शेयर बाजार : पर्दे के पीछे का खेल
शेयर बाजार में आज जो तगड़ी गिरावट आई उसके संबंध में सभी को पता है। लेकिन इस गिरावट के मंच पर जो पर्दा है उसके पीछे के गेम के बारे में हर किसी को जानकारी नहीं है। वाह मनी को संपर्क सूत्रों से पर्दे के पीछे के गेम के बारे में जो जानकारी मिली है वह आप भी जानिए।
- विदेशी संस्थागत निवेशक जनवरी में नया निवेश करेंगे, यह कहानी इन संस्थागत निवेशकों के साथ, उन घरेलू ऑपरेटरों ने फैलाई जो केवल इन निवेशकों के लिए लेनदेन करते हैं। ये ऑपरेटर मास साइक्लोजी को पढ़ते हैं और बाजार में गलत ढंग से ऐसी पिक्चर खड़ी करते हैं कि आम निवेशक इनके झांसे में आ जाता है। सबप्राइम की वजह से विदेशी संस्थागत निवेशकों को निवेश के लिए उतना नया पैसा नहीं मिला जितना अखबारों, टीवी और फाइनेंशियल एनालिस्टों ने फैलाया।
- टेक्निकल एनालिस्ट आज कह रहे थे कि वे तो पहले ही बता रहे थे कि शेयर बाजार में गिरावट आएगी, जबकि यह झूठ है। ज्यादातर विश्लेषकों को कहना था कि शेयर बाजार सूचकांक बढ़कर इसी महीने 24 हजार अंक पहुंच जाएगा। कई विश्लेषक भी विदेशी संस्थागत निवेशकों के लिए काम करते हैं। आम निवेशक से महीने के दो से पांच हजार रुपए लेकर शेयर बाजार की भविष्यवाणी और टिप्स देने वाले कितने विश्लेषक अरबपति हैं, जरा बताएं। कई विश्लेषक कंपनियों से पैसा लेकर उनकी रोजी पिक्चर खड़ी करते हैं और आम निवेशक भरोसा कर निवेश करते हैं और साफ हो जाते हैं।
- शेयर बाजार में गिरावट का दौर चालू होने के बावजूद अनेक शेयर ब्रोकिंग फर्म मौजूदा लेवल पर शेयर खरीदने की सलाह और उनके लक्ष्य बता रहे थे। जबकि खुद शेयर बेच रहे थे। क्या यह निवेशकों के साथ धोखा नहीं है।
- शेयर बाजार की चल रही तगड़ी गिरावट के समय सेबी, शेयर बाजार के अधिकारियों और वित्त मंत्रालय या केंद्र सरकार की ओर से आम निवेशक के हित में कोई बयान नहीं आया। भारत अमरीका परमाणु करार पर चिल्लाने वाले वामपंथी कहां चले गए थे।
- शेयर बाजार के ऑपरेटर कहते हैं कि इस बाजार में देश के कई राजनेताओं का पैसा लगा हुआ है और वे खूब पैसा लगा रहे हैं। वे खुद चाहते हैं कि विदेशी संस्थागत निवेशक यहां टिके रहें लेकिन जब उन्होंने नया निवेश नहीं किया तो बाजार को गिराकर नीचे भाव लाने की कोशिश की जा रही है ताकि एक बार फिर ये निवेशक सस्ते में शेयर ले सकें और खेल चालू रहे भले ही देश का आम निवेश्ाक लूटता पीटता रहे। भारतीय राजनीति में जब तक भ्रष्टाचार में हैं आम निवेशक की भगवान जानें, नेता और बड़े निवेशक मस्त रहेंगे।
- देश के तीन चार उद्योगपतियों में यह लड़ाई मची हुई है कि देश के अमीरों की सूची में पहले नंबर पर कौन और दूसरा कौन। दुनिया में मैं पहले नंबर पर और तुम दूसरे पर। इस लड़ाई की वजह से औद्योगिक घराने शेयर बाजार की गिरावट में भूमिका निभा रहे हैं ताकि एक दूसरे का बाजार पूंजीकरण कम कर अपने प्रतिस्पर्धी को नंबर वन बनने से रोका जा सके। इस लड़ाई पर भ्रष्ट राजनेता लगाम नहीं लगा सकते यह आप जान लें।
- शेयर बाजार में निवेश करें लेकिन फ्यूचर एंड ऑप्शन खेलने से बचें। भले ही चाहे स्टॉक एक्सचेंजों ने छोटा कांट्रैक्ट और बडा सेंस जारी किया हो। एफएंडओ आम व छोटे निवेशकों की जेबें खाली करवाने का आसान तरीका है। ऐसे कांट्रैक्ट के आने के बाद निवेशक मरे हैं।
टिप्पणियाँ
निवेशकों सो अब भी
चेत जाना चाहिये
पर यहां गल्ती दोहराई
जाती है
भूल जाते हैं निवेशक
वाट उनकी ही लगाई
जाती है
संभलो चेतो जागो
निवेशक जागो
पोल खोल कर
रख दी है
शेयरों में राजनीति
और धंधेबाज़ी की