भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला सप्ताह काफी खराब रहा। निफ्टी और सेंसेक्स के अलावा कई लार्ज कैप, मिडकैप एवं स्मॉलकैप शेयरो में भारी गिरावट देखी गई, जिससे निवेशकों के पोर्टफोलियो को काफी नुकसान पहुंचा। बाजार में बिकवाली का प्रमुख कारण विदेशी निवेशकों द्वारा लगातार बिकवाली एवं सकारात्मक घटको की अनुपस्थिति था। लगातार सात दिन की गिरावट के बाद सप्ताह के अंतिम दिन बाजार संभलते दिखे और ऑटो सैक्टर में हल्की खरीदारी भी देखने को मिली, जिससे निवेशकों को थोड़ी राहत मिली। बैंकिंग और फाइनेंशियल सैक्टर बाजार में लगातार दबाव बना रहे है, जब तक इनमें खरीदारी नहीं लौटती, बाजार में तेजी आना मुश्किल है। हालांकि भारतीय शेयर बाजार की लांग टर्म फंडामेंटल स्टोरी काफी आकर्षक है और इस तरह की गिरावट में निवेशकों को खरीदारी का मौका तलाशना चाहिए। इस सप्ताह के प्रमुख घटक: क्रिसमस और नववर्ष के अवकाश की वजह से विदेशी बाजारों में कोई खास हलचल नहीं देखने को मिलेगी, जिससे भारतीय बाजार भी सीमित दायरे में काम कर सकते है। एफएंडओ कटान की वजह से गुरुवार को बाजार में उठापटक देखी जा सकती है। जीएसटी बिल के अगले वित्त वर्ष म