दलाल स्ट्रीट खतरे में !
भारतीय शेयर बाजार की पहचान दलाल स्ट्रीट अब खतरे में है। शेयर बाजार में आई लगातार गिरावट से घट रहे कारोबार की वजह से यह स्ट्रीट खतरे में नहीं है क्योंकि ऐसे कई उतार चढ़ाव इस स्ट्रीट ने अनेक बार देख लिए हैं। लेकिन मुंबई महापालिका के ए वार्ड के कांग्रेसी कार्पोरेटर विजय धुल्ला चाहते हैं कि इस स्ट्रीट का अब नाम बदल दिया जाए। यदि ऐसा हुआ तो बॉम्बे स्टॉक एक्सचेज का पर्याय दलाल स्ट्रीट को लोग नक्शे में ढूंढते रहेंगे। दलाल स्ट्रीट का नाम आते ही लोगों के मन मस्तिष्क में शेयर बाजार के टावर का नक्शा उभर आता है।
मुंबई महापालिका के कांग्रेसी कार्पोरेटर विजय धुल्ला की इच्छा है कि दलाल स्ट्रीट का नाम 25 वर्ष तक यहां ब्रोकर के रुप में काम कर चुके नागरमल शराफ गली कर दिया जाए। धुल्ला ने दो महीने पहले ए वार्ड की बैठक में नाम बदलने संबंधी जो प्रस्ताव रखा उसे उसी दिन पारित करा लिया। उन्होंने दो सप्ताह पहले इस आवेदन को मुंबई महापालिका के अन्य कार्पोरेटरो की अंतिम मुहर लगवाने के लिए भेजी है। सूत्र बताते है कि यह तो एक औपचारिकता है अन्यथा आम तौर पर स्थानीय वार्ड समिति द्धारा पारित लगभग हरेक प्रस्ताव को महापालिका पारित करती ही है।
विजय धुल्ला का कहना है कि मारवाड़ी सम्मेलन ने मुझे दलाल स्ट्रीट का नाम बदलकर नागरमल शराफ की याद में रखने के लिए के लिए पत्र लिखा था। शेयर बाजार में 25 साल तक काम करने वाले एक व्यक्ति को यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मैंने वार्ड की समिति में स्ट्रीट का नाम बदलने का प्रस्ताव रखा और वह उसी दिन पारित हो गया।
इस बीच, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के सीईओ ने नाम बदलने को लेकर अपनी आपत्ति भेजी है। पत्र में कहा गया है कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इससे निवेशकों एवं ब्रोकरों की भावनाओं को ठेस लगेगी। दलाल स्ट्रीट अजोड नाम है और यह शेयर बाजार का पर्याय बन चुका है। यह नाम दुनिया भर में जाना जाता है। नाम बदलने से निवेशकों को दिक्कत होगी। कुछ शेयर ब्रोकरों का कहना है कि नागरमल शराफ का योगदान अहमियत रखता है लेकिन दलाल स्ट्रीट दुनिया भर में भारतीय शेयर बाजार का पर्याय बन गई है। कुछ ब्रोकर कहते हैं कि नाम बदलने से क्या फर्क पड़ेगा, लोग तो इसे दलाल स्ट्रीट ही पुकारते रहेंगे।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के कार्पोरेट मामलों के प्रमुख कल्याण बोस का कहना है कि मीडिया में पूंजी बाजार से जुड़ी रिपोर्ट में बाजार का उल्लेख दलाल स्ट्रीट के नाम से होता है। दलाल स्ट्रीट भारतीय पूंजी बाजार का पर्याय है। इस गली ने भारतीय पूंजी बाजार की वृद्धि और विकास देखे हैं। जब आप देश के शेयर बाजार का इतिहास लिखते हैं तो दलाल स्ट्रीट नामक दो शब्द नहीं छोड़ सकते। यह भारतीय नाम है, विदेशी नहीं तो फिर इसे बदलने की क्या जरुरत है।
टिप्पणियाँ
मित्र भोजवानी मुझे विश्वास है कि आप ये अबोधता में कर रहे हैं पर यकीन मानें अब हर जगह आपका सा रार रररर इरीटेट कर रहा है। सही हो अगर आप नेट एटीकेट्स पर एकाध साईट को खोजकर कुछ पढ़ लें।
नाम बदलने से हरी हो जाए
तो मुझे कोई एतराज नहीं.
एतराज करूंगा गर तो भी
मेरे या आपके हाथ में कुछ भी नहीं
होना वही है जो राम रचि राखा ...
जो होना है
वो तो होना ही है
और हो भी रहा है
तो फिर
बेवजह बेकार की
माथा-पच्ची करने से
क्या लाभ?
नाम चाहे लाल रहे या काला
पर निवेशकों का पिट रहा है
जिस तरह रोज दिवाला
उससे चाहिए कोई बचाने वाला
वो है कौन
है कोई
कहां छिपा है
सामने आ जाए.
इस बाजार को बेजार होने से
निवेशकों का विश्वास लौटने तक
जरूर बचाए.