ईआईएच : निवेशकों की पौ-बारह संभव
ओबेराय होटल की मालिक कंपनी ईआईएच के शेयर में एक बार फिर जोरदार हलचल शुरु हो गई है। यह हलचल सेबी द्धारा टेकओवर कोड में परिवर्तन किए जाने के तत्काल बाद आईटीसी अध्यक्ष वाई सी देवेश्वर के बयान के बाद आई। वाई सी देवेश्वर ने साफ कहा है कि हम ईआईएच में निवेश बढ़ाने के बारे में सोच रहे हैं।
आईटीसी के चेयरमैन वाई सी देवेश्वर का कहना है कि ईआईएच में और निवेश पर हमारा ट्रेजरी विभाग फैसला करेगा लेकिन मौजूदा भाव पर हिस्सेदारी बढ़ाने का यह अच्छा मौका है, हम निवेश करेंगे। आईटीसी के पास चार हजार से पांच हजार करोड़ नकदी है। जब हम इसे निवेश करेंगे तो इक्विटी में ही होगा और कारोबार की बात की जाए तो आप जानते ही हैं कि यह होटल्स में होगा। सेबी ने नए टेकओवर कोड में कहा किसी कंपनी में निवेश 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी किया जा सकता है और इसके बाद ओपन ऑफर लाना होगा। आईटीसी के पास ईआईएच की 14.98 फीसदी इक्विटी है।
आईटीसी के पास ईआईएच के शेयर वर्ष 2000 से हैं और यह अटकल हमेशा रही है कि आईटीसी ईआईएच के शेयरधारकों के लिए ओपन ऑफर लाएगी लेकिन कंपनी ने अनेक बार इससे इनकार किया है। ईआईएच में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी को भी रुचि है और उन्होंने इसके 14.8 फीसदी शेयर ले रखे हैं। जबकि, प्रमोटरों के पास 34.4 फीसदी शेयर हैं।
ईआईएच के तीन प्रमोटरों ने पिछले साल मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की पूर्ण स्वामित्ववाली सब्सिडियरी रिलायंस इंडस्ट्रीज इनवेस्टमेंट एंड होल्डिंग्स प्रा. लि. को 5.54 करोड़ शेयर बेचे थे जो कुल इक्विटी का 14.12 फीसदी हिस्सा थी। इक्विटी बेचने वाले ये तीन प्रमोटर ओबेराय होटल्स प्रा. लि., अरावली पॉलिमर्स प्रा. लि. और पृथ्वी राज सिंह ओबेराय हैं। मुकेश अंबानी की कंपनी ने 14.12 फीसदी इक्विटी के लिए एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा चुकाएं। बाद में आए राइट इश्यू से रिलायंस सब्सिडियरी का हिस्सा बढ़कर 14.8 फीसदी पहुंच गया।
हालांकि, सेबी के नए टेकओवर कोड के बाद रिलायंस ने ईआईएच में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के संबंध में कोई संकेत नहीं दिया है। लेकिन आईटीसी तैयारी कर रही है। आईटीसी पहले से ही होटल कारोबार में हैं लेकिन रिलायंस ने अब तक यह नहीं कहा है कि वह इस नए कारोबार में उतरेगी या यह केवल एक निवेश है।
आईटीसी के पास होटल लीला वेंचर के भी 13 फीसदी शेयर हैं। होटल लीला के प्रमोटरों के पास शेयरधारिता 54.6 फीसदी है इसलिए होटल लीला के अधिग्रहण का डर कम है। होटल लीला के प्रमोटर अपना 2800 करोड़ रुपए का कर्ज बोझ कम करने के लिए कुछ हिस्सा निजी इक्विटी खिलाडियों को बेचने पर विचार कर रहे हैं। लेकिन पिछले दिनों होटल लीला के शेयर प्रमोटरों की ओर से बाजार से खरीदे गए हैं।
टेकओवर कोड का अन्य लाभ वायसराय होटल्स को होगा। शेयर निवेशक राकेश झुनझुनवाला के पास इसके 11.5 फीसदी शेयर हैं, जबकि प्रमोटरों के पास 32.2 फीसदी शेयर हैं। वायसराय के 5.9 फीसदी शेयर अनिल अंबानी समूह की कंपनी सोनाटा इनवेस्टमेंट के पास है।जो निवेशक धैर्यवान हैं और लंबे समय में बेहतर रिटर्न चाहते हैं उनके लिए ईआईएच बेहतर शेयर हो सकता है। ईआईएच के टेकओवर के लिए आईटीसी के इरादों का जवाब देने के लिए मुकेश अंबानी मैदान में उतरते हैं तो निवेशकों की पौ-बारह होने की संभावना है।
