अंबानी खरीद सकते हैं पाकिस्तानी शेयर बाजार !
भारत और पाकिस्तान के लोग एक ही पूर्वजों के वंशज हैं। दोनों देशों के लोगों का डीएनए भी एक ही है। अब देखिए भारत में क्या हो रहा है। भारत के मुकेश और अनिल अंबानी चाहें तो कराची के शेयर बाज़ार (कराची स्टॉक एक्स्चेंज –केएसई) में सूचीबद्ध सभी कंपनियों को खरीद सकते हैं और इससे बावजूद उनके पास 30 अरब डॉलर बचे रहेंगे। अगर भारत के चार रईस चाहें तो एक साल के लिए पाकिस्तान के 16 करोड़ 90 लाख पाकिस्तानियों द्वारा एक साल में उपयोग की जाने वाली सारी उपभोक्ता सामग्री और खाद्य सामग्री खरीद सकते हैं और इसके बावजूद उनके पास 60 अरब डॉलर बचे रहेंगे। भारत के चार सबसे बड़े अरबपतियों के पास चीन के 40 सबसे बड़े अकबपतियों के मुकाबले ज्यादा पैसा है।
नवंबर, 2007 में बाम्बे स्टॉक एक्स्चेंज का सेंसेक्स 20 हजार अंक तक पहुंच गया। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज़ 100 अरब डॉलर की कंपनी हो गई (जबकि पूरा कराची स्टॉक एक्स्चेंज की सकल पूंजी 65 अरब डॉलर है), मुकेश अंबानी का रिलांयस के 48 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा है।
नवंबर में मुकेश अंबानी ने अपनी पत्नी नीता अंबानी को उनके 43वें जन्म दिन पर देखिए क्या उपहार दिया...! 60 लाख डॉलर का एक शानदार जेट विमान, जिसमें रोमांचक और मनमोहक लाईटिंग वाला शानदार बेडरुम, तमाम आधुनिक सुविधाओं से लैस बाथरुम, स्कॉय बार, मनोरंजन का कैबिन, सैटेलाईट टेलीविज़न, वायरलैस कम्युनिकेशन, खेलों के लिए एक अलग कैबिन और ऐशो-आराम की तमाम सुविधाएं मौजूद है। मुकेश अंबानी भारत के सबसे बड़े रईसों में पहले नंबर पर नहीं बल्कि दूसरे नंबर पर हैं।
अब देखिए मुकेश अंबानी क्या करने जा रहे हैं। वे अपना एक नया घर बनाने जा रहे हैं। इस घर की कीमत है 1 अरब डॉलर और यह इस पृथ्वी पर बना अब तक का सबसे महंगा घर होगा। 173 मीटर ऊंचे और 60 मंजिल वाले इस आलीशान घर में मुकेश अंबानी के परिवार के 6 सदस्य शान से रहेंगे। इस शानदार इमारत की पहली 6 मंजिलें पार्किंग के लिए सुरक्षित रहेंगी। सातवीं मंजिल कारों के रखरखाव और उनकी साफ सफाई के लिए होगी। आठवीं मंजिल पर एक मिनी थिएटर होगा। इसके बाद एक हैल्थ क्लब, जिम और स्वीमिंग पुल होगा। इस भवन की दो मंजिलें अंबानी परिवार के मेहमानों के लिए सुरक्षित रहेंगी। मेहमानों के लिए सुरक्षित इस मंजिल के ऊपर की चार मंजिलें अंबानी परिवार के लिए होंगी, जहाँ से वे चारों ओर दूर-दूर तक हिलोरे ले रहे समुद्र का नजारा देख सकेंगे। इस शानदार ईमारत की छत पर तीन हैलीपैड भी होंगे। इस मकान के रखरखाव, अंबानी परिवार और उनके मेहमानों की सेवा के लिए 600 लोगों का स्टॉफ होगा।
