दलाल स्ट्रीट में भय के बीच तेजी की उम्मीद
भारतीय शेयर बाजार के निवेशक कुछ समय पहले तक इस भंवर में फंसे हुए थे कि बाजार में काफी बढ़त आ चुकी है, अब करेक्शन तय है। लेकिन इतने दिनों में हुआ क्या....सेंसेक्स 17 हजार अंक को पार कर गया और निफ्टी पांच हजार अंक के ऊपर। हमने कहा था कि शेयर बाजार के लिए दिन और सुधरेंगे...यही हुआ भी। हालांकि, कुछ विश्लेषक अब भी निवेशकों को डराने का कार्य कर रहे हैं कि डॉव जोंस के गिरने से भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त करेक्शन देखने को मिलेगा और यह दिवाली बिगड़ सकती है लेकिन ऑपरेटरों के मन को पढ़ा जाए तो दिवाली तभी बिगड़ सकती है जब सेंसेक्स 16700 अंक के नीचे आ जाए।
भारतीय शेयर बाजार के 1 अक्टूबर को समाप्त छोटा सप्ताह काफी फायदेमंद साबित हुआ और जो विश्लेषक यह राग अलाप रहे थे कि इस छोटे सप्ताह में बाजार बुरी तरह गिर जाएगा वे इस आंकडें पर गौर फरमाए कि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने तीन दिन के इस सप्ताह में दो दिन में 2700 करोड़ रुपए के शेयर खरीदें। विदेशियों को भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार में भरोसा है लेकिन हमें नहीं। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने चालू कैलेंडर वर्ष के पहले नौ महीनों में 60 हजार करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं। सेंसेक्स को 8500 अंक से 17 हजार अंक तक पहुंचा दिया। लेकिन घरेलू विश्लेषक और संस्थागत निवेशक यह भांप ही नहीं पाए कि भारतीय शेयर बाजार में कितनी संभावनाएं छिपी हुई हैं। यही वजह रही कि सेंसेक्स के इस सफर में करेक्शन, करेक्शन के भय में बड़ा लाभ नहीं उठा पाएं।
अमरीकी शेयर बाजार डॉव जोंस के गिरने के बाद एक बार फिर से भारतीय शेयर बाजार काफी महंगा होने का सुर सुनने को मिल रहे हैं लेकिन इस सुर के गायक फिर गलत साबित होंगे। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने खुद कहा है कि वर्ष 2010 में चीन और भारत दुनिया को आर्थिक रिकवरी की ओर ले जाएंगे। भारत की आर्थिक विकास दर 6.4 फीसदी और चीन की नौ फीसदी की आर्थिक विकास दर का का आया अनुमान यह बताता है कि दुनिया की नजर भारत पर लगी है। अमरीका और यूरोप में यदि किसी कारणवश नरमी रहती है तो हमारे यहां केवल कुछ सटोरिएं एवं एफ एंड ओ के खिलाड़ी ही इस भय में रह सकते हैं कि घरेलू बाजार भी गिरेंगे लेकिन सही निवेशकों को चिंता करने की जरुरत नहीं है। सच्चे निवेशक डॉव जोंस का भय दिखाकर अपने बढि़या शेयर बेच देने की चाल में फंसने से बचें।
इसी महीने की 10 तारीख से इंफोसिस टेक्नालॉजी के परिणाम के साथ जुलाई-सितंबर 2009 की तिमाही के नतीजों का मौसम शुरु हो जाएगा। भारतीय कार्पोरेट जगत इस तिमाही के लिए भी बेहतर नतीजे घोषित करने के मूड में दिख रहा है। यदि ये नतीजे पूरी तरह सकारात्मक आते हैं तो शेयर बाजार में मंदी की धारणा लेकर घूम रहे खिलाडि़यों को जोरदार जवाब मिल जाएगा कि वाकई भारतीय अर्थव्यवस्था पर यू ही दुनिया की नजर नहीं टिकी हुई है। भारतीय पूंजी बाजार में 14 हजार करोड़ रुपए के आईपीओ की सफलता के बाद अब 45 हजार करोड़ रुपए के आईपीओ लाइन में हैं। इनमें सरकारी और निजी दोनों क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं। सरकारी कंपनियां भेल एवं एनटीपीसी के फालोआन इश्यू के अलावा निजी कंपनियां इंडियाबुल्स पावर, जेएसडब्लू एनर्जी, जीएमआर एनर्जी, रिलायंस इंफ्राटेल सहित चार-पांच रियलटी कंपनियों के आईपीओ तैयारी में है।