आईटीसी के चेयरमैन वाई सी देवेश्वर का कहना है कि ईआईएच में और निवेश पर हमारा ट्रेजरी विभाग फैसला करेगा लेकिन मौजूदा भाव पर हिस्सेदारी बढ़ाने का यह अच्छा मौका है, हम निवेश करेंगे। आईटीसी के पास चार हजार से पांच हजार करोड़ नकदी है। जब हम इसे निवेश करेंगे तो इक्विटी में ही होगा और कारोबार की बात की जाए तो आप जानते ही हैं कि यह होटल्स में होगा। सेबी ने नए टेकओवर कोड में कहा किसी कंपनी में निवेश 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी किया जा सकता है और इसके बाद ओपन ऑफर लाना होगा। आईटीसी के पास ईआईएच की 14.98 फीसदी इक्विटी है।
आईटीसी के पास ईआईएच के शेयर वर्ष 2000 से हैं और यह अटकल हमेशा रही है कि आईटीसी ईआईएच के शेयरधारकों के लिए ओपन ऑफर लाएगी लेकिन कंपनी ने अनेक बार इससे इनकार किया है। ईआईएच में रिलायंस इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष मुकेश अंबानी को भी रुचि है और उन्होंने इसके 14.8 फीसदी शेयर ले रखे हैं। जबकि, प्रमोटरों के पास 34.4 फीसदी शेयर हैं।
ईआईएच के तीन प्रमोटरों ने पिछले साल मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की पूर्ण स्वामित्ववाली सब्सिडियरी रिलायंस इंडस्ट्रीज इनवेस्टमेंट एंड होल्डिंग्स प्रा. लि. को 5.54 करोड़ शेयर बेचे थे जो कुल इक्विटी का 14.12 फीसदी हिस्सा थी। इक्विटी बेचने वाले ये तीन प्रमोटर ओबेराय होटल्स प्रा. लि., अरावली पॉलिमर्स प्रा. लि. और पृथ्वी राज सिंह ओबेराय हैं। मुकेश अंबानी की कंपनी ने 14.12 फीसदी इक्विटी के लिए एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा चुकाएं। बाद में आए राइट इश्यू से रिलायंस सब्सिडियरी का हिस्सा बढ़कर 14.8 फीसदी पहुंच गया।
हालांकि, सेबी के नए टेकओवर कोड के बाद रिलायंस ने ईआईएच में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के संबंध में कोई संकेत नहीं दिया है। लेकिन आईटीसी तैयारी कर रही है। आईटीसी पहले से ही होटल कारोबार में हैं लेकिन रिलायंस ने अब तक यह नहीं कहा है कि वह इस नए कारोबार में उतरेगी या यह केवल एक निवेश है।
आईटीसी के पास होटल लीला वेंचर के भी 13 फीसदी शेयर हैं। होटल लीला के प्रमोटरों के पास शेयरधारिता 54.6 फीसदी है इसलिए होटल लीला के अधिग्रहण का डर कम है। होटल लीला के प्रमोटर अपना 2800 करोड़ रुपए का कर्ज बोझ कम करने के लिए कुछ हिस्सा निजी इक्विटी खिलाडियों को बेचने पर विचार कर रहे हैं। लेकिन पिछले दिनों होटल लीला के शेयर प्रमोटरों की ओर से बाजार से खरीदे गए हैं।
टेकओवर कोड का अन्य लाभ वायसराय होटल्स को होगा। शेयर निवेशक राकेश झुनझुनवाला के पास इसके 11.5 फीसदी शेयर हैं, जबकि प्रमोटरों के पास 32.2 फीसदी शेयर हैं। वायसराय के 5.9 फीसदी शेयर अनिल अंबानी समूह की कंपनी सोनाटा इनवेस्टमेंट के पास है।जो निवेशक धैर्यवान हैं और लंबे समय में बेहतर रिटर्न चाहते हैं उनके लिए ईआईएच बेहतर शेयर हो सकता है। ईआईएच के टेकओवर के लिए आईटीसी के इरादों का जवाब देने के लिए मुकेश अंबानी मैदान में उतरते हैं तो निवेशकों की पौ-बारह होने की संभावना है।
टिप्पणियाँ