2004 में भारत दुनिया के देशों में तीसरा सबसे बड़ा देश हो गया जहां विदेशी निवेशक अपनी पूंजी लगाने को तैयार हैं। जबकि पाकिस्तान 25 देशों की सूची में भी नहीं आ पाया। वर्ष 2004 में जब इस्लामी देशों अल-जम्हूरियात, अल-इराकिया और दौलत-ए-इस्लामी-ये-अफगानिस्तान में चुनाव हुए तो 192 देशों की प्रतिनिधि संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ ने यहाँ निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए भारत के चुनाव आयोग से निवेदन किया कि वे वहाँ अपने अधिकारी भेजकर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाएं। सयुंक्त राष्ट्र संघ ने यह जिम्मेदारी पाकिस्तान को नहीं दी जबकि पाकिस्तान एक इस्लामी राष्ट्र होने के साथ ही भौगोलिक दृष्टि से काबुल के ज्यादा पास है, बजाय दिल्ली के।
अपने पाकिस्तानी पाठकों को संबोधित करते हुए फारुख लिखते हैं, शायद आप नहीं जानते कि अमरीका में मौजूद सभी वैज्ञानिकों में 12 प्रतिशत भारतीय मूल के हैं। अमरीका में कार्यरत सभी डॉक्टरों में से 38 प्रतिशत भारतीय हैं। अमरीका की सर्वोच्च अंतरिक्ष संस्था नासा में कार्यरत सभी वैज्ञानिकों में से 36 प्रतिशत वैज्ञानिक भारतीय हैं। दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी बिल गेट्स की माईक्रोसॉफ्ट में 34 प्रतिशत कर्मचारी भारतीय हैं। इसी तरह आईबीएम जैसी कंपनी में भी 28 प्रतिशत कर्मचारी भारतीय हैं।
यह भी जान लीजिए कि सबीर भाटिया जिसने हॉटमेल जैसी सुविधा विकसित की वह भारतीय है और सन माइक्रोसिस्टम का संस्थापक विनोद खोसला एक भारतीय है। इंटैल पैंटियम प्रोसेसर जिसके दम पर दुनिया के 90 प्रतिश कंप्यूटर चल रहे हैं विनोद धम नामक भारतीय ने ही शुरु की थी। भारतीयों ने दुनिया के हर कोने में हर कारोबार में और हर जगह अपनी काबिलियत साबित की है। जानीमानी कंप्यूटर कंपनी हेवलेट-पैकैर्ड की इ-स्पीक परियोजना के शोध में एक भारतीय राजीव गुप्ता की ही भागीदारी थी। आज सिलिकॉन वैली में दस में से चार कंपनियाँ भारतीयों की है। बॉलीवुड में हर साल 800 फिल्में बनती हैं। बीते दस सालों में 6 भारतीय युवतियाँ मिस वर्ल्ड मिस यूनिवर्स का खिताब जीत चुकी हैं।
अब जरा भारत में मुस्लिमों की हालत पर भी गौर करें। अज़ीम प्रेमजी इस दुनिया के सबसे धनी मुस्लिम कारोबारी हैं उनका जन्म मुंबई में हुआ, और वे अब बंगलूर में रह रहे हैं। भारत में तीन दर्जन से अधिक अरबपति हैं जबकि पाकिस्तान में एक भी नहीं (यहाँ तक कि एक अरब डॉलर की पूंजी वाला भी नहीं)। अब देखिए भारत किस तेजी से तरक्की कर रहा है। वर्ष 2002 में उद्योगपति धीरुभाई अंबानी का इंतकाल हुआ तो वे अपने पीछे 2।8 अरब डॉलर की पूंजी छोड़ गए थे। वर्ष 2007 में उनके दोनों बेटों मुकेश और अनिल अंबानी के पास कुल 94 अरब डॉलर की संपत्ति थी। 29 अक्टूबर, 2007 में भारतीय शेअर बाजार में आए ज़बर्दस्त उछाल के बाद मुकेश अंबानी के पास 63.2 अरब डॉलर की संपत्ति हो गई और वे दुनिया के सबसे रईस आदमी में शुमार हो गए। जबकि तब दुनिया के सबसे अमीर कहे जाने वाले बिल गेट्स के पास 56 अरब डॉलर की संपत्ति थी।
फारुख कहते हैं भारतीय और पाकिस्तानियों का वाय क्रोमोसोम हैपलोग्रुप एक ही है। हमारे पूर्वज भी एक हैं। हमारी संस्कृति, परंपराएं, खान-पान, सबकुछ एक है। हम भी एक जैसी फिल्में देखते हैं और एक जैसे गाने गाते है। लेकिन आखिर ऐसी कौनसी बात है जो भारतीयों के पास है और पाकिस्तानियों के पास नहीं है-वह है भारत के लोग अपने नेता खुद चुनते हैं!
