मानसून होगा शेयर बाजार का नया ट्रिगर


दुनिया के उभरते शेयर बाजारों में सबसे अच्‍छी और सुखद स्थिति में होने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार इस समय ढुलमुल हालत में है जिससे न तो निवेशकों को कोई कमाई हो रही है और न ही वे यह निर्णय कर पा रहे हैं कि शेयरों में खरीद की जाए या बेच दें।

वजह साफ है अमेरिकी और यूरोपियन शेयर बाजार एक दिन इस खबर पर बढ़ते हैं कि अब ग्रीस को कर्ज संकट से उबार लिया गया है जबकि दूसरे दिन इस वजह से गिर जाते हैं कि यह संकट अन्‍य देशों में फैल गया तो क्‍या होगा। असल में एक कहावत है कि अटकलें तमाम अनिष्‍टों का कारण होती हैं। बस, इन्‍हीं अटकलों ने दुनिया भर के शेयर बाजारों की हालत पतली कर रखी है।

शेयर बाजारों के लिए एक और बात देखें तो मई का महीना कभी अच्‍छा नहीं रहा। पिछले आठ साल से मई का महीना भारतीय शेयर बाजार और निवेशकों के लिए रिटर्न की दृष्टि से कमाऊ महीना नहीं रहा है। लेकिन इस साल जो सकारात्‍मक तथ्‍य देखने को मिल रहा है वह है विदेशी संस्‍थागत निवेशकों की धीमी बिकवाली। इन निवेशकों की आक्रामक बिकवाली न होने से हमारा बाजार काफी कम गिरा है।

भारतीय मानसून विभाग ने 30 मई को केरल में मानसून आने की भविष्‍यवाणी की है। घरेलू शेयर बाजार के लिए यह अब ताजा ट्रिगर होगा। यह मानसून अपने नियत समय से दो दिन पहले आ रहा है। मानसून विभाग पर भरोसा करें और मानूसन वाकई सामान्‍य से ठीक रहता है तो जून महीने से शेयर बाजार फिर तेजी पर सवार होगा जिससे सेंसेक्‍स 19 हजार अं के पार आसानी से जा सकता है। निफ्टी भी छह हजार के करीब पहुंच जाए तो अचरज नहीं होना चाहिए।

मानसून के इंतजार में बैठे निवेशकों ने पिछली गलतियों से सबक लेते हुए दो अच्‍छे कार्य किए हैं। निवेशक अब जरुरत से ज्‍यादा सावधान हैं जिसकी वजह से ऑपरेटर और पंटर बाजार में मनमानी नहीं कर पा रहे हैं। जब तक निवेशक लापरवाह नहीं होंगे, शेयर बाजारों में बड़ी गिरावट नहीं आएगी। बड़ी गिरावट के लिए शेयर निवेशकों में पागलपन आना जरुरी है।

रिलायंस पावर के आईपीओ के समय जो पागलपन निवेशकों के सिर पर सवार हुआ था, वैसा पागलपन आने में वक्‍त लगेगा। लेकिन जो इस मायाजाल को समझता वही निवेशक फिर बचेगा। हालाँकि, यह पागलपन निफ्टी के छह हजार अंक पहुँचने से पहले नहीं आएगा। दूसरा, विदेशी संस्‍थागत निवेशकों की गतिविधियों पर ध्‍यान रखते हुए वैश्विक शेयर बाजारों में जो घट रहा है उस पर नजर रखते हुए शेयर खरीद व बिक्री के किए जा रहे निर्णय वाकई सराहनीय है। इससे जहां घाटा कम होता है वही घटिया शेयरों से भी दूरी बनी रहती है।

17 मई 2010 से शुरु हो रहे नए सप्‍ताह में बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्‍स 17511 से 16744 के बीच घूमता रहेगा, जबकि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 5244 से 4911 के बीच देखने को मिल सकता है।

तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि शेयर बाजार बीते सोमवार को अचरज भरी तेजी के बाद टिक नहीं सका और सप्‍ताह के आखिरी दिन तक गिरता रहा। बीएसई सेंसेक्‍स में अगले सप्‍ताह रेजिस्‍टेंस 17061-17322-17912 है जबकि सपोर्ट 16733-16143 का होगा। निवेशकों को हर बढ़त पर मुनाफा वसूली करते हुए ताजा खरीद से दूर रहना चाहिए।


स्‍टॉक चार्ट कैपिटल सर्विसेज, इंदौर के तकनीकी विश्‍लेषक राजीव गुप्‍ता का कहना है कि 5093 पर स्थित निफ्टी की अल्‍प से मध्‍यम प्रवृत्ति दबाव की बनी हुई है और इसी वजह से इसने 5098 के समर्थन को ब्रेक कर दिया है। अगले सप्‍ताह नीचे में 4950 का समर्थन अहम हैं और इसके नीचे बने रहने पर इसकी स्थिति और खराब हो सकती है। साथ ही इसकी मुख्‍य प्रवृत्ति भी दबाव की हो जाएगी। 5215 और 5300 के प्रतिरोध भी इस सप्‍ताह के लिए अहम हैं।


निवेशक इस सप्‍ताह एस्‍ट्रल पॉली टेक्निक, धनलक्ष्‍मी बैंक, आरएनआरएल, ग्राइंडवैल नार्टन, इगारसी मोटर्स, भारत फोर्ज, व्‍हर्लपूल ऑफ इंडिया, कैमलिन, एक्‍स एल टेली, जेएसडब्‍लू एनर्जी, पीडिलाइट, एवीटी नेचुरल प्राडक्‍टस और तमिलनाडु न्‍यूज प्रिंट के शेयरों पर ध्‍यान दे सकते हैं।

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