दलाल स्ट्रीट में नागा साधुओं का शाही स्नान
मेरा भारत महान के सबसे बड़े शेयर बाजार की बिल्डिंग के एक दरवाजे पर लगे भोलेनाथ के नंदी यानी लोकल भाषा के सांड को जब से हटाने की मांग हो रही है, हम भी अंतिम दर्शन करने वहां पहुंच गए कि ऐसा क्या खास है कि इस नंदी महाराज में कि शेयर बाजार के गेट पर खड़े होते ही सुपरसोनिक विमान पर बैठी तेजी को जमीन सूंघा दी। तेजी के सारे तारों ने जैसी ही जमीन सूंघी, सारे निवेशकों को भी नंदी महाराज के मालिक भोलेनाथ का सांप सूंघ गया।
नंदी महाराज के अंतिम दर्शन करने हम उनके पास पहुंचे। शीश नवाया कि हे सांड महाराज हमारे शेयरों पर अपने सींग मत मार देना नहीं तो हम कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं बचेंगे। जिस बैंक से पर्सनल लोन लिया है, जिन पहचान वालों से एक का दो करने के बहाने रोकड़ा लेकर कमीशन देने का वादा किया है, वे हमारी बनियान और चड्डी तक उतार लेंगे। यह प्रार्थना कर ही रहे थे कि देखा तेजी तो दलाल स्ट्रीट में पानी बगैर मछली की तरह छटपटा रही थी और नंदी महाराज दे सींग पर सींग मारे जा रहे थे। हमने कहा बम भोले...ये क्या कर दिया नंदी महाराज। आपकी पहचान तो इस तेजी से है और आपने तो इसे ही हलाल कर दिया।
नंदी महाराज चुपचाप इसमें जान फूंकिए अन्यथा अभी यहां ऐसे ब्रोकरों का जमघट लग जाएगा जिनमें से किसी के पास भी इस शेयर बाजार का कार्ड नहीं है। 22 से 28 साल के लौंडे चले आएंगे आपको इस गेट से खदड़वाने की जब से यह सांड यहां आया है पनौती लग गई है। यह सांड नहीं संकट है। आप जानते नहीं इस जंबूद्धीप के दलालों को। इन दलालों के साथ मीडिया वाले भी आएंगे और पीटने के बाद भी हसंते हुए बयान देंगे कि खूब नुकसान हो गया। शेयरों में जब कमाई हो रही थी, बाजार बढ़ रहा था तो बयान नहीं दे रहे थे कि यह बाजार रोज रोज क्यों इतना बढ़ रहा है। सरकार और सेबी कहां चली गई, क्यों बढ़ने दे रहे हो बाजार। लेकिन जरा सा झटका लगा तो चिदम्बरम, रेड्डी से लेकर दामोदरन तक से हिसाब मांग रहे हैं कि दाल में ज्यादा पानी किसने दे दिया दामोदर। तो फिर आप क्या हैं महज एक सांड।
इस गली में आपके पत्रकार नारद की नहीं चलेगी। वह कहां कहां दौड़ेगा आपकी निर्दोषिता बताने। जबकि हम दुनियादारी वालों के टीवी पत्रकार ओबी वैन ले लेकर दौड़ेगे और नारद कुछ सच बोल पाए कि दुनिया भर की घटनाओं को सही ढंग से न समझने और एक लेवल पर मुनाफावसूली न करने बंटाढार हुआ, से पहले ही मंदी का सारा ठीकरा आपके सींगों पर फोड़ देंगे। फिर नारद के समाचार देखता कौन है, पहले तो लोग ही नहीं जानते कि नारद चैनल कहां आता है, डिश टीवी पर या टाटा स्काई पर। पे चैनल है या फ्री। टीआरपी कितनी है। सो महाराज नंदी भगा दो यह मंदी।