(हम भारतीय अपने नेताओं के बारे में चाहे जो सोचें और अपने लोकतंत्र को प्रदूषित और भ्रष्ट करने के लिए इनको कोसते रहें, शायद पाकिस्तान के लोग हमारी इन बातों से कतई इत्तफाक नहीं रखते। फौजी शासन के आंतक के साये में जी रहे पाकिस्तान के लोगों को इस बात पर शर्म महसूस होती है कि भारत ने पाकिस्तान को हर मामले में पीछे छोड़ दिया है और दुनिया में पाकिस्तान का कोई सम्मानजनक वजूद नहीं है। पाकिस्तान के एक जानेमाने पत्रकार डॉ. फारुख सलीम द्वारा एक पाकिस्तानी अख़बार में लिखा एक लेख जिसमें उन्होंने इस बात को बेहद शोधपूर्ण तरीके से सामने रखा है कि आज़ादी के बाद भारत कहाँ से कहाँ पहुँच गया और पाकिस्तान अपनी पहचान तक नहीं बना पाया है। साभार : हिंदी मीडिया चैनल डॉट कॉम)
नवंबर, 2007 में बाम्बे स्टॉक एक्स्चेंज का सेंसेक्स 20 हजार अंक तक पहुंच गया। मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज़ 100 अरब डॉलर की कंपनी हो गई (जबकि पूरा कराची स्टॉक एक्स्चेंज की सकल पूंजी 65 अरब डॉलर है), मुकेश अंबानी का रिलांयस के 48 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा है।
नवंबर में मुकेश अंबानी ने अपनी पत्नी नीता अंबानी को उनके 43वें जन्म दिन पर देखिए क्या उपहार दिया...! 60 लाख डॉलर का एक शानदार जेट विमान, जिसमें रोमांचक और मनमोहक लाईटिंग वाला शानदार बेडरुम, तमाम आधुनिक सुविधाओं से लैस बाथरुम, स्कॉय बार, मनोरंजन का कैबिन, सैटेलाईट टेलीविज़न, वायरलैस कम्युनिकेशन, खेलों के लिए एक अलग कैबिन और ऐशो-आराम की तमाम सुविधाएं मौजूद है। मुकेश अंबानी भारत के सबसे बड़े रईसों में पहले नंबर पर नहीं बल्कि दूसरे नंबर पर हैं।
अब देखिए मुकेश अंबानी क्या करने जा रहे हैं। वे अपना एक नया घर बनाने जा रहे हैं। इस घर की कीमत है 1 अरब डॉलर और यह इस पृथ्वी पर बना अब तक का सबसे महंगा घर होगा। 173 मीटर ऊंचे और 60 मंजिल वाले इस आलीशान घर में मुकेश अंबानी के परिवार के 6 सदस्य शान से रहेंगे। इस शानदार इमारत की पहली 6 मंजिलें पार्किंग के लिए सुरक्षित रहेंगी। सातवीं मंजिल कारों के रखरखाव और उनकी साफ सफाई के लिए होगी। आठवीं मंजिल पर एक मिनी थिएटर होगा। इसके बाद एक हैल्थ क्लब, जिम और स्वीमिंग पुल होगा। इस भवन की दो मंजिलें अंबानी परिवार के मेहमानों के लिए सुरक्षित रहेंगी। मेहमानों के लिए सुरक्षित इस मंजिल के ऊपर की चार मंजिलें अंबानी परिवार के लिए होंगी, जहाँ से वे चारों ओर दूर-दूर तक हिलोरे ले रहे समुद्र का नजारा देख सकेंगे। इस शानदार ईमारत की छत पर तीन हैलीपैड भी होंगे। इस मकान के रखरखाव, अंबानी परिवार और उनके मेहमानों की सेवा के लिए 600 लोगों का स्टॉफ होगा।
2004 में भारत दुनिया के देशों में तीसरा सबसे बड़ा देश हो गया जहां विदेशी निवेशक अपनी पूंजी लगाने को तैयार हैं। जबकि पाकिस्तान 25 देशों की सूची में भी नहीं आ पाया। वर्ष 2004 में जब इस्लामी देशों अल-जम्हूरियात, अल-इराकिया और दौलत-ए-इस्लामी-ये-अफगानिस्तान में चुनाव हुए तो 192 देशों की प्रतिनिधि संस्था संयुक्त राष्ट्र संघ ने यहाँ निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए भारत के चुनाव आयोग से निवेदन किया कि वे वहाँ अपने अधिकारी भेजकर स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाएं। सयुंक्त राष्ट्र संघ ने यह जिम्मेदारी पाकिस्तान को नहीं दी जबकि पाकिस्तान एक इस्लामी राष्ट्र होने के साथ ही भौगोलिक दृष्टि से काबुल के ज्यादा पास है, बजाय दिल्ली के।
