी से इस खेल को कोई पकड़ न सके। हालांकि भारत और दूसरे देशों के समय में अंतर होने से ऐसे ऑर्डर कई घंटे पहले रात में ही आ जाते हैं।

ऐसी कारोबारी सूचनाओं के लिए श्रीमान एक्‍स ने कोबरा को फ्रंट रनिंग सौदे के लिए जो टिप्‍स दी वह सांकेतिक भाषा में दी गई। इस बातचीत में एनटीपीसी के लिए लंदन और दस लाख शेयर के ऑर्डर के लिए रात को दस बजे को कोड के रुप में इस्‍तेमाल किया गया। इस टिप्‍स देने की व्‍यवस्‍था के तहत संबंधित ब्रोकिंग कंपनी अपने ग्राहक के लिए दस लाख शेयर की खरीद करने से पहले ही कोबरा इस शेयर में बड़ी पोजीशन लेने की तैयारी करते हैं और साथ ही श्रीमान एक्‍स के लिए भी कुछ शेयर खरीदना चाहते हैं। शेयर बाजार खुलते ही एक लाख शेयर की खरीद करने के बाद विदेशी ग्राहक के लिए शेयर खरीदे जाते हैं और शेयर का भाव बढ़ते ही कोबरा अपने शेयर बेचकर मुनाफा बुक करना चाहते हैं। इस लाभ में से कुछ हिस्‍सा श्रीमान एक्‍स को भी दिया जाना है। यदि विदेशी ग्राहक ने शेयर बेचने का ऑर्डर दिया होता तो कोबरा भी शेयर बेचते और मुनाफा काटते। हम आपको बता दें कि सभी मुख्‍य संस्‍थागत ब्रोकिंग कंपनियों के डिलिंग रुम के सभी फोन रिकॉर्ड होते हैं और वहां मोबाइल फोन का इस्‍तेमाल नहीं किया जा सकता।

फ्रंट रनिंग की शंका होने पर सेबी का जांच अधिकारी कोबरा और श्रीमान एक्‍स के बीच हुई बातचीत के टेप सुने तो भी दोनों के बीच कोई गठजोड़ हुआ है, साबित करना मुशिकल है। ऐसे गोलमाल से जुड़े कारोबारी समय समय पर सांकेतिक भाषा बदलते रहते हैं। ऑर्डर के लिए सप्‍ताह के विभिन्‍न वारों का जैसे रविवार एक लाख, सोमवार दो लाख....यूज किए जाते हैं। इसी तरह तय समय या महीने की अमुक तारीख का सहारा लिया जाता है। इसी तरह एक शेयर के लिए दूसरे शेयर के नाम का सहारा लिया जाता है। मसलन इस्‍पात इंडस्‍ट्रीज अच्‍छा लगता है तो इसका अर्थ होगा कि टिस्‍को में खरीद करें। यदि टिस्‍को बेचना हो तो कहा जाएगा कि इस्‍पात कमजोर लग रहा है।

1990 के दशक के मध्‍य से 2004 तक फ्रंट रनिंग काफी आक्रामक रुप से चलता था। इस समय फ्रंट रनिंग के बारे में शेयर बाजार के खिलाड़ी एकमत नहीं हैं। कुछ खिलाड़ी कहते हैं कि पहले बाजार सीमित दायरे में चलता था और मुनाफा कमाने का मौका बहुत कम मिलता था, ऐसे में फ्रंट रनिंग खूब होता था लेकिन अब बाजार काफी व्‍यापक है और मुनाफा कमाने के मौके खूब हैं जिससे फ्रंट रनिंग नहीं होता। इस समय शेयर बाजार के खिलाड़ी अपने अनुमान से कहीं अधिक कमा रहे हैं। इस वजह से कोई खिलाड़ी अपने कैरियर को दांव पर नहीं लगाएगा। जबकि अनेक खिलाड़ी कहते हैं कि फ्रंट रनिंग कम नहीं हुआ है। बल्कि अब खूब बड़े सौदे होते हैं और खिलाडि़यों को कैश सौदों में रुचि नहीं है। संस्‍थागत निवेशकों की रुचि एफ एंड ओ में बढ़ रही है। फ्रंट रनिंग के खेल में इक्विटी सेल्‍स स्‍टॉफ और डीलर तो केवल मोहरे हैं।

खेल तो चालू है
सेबी ने हाल में यूटीआई सिक्‍युरिटीज के एक डीलर, एमके शेयर एंड स्‍टॉक ब्रोकर्स के एक सब ब्रोकर और प्रयास सिक्‍युरिटीज के एक निदेशक पर बल्‍लारपुर इंडस्‍ट्रीज के शेयर में कारोबार करने संबंधी रोक लगाई है। यह रोक कथित फ्रंट रनिंग की वजह से लगाई गई है। सेबी ने फ्रंट रनिंग के तहत यह पहला कदम उठाया है। हालांकि, फ्रंट रनिंग और इनसाइडर ट्रेडिंग को साबित करना काफी कठिन होता है। सेबी को यदि ऐसे खिलाडि़यों के फोन और ईमेल पर नजर रखने का अधिकार मिले तो काफी हद तक ऐसे गोलमाल पर काबू पाया जा सकता है।

टिप्पणियाँ

बेनामी ने कहा…
कमल जी
नमस्ते
आपने एक अच्छी जानकारी दी है। इसी तरह की एक पहल मुझे नारदवाणी डॉट कॉम नाम की एक वेबसाइट पर देखने को मिली। इस वेबसाइट ने शेयर बाजार में रुचि रखने वाले लोगों के लिए हिंदी भाषा में "शेयर मंथन" के नाम से एक दैनिक ईमेल पत्रिका प्रारंभ की है। इस पत्रिका को ईमेल पर पाने के लिए एक फार्म भरना पड़ता है जिसके बाद से यह ईपत्रिका दैनिक आने लगती है। मैंने भी फार्म भर दिया और दूसरे दिन से मुझे भी यह ईपत्रिका मेरे ईमेल के पते पर आने लगी। यह पत्रिका शेयर बाजार के विशेषज्ञों की राय सामने रखती है। पाठकों को शेयर बाजार से जुड़े तमाम सवालों को पूछने का भी मौका दिया गया है। वेबसाइट ने यह सेवा एकदम निःशुल्क प्रदान कर रही है। वैसे अचरज की बात है कि इस वेबसाइट पर यह पत्रिका नहीं रखी गयी है, केवल ईमेल पर भेजी जा रही है। फिर भी यह उपयोगी है। अगर आपके पास समय हो तो इस वेबसाइट www.naradvani.com पर एक नजर डालें।
बेनामी ने कहा…
Hi Mr. Kamal

Thanx! It's really a usefull information for traders and investors.
Poonam Misra ने कहा…
एक लिंक भेज रही हूँ.इसकी जानकारी आप के चिट्ठे के लिये आवश्यक हो.कृपया इस पर विस्तार से बताएं भी
http://blog.investraction.com/2007/10/sebi-introduces-legislation-for.html

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