5 अक्टूबर से शुरु हो रहे नए सप्ताह में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 17474 के ऊपर बंद होने पर 17777 पहुंचने की उम्मीद है। सेंसेक्स को 16727 के स्तर पर समर्थन मिलने की संभावना है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 5181 के ऊपर बंद होने पर 5277 तक जा सकता है। निफ्टी को सपोर्ट 4944 पर मिलेगा।
सूरत कॉमर्शियल कार्पोरेशन, सूरत के तकनीकी विश्लेषक गोपाल मोदी का कहना है कि वैश्विक शेयर बाजारों की बदली स्थिति सोमवार को शेयर बाजार का मूड बिगाड़ सकती है बावजूद इसके निचले स्तर से बाजार को सपोर्ट मिलने की संभावना है। 17080 का स्तर टूटने पर सेंसेक्स घटकर 16050 तक पहुंचने की आशंका। यह अधिकतम 16847 से 16800 या ज्यादा से ज्यादा 16700 तक हो सकता है। 16700 के समीप मासिक और त्रैमासिक आधार पर सपोर्ट मिलता है यानी बाजार का रुख रिवर्स होने से पहले इस स्तर से पुलबैक देखने को मिलेगा ही। यदि संयोग से 16700 का स्तर टूटता है तो बाजार की चाल में आया परिवर्तन लंबा होगा एवं सेंसेक्स घटकर 16381 से 16120 तक जा सकता है।
तकनीकी विश्लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि अगला सप्ताह यह तय करेगा कि इस साल दिवाली कैसी रहेगी, इस दिवाली पर खुशियों के पटाखे चलेंगे या दिवाली काली होगी। हालांकि, इस दिवाली के पिछली दिवाली से बेहतर रहने की उम्मीद तो है ही।
वे कहते हैं कि शेयर बाजार में गर्मी बने रहने के लिए सेंसेक्स का 16400 के ऊपर टिके रहना जरुरी है। सपोर्ट 16943-16802-16693-16494 पर मिलेगा जबकि रेसीसटेंस 17144 और 17734 है। अगले सप्ताह निवेशक 16494 का स्टॉप लॉस जरुर रखें।
निवेशक इस सप्ताह बालमेरी लॉरी एंड कंपनी, इंडसुइंड बैंक, टोरेंट पावर, दिवान हाउसिंग, मुंद्रा पोर्ट एंड सेज, आईडीएफसी, पेन्निसुला लैंड, बैंक ऑफ इंडिया, यस बैंक, विप्रो और एल एंड टी, अल्ट्राटेक सीमेंट, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के शेयरों पर ध्यान दे सकते हैं।
भारतीय शेयर बाजार के 1 अक्टूबर को समाप्त छोटा सप्ताह काफी फायदेमंद साबित हुआ और जो विश्लेषक यह राग अलाप रहे थे कि इस छोटे सप्ताह में बाजार बुरी तरह गिर जाएगा वे इस आंकडें पर गौर फरमाए कि विदेशी संस्थागत निवेशकों ने तीन दिन के इस सप्ताह में दो दिन में 2700 करोड़ रुपए के शेयर खरीदें। विदेशियों को भारतीय अर्थव्यवस्था और बाजार में भरोसा है लेकिन हमें नहीं। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने चालू कैलेंडर वर्ष के पहले नौ महीनों में 60 हजार करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं। सेंसेक्स को 8500 अंक से 17 हजार अंक तक पहुंचा दिया। लेकिन घरेलू विश्लेषक और संस्थागत निवेशक यह भांप ही नहीं पाए कि भारतीय शेयर बाजार में कितनी संभावनाएं छिपी हुई हैं। यही वजह रही कि सेंसेक्स के इस सफर में करेक्शन, करेक्शन के भय में बड़ा लाभ नहीं उठा पाएं।
