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मानसून होगा शेयर बाजार का नया ट्रिगर

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दुनिया के उभरते शेयर बाजारों में सबसे अच्‍छी और सुखद स्थिति में होने के बावजूद भारतीय शेयर बाजार इस समय ढुलमुल हालत में है जिससे न तो निवेशकों को कोई कमाई हो रही है और न ही वे यह निर्णय कर पा रहे हैं कि शेयरों में खरीद की जाए या बेच दें। वजह साफ है अमेरिकी और यूरोपियन शेयर बाजार एक दिन इस खबर पर बढ़ते हैं कि अब ग्रीस को कर्ज संकट से उबार लिया गया है जबकि दूसरे दिन इस वजह से गिर जाते हैं कि यह संकट अन्‍य देशों में फैल गया तो क्‍या होगा। असल में एक कहावत है कि अटकलें तमाम अनिष्‍टों का कारण होती हैं। बस, इन्‍हीं अटकलों ने दुनिया भर के शेयर बाजारों की हालत पतली कर रखी है। शेयर बाजारों के लिए एक और बात देखें तो मई का महीना कभी अच्‍छा नहीं रहा। पिछले आठ साल से मई का महीना भारतीय शेयर बाजार और निवेशकों के लिए रिटर्न की दृष्टि से कमाऊ महीना नहीं रहा है। लेकिन इस साल जो सकारात्‍मक तथ्‍य देखने को मिल रहा है वह है विदेशी संस्‍थागत निवेशकों की धीमी बिकवाली। इन निवेशकों की आक्रामक बिकवाली न होने से हमारा बाजार काफी कम गिरा है। भारतीय मानसून विभाग ने 30 मई को केरल में मानसून आने की भविष्‍यवाणी की है...

दलाल स्‍ट्रीट: मंदडियों को कब्‍जा न करने देने का प्रयास

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भारतीय शेयर बाजार में अब मिड कैप और स्‍मॉल कैप शेयरों में तूफान देखने को मिल सकता है। वेबदुनिया में पिछले सप्‍ताह लिखे कॉलम में यह बात सच ठहरी। दलाल स्‍ट्रीट के तेजडियों की कोशिश 29 दिसंबर से शुरु हो रहे तीन दिवसीय सप्‍ताह में मंदडियों को हावी न होने देने की है। दलाल स्‍ट्रीट में आज मोहर्रम का अवकाश है जबकि 1 जनवरी को नए वर्ष की छुट्टी रहेगी। 31 दिसंबर गुरुवार को फ्यूचर एंड ऑप्‍शन की दिसंबर सीरिज का निपटान होगा जिससे तीन दिन के इस कारोबारी सप्‍ताह में अनपेक्षित उथल पुथल देखने को मिल सकती है। ऐसे में निवेशकों को सलाह है कि साल की विदाई आंशिक मुनाफावसूली से जरुर करें। चालू वर्ष में निफ्टी 2600 से 5200 और सेंसेक्‍स 8000 से 17000 पहुंच गया। शेयर बाजार की इस जोरदार चाल की उम्‍मीद ढेरों विश्‍लेषकों को नहीं थी। भारतीय कार्पोरेट जगत ने तीसरी तिमाही में 44 फीसदी अधिक यानी 48300 करोड़ रुपए अग्रिम कर के रुप में अदा किए हैं जिससे पता चलता है कि कार्पोरेट जगत तीसरी तिमाही के नतीजे बेहतर घोषित करेगा। वित्त मंत्री ने आठ फीसदी के करीब विकास दर के रहने और आने वाले वर्षों में इसमें बढ़ोतरी के साथ आम बज...

मिड कैप, स्‍मॉल कैप शेयरों में तूफान संभव !