अपने पाकिस्तानी पाठकों को संबोधित करते हुए फारुख लिखते हैं, शायद आप नहीं जानते कि अमरीका में मौजूद सभी वैज्ञानिकों में 12 प्रतिशत भारतीय मूल के हैं। अमरीका में कार्यरत सभी डॉक्टरों में से 38 प्रतिशत भारतीय हैं। अमरीका की सर्वोच्च अंतरिक्ष संस्था नासा में कार्यरत सभी वैज्ञानिकों में से 36 प्रतिशत वैज्ञानिक भारतीय हैं। दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी बिल गेट्स की माईक्रोसॉफ्ट में 34 प्रतिशत कर्मचारी भारतीय हैं। इसी तरह आईबीएम जैसी कंपनी में भी 28 प्रतिशत कर्मचारी भारतीय हैं।
यह भी जान लीजिए कि सबीर भाटिया जिसने हॉटमेल जैसी सुविधा विकसित की वह भारतीय है और सन माइक्रोसिस्टम का संस्थापक विनोद खोसला एक भारतीय है। इंटैल पैंटियम प्रोसेसर जिसके दम पर दुनिया के 90 प्रतिश कंप्यूटर चल रहे हैं विनोद धम नामक भारतीय ने ही शुरु की थी। भारतीयों ने दुनिया के हर कोने में हर कारोबार में और हर जगह अपनी काबिलियत साबित की है। जानीमानी कंप्यूटर कंपनी हेवलेट-पैकैर्ड की इ-स्पीक परियोजना के शोध में एक भारतीय राजीव गुप्ता की ही भागीदारी थी। आज सिलिकॉन वैली में दस में से चार कंपनियाँ भारतीयों की है। बॉलीवुड में हर साल 800 फिल्में बनती हैं। बीते दस सालों में 6 भारतीय युवतियाँ मिस वर्ल्ड मिस यूनिवर्स का खिताब जीत चुकी हैं।
अब जरा भारत में मुस्लिमों की हालत पर भी गौर करें। अज़ीम प्रेमजी इस दुनिया के सबसे धनी मुस्लिम कारोबारी हैं उनका जन्म मुंबई में हुआ, और वे अब बंगलूर में रह रहे हैं। भारत में तीन दर्जन से अधिक अरबपति हैं जबकि पाकिस्तान में एक भी नहीं (यहाँ तक कि एक अरब डॉलर की पूंजी वाला भी नहीं)। अब देखिए भारत किस तेजी से तरक्की कर रहा है। वर्ष 2002 में उद्योगपति धीरुभाई अंबानी का इंतकाल हुआ तो वे अपने पीछे 2।8 अरब डॉलर की पूंजी छोड़ गए थे। वर्ष 2007 में उनके दोनों बेटों मुकेश और अनिल अंबानी के पास कुल 94 अरब डॉलर की संपत्ति थी। 29 अक्टूबर, 2007 में भारतीय शेअर बाजार में आए ज़बर्दस्त उछाल के बाद मुकेश अंबानी के पास 63.2 अरब डॉलर की संपत्ति हो गई और वे दुनिया के सबसे रईस आदमी में शुमार हो गए। जबकि तब दुनिया के सबसे अमीर कहे जाने वाले बिल गेट्स के पास 56 अरब डॉलर की संपत्ति थी।
फारुख कहते हैं भारतीय और पाकिस्तानियों का वाय क्रोमोसोम हैपलोग्रुप एक ही है। हमारे पूर्वज भी एक हैं। हमारी संस्कृति, परंपराएं, खान-पान, सबकुछ एक है। हम भी एक जैसी फिल्में देखते हैं और एक जैसे गाने गाते है। लेकिन आखिर ऐसी कौनसी बात है जो भारतीयों के पास है और पाकिस्तानियों के पास नहीं है-वह है भारत के लोग अपने नेता खुद चुनते हैं!
(हम भारतीय अपने नेताओं के बारे में चाहे जो सोचें और अपने लोकतंत्र को प्रदूषित और भ्रष्ट करने के लिए इनको कोसते रहें, शायद पाकिस्तान के लोग हमारी इन बातों से कतई इत्तफाक नहीं रखते। फौजी शासन के आंतक के साये में जी रहे पाकिस्तान के लोगों को इस बात पर शर्म महसूस होती है कि भारत ने पाकिस्तान को हर मामले में पीछे छोड़ दिया है और दुनिया में पाकिस्तान का कोई सम्मानजनक वजूद नहीं है। पाकिस्तान के एक जानेमाने पत्रकार डॉ. फारुख सलीम द्वारा एक पाकिस्तानी अख़बार में लिखा एक लेख जिसमें उन्होंने इस बात को बेहद शोधपूर्ण तरीके से सामने रखा है कि आज़ादी के बाद भारत कहाँ से कहाँ पहुँच गया और पाकिस्तान अपनी पहचान तक नहीं बना पाया है। साभार : हिंदी मीडिया चैनल डॉट कॉम)
टिप्पणियाँ
पर समझ में नहीं आया की हम भारतीय हर बात में पाकिस्तानीयों से ही क्यों मुकाबला करना चाहते हैं? मुकाबला करना ही है तो किसी तगड़े से करो जहां हार-जीत दोनों की संभावना हो..