अमरीकी शेयर बाजार डॉव जोंस के गिरने के बाद एक बार फिर से भारतीय शेयर बाजार काफी महंगा होने का सुर सुनने को मिल रहे हैं लेकिन इस सुर के गायक फिर गलत साबित होंगे। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने खुद कहा है कि वर्ष 2010 में चीन और भारत दुनिया को आर्थिक रिकवरी की ओर ले जाएंगे। भारत की आर्थिक विकास दर 6.4 फीसदी और चीन की नौ फीसदी की आर्थिक विकास दर का का आया अनुमान यह बताता है कि दुनिया की नजर भारत पर लगी है। अमरीका और यूरोप में यदि किसी कारणवश नरमी रहती है तो हमारे यहां केवल कुछ सटोरिएं एवं एफ एंड ओ के खिलाड़ी ही इस भय में रह सकते हैं कि घरेलू बाजार भी गिरेंगे लेकिन सही निवेशकों को चिंता करने की जरुरत नहीं है। सच्चे निवेशक डॉव जोंस का भय दिखाकर अपने बढि़या शेयर बेच देने की चाल में फंसने से बचें।
इसी महीने की 10 तारीख से इंफोसिस टेक्नालॉजी के परिणाम के साथ जुलाई-सितंबर 2009 की तिमाही के नतीजों का मौसम शुरु हो जाएगा। भारतीय कार्पोरेट जगत इस तिमाही के लिए भी बेहतर नतीजे घोषित करने के मूड में दिख रहा है। यदि ये नतीजे पूरी तरह सकारात्मक आते हैं तो शेयर बाजार में मंदी की धारणा लेकर घूम रहे खिलाडि़यों को जोरदार जवाब मिल जाएगा कि वाकई भारतीय अर्थव्यवस्था पर यू ही दुनिया की नजर नहीं टिकी हुई है। भारतीय पूंजी बाजार में 14 हजार करोड़ रुपए के आईपीओ की सफलता के बाद अब 45 हजार करोड़ रुपए के आईपीओ लाइन में हैं। इनमें सरकारी और निजी दोनों क्षेत्र की कंपनियां शामिल हैं। सरकारी कंपनियां भेल एवं एनटीपीसी के फालोआन इश्यू के अलावा निजी कंपनियां इंडियाबुल्स पावर, जेएसडब्लू एनर्जी, जीएमआर एनर्जी, रिलायंस इंफ्राटेल सहित चार-पांच रियलटी कंपनियों के आईपीओ तैयारी में है।
5 अक्टूबर से शुरु हो रहे नए सप्ताह में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स 17474 के ऊपर बंद होने पर 17777 पहुंचने की उम्मीद है। सेंसेक्स को 16727 के स्तर पर समर्थन मिलने की संभावना है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 5181 के ऊपर बंद होने पर 5277 तक जा सकता है। निफ्टी को सपोर्ट 4944 पर मिलेगा।
सूरत कॉमर्शियल कार्पोरेशन, सूरत के तकनीकी विश्लेषक गोपाल मोदी का कहना है कि वैश्विक शेयर बाजारों की बदली स्थिति सोमवार को शेयर बाजार का मूड बिगाड़ सकती है बावजूद इसके निचले स्तर से बाजार को सपोर्ट मिलने की संभावना है। 17080 का स्तर टूटने पर सेंसेक्स घटकर 16050 तक पहुंचने की आशंका। यह अधिकतम 16847 से 16800 या ज्यादा से ज्यादा 16700 तक हो सकता है। 16700 के समीप मासिक और त्रैमासिक आधार पर सपोर्ट मिलता है यानी बाजार का रुख रिवर्स होने से पहले इस स्तर से पुलबैक देखने को मिलेगा ही। यदि संयोग से 16700 का स्तर टूटता है तो बाजार की चाल में आया परिवर्तन लंबा होगा एवं सेंसेक्स घटकर 16381 से 16120 तक जा सकता है।
तकनीकी विश्लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि अगला सप्ताह यह तय करेगा कि इस साल दिवाली कैसी रहेगी, इस दिवाली पर खुशियों के पटाखे चलेंगे या दिवाली काली होगी। हालांकि, इस दिवाली के पिछली दिवाली से बेहतर रहने की उम्मीद तो है ही।
वे कहते हैं कि शेयर बाजार में गर्मी बने रहने के लिए सेंसेक्स का 16400 के ऊपर टिके रहना जरुरी है। सपोर्ट 16943-16802-16693-16494 पर मिलेगा जबकि रेसीसटेंस 17144 और 17734 है। अगले सप्ताह निवेशक 16494 का स्टॉप लॉस जरुर रखें।
निवेशक इस सप्ताह बालमेरी लॉरी एंड कंपनी, इंडसुइंड बैंक, टोरेंट पावर, दिवान हाउसिंग, मुंद्रा पोर्ट एंड सेज, आईडीएफसी, पेन्निसुला लैंड, बैंक ऑफ इंडिया, यस बैंक, विप्रो और एल एंड टी, अल्ट्राटेक सीमेंट, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के शेयरों पर ध्यान दे सकते हैं।
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