पैसे तो जमीन में गड़े हैं पेन्निसुला
पुराने जमाने के कई बड़े बुजूर्ग आज भी ऐसे ढ़ेरों किस्से सुनाते हैं जिनसे पता चलता है कि पहले कई धन्ना सेठ या आम आदमी पैसे जमीन में गाड़कर रखते थे। अब नए जमाने में लोग जमीन की खरीद फरोख्त का काम कर पैसा कमाते हैं लेकिन इक्विटी कल्चर वाले जानते हैं कि जितने पैसों में महंगी जमीन खरीदेंगे उससे कम दाम में बेहतरीन रियल्टी स्टॉक खरीद कर कम समय में मोटा मुनाफा बैंक में जमा कर लेंगे। यदि आप इस समय बेहतरीन रियल्टी स्टॉक की तलाश कर रहे हैं तो अशोक पिरामल समूह की कंपनी पेन्निसुला लैंड से उम्दा कोई नहीं, जहां आने वाले समय में मोटे मुनाफे की बड़ी संभावना छिपी हुई है।
पिरामल होल्डिंग्स लिमिटेड और मोरारजी रियॉल्टीज लिमिटेड के वर्ष 2005 में हुए विलय से पेन्निसुला लैंड अस्तित्व में आई। मुंबई स्थित यह रियल इस्टेट डेवलपर, नॉन लैंड बैंक अवधारणा वाली यह कंपनी अब मुंबई के अलावा दक्षिण व पश्चिम भारत में अपने पैर पसार रही है। इस कंपनी का उसूल है मौजूदा जरुरत के मुताबिक जमीन खरीदो और इसे विकसित करो। कंपनी अब तक मुंबई में 22 लाख वर्ग फीट रियल इस्टेट विकसित कर चुकी है जिसमें 38 फीसदी आवासीय परियोजनाएं, 38 फीसदी व्यावसायिक और शेष रिटेल परियोजाएं हैं।
- पेन्निसुला के पास इस समय मुंबई में 39 लाख वर्ग फीट बिक्री योग्य क्षेत्र है जिसे विकसित किया जा रहा है। इसमें दो आवासीय और तीन व्यावसायिक परियोजनाएं है जो वर्ष 2011 तक विकसित हो जाएंगी। इनसे 39 अरब रुपए की आय और 26 अरब रुपए का लाभ होगा। इन परियोजनाओं में स्वान मिल और डॉन मिल पेन्निसुला लैंड की सहभागी है।
- कंपनी के पास मुंबई से बाहर तेजी से उभरते शहरों में 225 लाख वर्ग फीट की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं। इनमें टाउनशीप और सेज परियोजनाएं हैं। इन परियोजनाओं को चरणबद्ध रुप में अगले छह से सात साल में विकसित किया जाएगा। कंपनी की पुणे, नासिक, गोवा और नागपुर में अनेक परियोजनाएं हैं। कंपनी ने हाल में हैदराबाद में रैलीज के पास से 31 एकड़ भूमि ली है। इसमें शेष 85 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने का विकल्प है। इसके अलावा पेन्निसुला की चेन्नई, बंगलूरु, अहमदाबाद और मैसूर जैसे शहरों में अपना विस्तार करने की योजना है।
- कंपनी दो रियल इस्टेट फंड लांच कर रही है। कंपनी इस फंड का 25 फीसदी हिस्सा अपने विभिन्न परियोजनाओं में लगाएगी ताकि पूंजी के मामले में दूसरे स्त्रोतों पर निर्भरता को कम किया जा सके।
पेन्निसुला लैंड (तकनीकी विवरण के लिए यहां क्लिक करें) की बिक्री वित्त वर्ष 2007 में 327.2 करोड़ रुपए रही और शुद्ध लाभ 128.9 करोड़ रुपए रहा। वित्त वर्ष 2008 में कंपनी की बिक्री 645.1 करोड़ रुपए और शुद्ध मुनाफा 197.3 करोड़ रुपए, वित्त वर्ष 2009 में बिक्री 1056.4 करोड़ रुपए एवं शुद्ध लाभ 376.6 करोड़ रुपए रहने की उम्मीद है। वर्ष 2007 में इसकी प्रति शेयर आय यानी ईपीएस 6.1 रुपए थी। वित्त वर्ष 2008 में ईपीएस 8.4 रुपए और वित्त वर्ष 2009 में 16 रुपए रहने की आस है। इसका बाजार पूंजीकरण 3040 करोड़ रुपए है।
रियल इस्टेट, टैक्सटाइल, रिटेल और इंजीनियरिंग जैसे उद्योगों से जुड़े अशोक पिरामल समूह की इस कंपनी में प्रमोटरों की शेयरधारिता 62.3 फीसदी है, जबकि विदेशी निवेशकों के पास 3.6 फीसदी और संस्थागत व नॉन प्रमोटरों के पास 21.7 फीसदी शेयर हैं। आम जनता के पास इसके केवल 12.4 फीसदी शेयर हैं। समूह की चैयरपर्सन उर्वी पिरामल हैं और पेन्निसुला लैंड का कामकाज राजीव पिरामल देखते हैं। पेन्निसुला लैंड का शेयर का दाम आज 154 रुपए था और जल्दी ही इसके 170 रुपए तक जाने की उम्मीद की जा सकती है। पेन्निसुला लैंड का शेयर नीचे में जब भी 120 से 127 रुपए आए तो यह बेहतर खरीद के लिए सबसे अच्छा भाव कहा जा सकता है। पिछले 52 सप्ताह की बात की जाए तो पेन्निसुला लैंड के शेयर का भाव ऊपर में 168 और नीचे में 61 रुपए था।
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