लेकिन नंदी महाराज भी ठहरे हठीले। बोले इस कलियुगी संसार में मेरा इतना अपमान, घोर अपमान। मैंने कहा आप क्या करेंगे, वे बोले तुम्हारे यहां एक कलाकार है ना, नाना पाटेकर जिसकी एक फिल्म में डायलाग था एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है अब देखों एक सांड क्या बनाता है। हमने पूछा क्या बना दोगे, बनाना बिगाड़ना तो दो से चार हजार रुपए महीना लेकर एसएमएस करने वाले शेयर बाजार के विश्लेषकों के हाथ में है। लेकिन यह क्या नंदी महाराज ने तुरंत भोलेनाथ का ध्यान लगाया और कैलाश पर विराजमान भोलेनाथ से सिग्नल लिया और अपने सींग शेयर बाजार में इतने जोर से दे मारे कि निवेशक त्राहिमाम त्राहिमाम कर उठे। लेकिन अब नंदी महाराज तो बिगडैल सांड बन चुके थे सो रुकने वाले कहां थे। दलाल स्ट्रीट में जो भी सामने पड़ा, उसी को दे पटका। क्या ऑपरेटर, क्या पंटर, क्या फिरंगी और क्या देसी, क्या निवेशक और क्या विश्लेषक, सब को अधमरा कर दिया। सारे लोगों को ललित होटल से लेकर द्धारका होटल तक दौड़ा दौड़ाकर मारा।
मारधाड़ के इस शो में सब के कपड़े फटकर उतर गए। साफ साफ समझों की चड्डी यानी कच्छा तक उतर गया। बस तभी से दलाल स्ट्रीट में नागा साधुओं का जमघट लग गया है। अभी तो देश में कहीं भी कुंभ मेले का मौसम नहीं है लेकिन नागा साधुओं का यहां जमघट लग गया है। दलाल स्ट्रीट में ऐसा शाही स्नान इससे पहले शायद ही हुआ हो लेकिन देखना है कि अब अगला शाही स्नान कब होता है और कौनसा अखाड़ा पहले उतरता है। वैसे बढि़या होगा कि इस सांड की जगह एक गाय की मूर्ति लगा दी जाए जिस पर लिखा हो छोटे निवेशक और बाजार के सारे साधु उसे दुह रहे हों, इस उपाय से मंदी जरुर भाग जाएगी क्योंकि यह उपाय मोहनजोदड़ो की खुदाई में मिले शेयर बाजार के खंडहरों में लिखा हुआ मिला है।
नंदी महाराज के अंतिम दर्शन करने हम उनके पास पहुंचे। शीश नवाया कि हे सांड महाराज हमारे शेयरों पर अपने सींग मत मार देना नहीं तो हम कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं बचेंगे। जिस बैंक से पर्सनल लोन लिया है, जिन पहचान वालों से एक का दो करने के बहाने रोकड़ा लेकर कमीशन देने का वादा किया है, वे हमारी बनियान और चड्डी तक उतार लेंगे। यह प्रार्थना कर ही रहे थे कि देखा तेजी तो दलाल स्ट्रीट में पानी बगैर मछली की तरह छटपटा रही थी और नंदी महाराज दे सींग पर सींग मारे जा रहे थे। हमने कहा बम भोले...ये क्या कर दिया नंदी महाराज। आपकी पहचान तो इस तेजी से है और आपने तो इसे ही हलाल कर दिया।
नंदी महाराज चुपचाप इसमें जान फूंकिए अन्यथा अभी यहां ऐसे ब्रोकरों का जमघट लग जाएगा जिनमें से किसी के पास भी इस शेयर बाजार का कार्ड नहीं है। 22 से 28 साल के लौंडे चले आएंगे आपको इस गेट से खदड़वाने की जब से यह सांड यहां आया है पनौती लग गई है। यह सांड नहीं संकट है। आप जानते नहीं इस जंबूद्धीप के दलालों को। इन दलालों के साथ मीडिया वाले भी आएंगे और पीटने के बाद भी हसंते हुए बयान देंगे कि खूब नुकसान हो गया। शेयरों में जब कमाई हो रही थी, बाजार बढ़ रहा था तो बयान नहीं दे रहे थे कि यह बाजार रोज रोज क्यों इतना बढ़ रहा है। सरकार और सेबी कहां चली गई, क्यों बढ़ने दे रहे हो बाजार। लेकिन जरा सा झटका लगा तो चिदम्बरम, रेड्डी से लेकर दामोदरन तक से हिसाब मांग रहे हैं कि दाल में ज्यादा पानी किसने दे दिया दामोदर। तो फिर आप क्या हैं महज एक सांड।