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भारतीय शेयर बाजार में अब मिड कैप और स्‍मॉल कैप शेयरों में तूफान देखने को मिल सकता है। 21 दिसंबर से शुरु हो रहा नया सप्‍ताह केवल चार दिन का है क्‍योंकि 25 दिसंबर शुक्रवार को क्रिसमस का अवकाश है। इसके बाद 28 दिसंबर सोमवार को मोहर्रम की छुट्टी है। फिर एक जनवरी को नए वर्ष का अवकाश है। छुट्टियों से भरे इन तीन सप्‍ताह के दौरान घरेलू शेयर बाजार से विदेशी संस्‍थागत निवेशक भी गायब रहेंगे, ऐसे में घरेलू खिलाडि़यों को मिड कैप और स्‍मॉल कैप शेयरों में अपनी मनमर्जी करने की छूट मिल जाएगी। दिसंबर अंत में ऐसा अधिकतर होता आया है और आम निवेशक इस उछाल के खेल में अपने शेयर बेच जरुर दें लेकिन नई खरीद से पूरी तरह बचें। वर्ष 2009 अनेक समझदार विश्‍लेषकों की समझ से परे तेजी के बीच विदाई ले रहा है। ये विश्‍लेषक मार्च महीने में भारतीय शेयर बाजार के पूरी तरह तलहटी में बैठ जाने की भविष्‍यवाणी कर रहे थे लेकिन बाजार ही सबसे ऊपर होता है और उसने करवट लेते हुए सभी के अनुमान एवं आशंकाएं झुठला दी। हालांकि, अभी तक बीएसई सेंसेक्‍स 18 हजार के स्‍तर को छू नहीं पाया है जिसकी प्रबल संभावना थी। लेकिन मार्च महीने के बाद जिन नि...

एडवांस टैक्‍स के आंकड़ों पर दलाल स्‍ट्रीट की नजर

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भारतीय शेयर बाजार इस समय एक दायरे में घूम रहा है। औद्योगिक उत्‍पादन अक्‍टूबर महीने में 10।3 फीसदी रहा लेकिन यह उम्‍मीद से कम आया जिससे बाजार का मूड पिछले सप्‍ताह के अंत में बिगड़ गया। औद्योगिक उत्‍पादन की दर 12.5 से 14.5 फीसदी आंकी जा रही थी लेकिन ऐसा न हुआ। दलाल स्‍ट्रीट की नजर अब कार्पोरेट घरानों द्धारा एडवांस टैक्‍स अदा करने पर लगी है। यदि ये आंकड़े काफी अच्‍छे आते हैं तो बाजार में बढि़या बढ़त देखने को मिल सकती है अन्‍यथा निराशा बाजार को और नीरस कर सकती है। औद्योगिक उत्‍पादन में समूची दुनिया की नजर भारत और चीन पर लगी है लेकिन अक्‍टूबर महीने में हमारी औद्योगिक उत्‍पादन की दर उम्‍मीद के अनुरुप न आने से‍ बाजार को निराशा हुई है। अक्‍टूबर का महीना इस बार त्‍यौहारों का भरपूर महीना था और ऐसे में औद्योगिक उत्‍पादन के आंकड़ों में उछाल न आना आने वाले दिनों के लिए अच्‍छा संकेत नहीं है। भारतीय कार्पोरेट जगत, सरकारी बैंकों और कंपनियों ने पिछली बार अग्रिम कर यानी एडवांस टैक्‍स से सरकार की तिजोरी भर दी थी लेकिन अब 15 दिसंबर को समाप्‍त हो रहे तीसरे सप्‍ताह के आखिरी दिन यह पता चलेगा कि अग्रिम कर के...

