शेयर बाजार में सुधार 18 फरवरी से
शेयर बाजार में पिछले कई दिन से लगातार गिरावट आ रही है। ऐसे में शेयर बाजार के बड़े बड़े से खिलाडियों की सांसें ऊंची-नीची होना स्वाभाविक है लेकिन इस बार की गिरावट ने निवेशकों के बहुत बड़े वर्ग को प्रभावित किया है। सोमवार को बसंत पंचमी जो कि मां सरस्वती का विशिष्ट दिन और अबूझ मुहूर्त है, के दिन रिलायंस पावर का आईपीओ लिस्टेड हुआ और औंधे मुंह गिर पडा। अनिल अंबानी और रिलायंस में निवेश करने वाले लाखों लोगों को उम्मीद थी कि अब तक का सबसे बडा आईपीओ बाजार को भी सुधार देगा लेकिन भावनाओं के सामूहिक ह्रास का नतीजा यह हुआ कि लोगों का विश्वास डगमगा गया है।
किसी एक व्यक्ति की कुण्डली में मंगल के रोल के बारे में पहले बता चुका हूं लेकिन पूरे बाजार के सेंटीमेंट के बारे में बताने के लिए मण्डेन देखना होगा। यानि ग्रहों और नक्षत्रों की सार्वभौम स्थिति। मुझसे शेयर बाजार से जुडे एक सज्जन ने पूछा कि आगामी दो महीने में शेयर बाजार की क्या स्थिति रहेगी। इसी सवाल को मैंने प्रश्न का रूप दिया और प्रश्न कुण्डली बनाई। यह कुण्डली 12 फरवरी सुबह 12-17-58 बजे की है। इसमें वृष लग्न है और लग्न का अधिपति शुक्र लाभ के मालिक गुरू के साथ आठवें स्थान पर है। पांचवे भाव का अधिपति बुध नौंवे भाव में वक्री हुआ बैठा है। यानि अभी बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर का नंबर लगना बाकी है। हौंसले के तीसरे घर का मालिक भी बारहवें स्थान पर है और बारहवें स्थान का मालिक दूसरे स्थान पर है।
बाजार का लग्न आठवें स्थान में होने का मतलब हुआ कि अभी बाजार गुप्त क्रियाओं में जुटा है। इसके साथ लाभ स्थान के मालिक के जुड़े होने का मतलब है कि जो स्थिति अभी दिखाई दे रही है उससे उलट लाभ के बड़े सौदे भविष्य के गर्भ में है। मेरे हिसाब से बाजार की गिरावट बड़े लाभ के संकेत दे रही है। द्वादशेश मालिक दूसरे स्थान पर होने का मतलब है शीघ्र ही विदेशी निवेश फिर से शुरू होगा। इसमें प्रवासी भारतियों का बड़ा योगदान होने की संभावना है। क्योंकि लग्न का मालिक उसे देख रहा है। पांचवें भाव के अधिपति के नौंवे स्थान पर होने का अर्थ है कि अभी स्पेक्युलेशन बढ़ेगा और वक्री होने का अर्थ है कि कुछ समय के लिए फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स की स्थिति खराब होगी। बुध के मार्गी होने के साथ ही बाजार में तेजी से सुधार होगा। मार्केट की दोबारा पकड़ बनने का आधार इंफ्रास्ट्रक्चर और इनसे जुडी कंपनियां बनेंगी।
मेरा अनुमान है कि निवेशकों को बाजार में निवेश करना शुरू कर देना चाहिए। विशेषकर छोटे निवेशकों को क्योंकि 18 फरवरी से बाजार की दूसरी रंगत शुरू होगी। फिलहाल वित्तीय स्टॉक्स से दूरी बनाए रखें और समय आने पर उनमें निवेश आशातीत लाभ देगा। मित्र, सिद्धार्थ जोशी के ब्लॉग से साभार।
किसी एक व्यक्ति की कुण्डली में मंगल के रोल के बारे में पहले बता चुका हूं लेकिन पूरे बाजार के सेंटीमेंट के बारे में बताने के लिए मण्डेन देखना होगा। यानि ग्रहों और नक्षत्रों की सार्वभौम स्थिति। मुझसे शेयर बाजार से जुडे एक सज्जन ने पूछा कि आगामी दो महीने में शेयर बाजार की क्या स्थिति रहेगी। इसी सवाल को मैंने प्रश्न का रूप दिया और प्रश्न कुण्डली बनाई। यह कुण्डली 12 फरवरी सुबह 12-17-58 बजे की है। इसमें वृष लग्न है और लग्न का अधिपति शुक्र लाभ के मालिक गुरू के साथ आठवें स्थान पर है। पांचवे भाव का अधिपति बुध नौंवे भाव में वक्री हुआ बैठा है। यानि अभी बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर का नंबर लगना बाकी है। हौंसले के तीसरे घर का मालिक भी बारहवें स्थान पर है और बारहवें स्थान का मालिक दूसरे स्थान पर है।
बाजार का लग्न आठवें स्थान में होने का मतलब हुआ कि अभी बाजार गुप्त क्रियाओं में जुटा है। इसके साथ लाभ स्थान के मालिक के जुड़े होने का मतलब है कि जो स्थिति अभी दिखाई दे रही है उससे उलट लाभ के बड़े सौदे भविष्य के गर्भ में है। मेरे हिसाब से बाजार की गिरावट बड़े लाभ के संकेत दे रही है। द्वादशेश मालिक दूसरे स्थान पर होने का मतलब है शीघ्र ही विदेशी निवेश फिर से शुरू होगा। इसमें प्रवासी भारतियों का बड़ा योगदान होने की संभावना है। क्योंकि लग्न का मालिक उसे देख रहा है। पांचवें भाव के अधिपति के नौंवे स्थान पर होने का अर्थ है कि अभी स्पेक्युलेशन बढ़ेगा और वक्री होने का अर्थ है कि कुछ समय के लिए फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन्स की स्थिति खराब होगी। बुध के मार्गी होने के साथ ही बाजार में तेजी से सुधार होगा। मार्केट की दोबारा पकड़ बनने का आधार इंफ्रास्ट्रक्चर और इनसे जुडी कंपनियां बनेंगी।
मेरा अनुमान है कि निवेशकों को बाजार में निवेश करना शुरू कर देना चाहिए। विशेषकर छोटे निवेशकों को क्योंकि 18 फरवरी से बाजार की दूसरी रंगत शुरू होगी। फिलहाल वित्तीय स्टॉक्स से दूरी बनाए रखें और समय आने पर उनमें निवेश आशातीत लाभ देगा। मित्र, सिद्धार्थ जोशी के ब्लॉग से साभार।
टिप्पणियाँ
क्या लगा दें अपनी गाढ़ी कमाई
या रोक लें अपने हाथ
न लेकर चलें सपने साथ