इस गली में आपके पत्रकार नारद की नहीं चलेगी। वह कहां कहां दौड़ेगा आपकी निर्दोषिता बताने। जबकि हम दुनियादारी वालों के टीवी पत्रकार ओबी वैन ले लेकर दौड़ेगे और नारद कुछ सच बोल पाए कि दुनिया भर की घटनाओं को सही ढंग से न समझने और एक लेवल पर मुनाफावसूली न करने बंटाढार हुआ, से पहले ही मंदी का सारा ठीकरा आपके सींगों पर फोड़ देंगे। फिर नारद के समाचार देखता कौन है, पहले तो लोग ही नहीं जानते कि नारद चैनल कहां आता है, डिश टीवी पर या टाटा स्काई पर। पे चैनल है या फ्री। टीआरपी कितनी है। सो महाराज नंदी भगा दो यह मंदी।
लेकिन नंदी महाराज भी ठहरे हठीले। बोले इस कलियुगी संसार में मेरा इतना अपमान, घोर अपमान। मैंने कहा आप क्या करेंगे, वे बोले तुम्हारे यहां एक कलाकार है ना, नाना पाटेकर जिसकी एक फिल्म में डायलाग था एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है अब देखों एक सांड क्या बनाता है। हमने पूछा क्या बना दोगे, बनाना बिगाड़ना तो दो से चार हजार रुपए महीना लेकर एसएमएस करने वाले शेयर बाजार के विश्लेषकों के हाथ में है। लेकिन यह क्या नंदी महाराज ने तुरंत भोलेनाथ का ध्यान लगाया और कैलाश पर विराजमान भोलेनाथ से सिग्नल लिया और अपने सींग शेयर बाजार में इतने जोर से दे मारे कि निवेशक त्राहिमाम त्राहिमाम कर उठे। लेकिन अब नंदी महाराज तो बिगडैल सांड बन चुके थे सो रुकने वाले कहां थे। दलाल स्ट्रीट में जो भी सामने पड़ा, उसी को दे पटका। क्या ऑपरेटर, क्या पंटर, क्या फिरंगी और क्या देसी, क्या निवेशक और क्या विश्लेषक, सब को अधमरा कर दिया। सारे लोगों को ललित होटल से लेकर द्धारका होटल तक दौड़ा दौड़ाकर मारा।
मारधाड़ के इस शो में सब के कपड़े फटकर उतर गए। साफ साफ समझों की चड्डी यानी कच्छा तक उतर गया। बस तभी से दलाल स्ट्रीट में नागा साधुओं का जमघट लग गया है। अभी तो देश में कहीं भी कुंभ मेले का मौसम नहीं है लेकिन नागा साधुओं का यहां जमघट लग गया है। दलाल स्ट्रीट में ऐसा शाही स्नान इससे पहले शायद ही हुआ हो लेकिन देखना है कि अब अगला शाही स्नान कब होता है और कौनसा अखाड़ा पहले उतरता है। वैसे बढि़या होगा कि इस सांड की जगह एक गाय की मूर्ति लगा दी जाए जिस पर लिखा हो छोटे निवेशक और बाजार के सारे साधु उसे दुह रहे हों, इस उपाय से मंदी जरुर भाग जाएगी क्योंकि यह उपाय मोहनजोदड़ो की खुदाई में मिले शेयर बाजार के खंडहरों में लिखा हुआ मिला है।
टिप्पणियाँ
निवेशक तू भी नहा अब गंगा
वो भी नंगा तू भी नंगा, न ले
पंगा,करवायेगा हर घर में दंगा.