शेयर बाजार पहुंचा मजबूत स्थिति में

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भारतीय शेयर बाजार का सेंसेक्‍स अब 18 हजार अंक की ओर बढ़ने की तैयारी कर रहा है। पिछले सप्‍ताह वेबदुनिया के इस कॉलम में इस तैयारी का उल्‍लेख किया गया था, जिसके जल्‍दी ही फलीभूत होने की उम्‍मीद की जा सकती है। शेयर बाजार में मजबूती का यह ट्रेंड आम बजट तक बना रह सकता है। हालांकि, बीच बीच में कुछ करेक्‍शन आ सकता है लेकिन बाजार के पूरी तरह साफ होने का अंदेशा नहीं है। निवेशक सैक्‍टर के बजाय स्‍टॉक विशेष पर अधिक ध्‍यान दें जो उन्‍हें बेहतर कमाई दे सकता है। यथा सौर ऊर्जा आयोजन पर सरकारी घोषणा होने की उम्‍मीद से वेबेल एसएल एनर्जी में करंट की उम्‍मीद थी और इस कॉलम में पिछले सप्‍ताह निवेशकों को इस शेयर पर ध्‍यान देने की सलाह दी गई थी जो सच ठहरी एवं इस कंपनी के शेयरों ने नई ऊंचाई को छूआ। इसी तरह स्‍टॉक विशेष पर दिया गया ध्‍यान आपको समृद्ध बना सकता है लेकिन हरेक दांव सचेत रहकर खेलें एवं आंशिक मुनाफावसूली का मंत्र अपनाएं रखें। इस सप्‍ताह फ्यूचर एंड ऑप्‍शन के तहत नवंबर सीरिज का निपटान होगा। इस वजह से शेयर बाजार में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है। दो तरफा उतार चढ़ाव पोजीशन रोलओवर करने के लिए आम न...

दलाल स्‍ट्रीट: सेंसेक्‍स की तैयारी 18 हजार की ओर जाने की !

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भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों ने यदि पिछली मंदी के सबक से वाकई कुछ सीखा हो तो यह कहा जा सकता है ट्रेडिंग जोन में चल रहे बाजार में उन्‍होंने बीते चार महीनों में काफी कुछ कमाया होगा। यदि कुछ निवेशक यह मानते हैं कि उनके हाथ एक धैला भी नहीं लगा तो फिर उन्‍हें शेयर बाजार की एबीसीडी ठीक से सीखने की जरुरत है। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्‍स 18 हजार अंक के ऊपर पहुंचने की तैयारी में है और जिन निवेशकों को अब तक निराशा हाथ लगी हो वे अपना गणित ठीक कर लें ताकि यह न हो कि वे अपना बैंक बेलैंस बढ़ाने में फिर नाकामयाब हो जाए। दलाल स्‍ट्रीट में मौजूदा तेजी के मद्देनजर एक बात साफ है कि यह पूरी तरह सटोरियों के नियंत्रण में है जिससे निवेशक अल्‍प अवधि के कारोबार पर ही ध्‍यान दें एवं मुनाफावसूली करते चले। यह समय लंबी अवधि के निवेश का नहीं है क्‍योंकि आर्थिक मोर्चे पर भारत सहित समूची दुनिया में कई बातें केवल पॉलिश कर पेश की जा रही है जिससे यह लगे कि सब कुछ चमक रहा है। अक्‍टूबर में हमारा औद्योगिक उत्‍पादन उम्‍मीद से अधिक बढ़कर 9.1 फीसदी रहा, सरकार ने भी एनटीपीसी, सेल और आरईसी सहित अनेक कंपनियों में अपनी...

दलाल स्‍ट्रीट में भय के बीच तेजी की उम्‍मीद

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भारतीय शेयर बाजार के निवेशक कुछ समय पहले तक इस भंवर में फंसे हुए थे कि बाजार में काफी बढ़त आ चुकी है, अब करेक्‍शन तय है। लेकिन इतने दिनों में हुआ क्‍या....सेंसेक्‍स 17 हजार अंक को पार कर गया और निफ्टी पांच हजार अंक के ऊपर। हमने कहा था कि शेयर बाजार के लिए दिन और सुधरेंगे...यही हुआ भी। हालांकि, कुछ विश्‍लेषक अब भी निवेशकों को डराने का कार्य कर रहे हैं कि डॉव जोंस के गिरने से भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्‍त करेक्‍शन देखने को मिलेगा और यह दिवाली बिगड़ सकती है लेकिन ऑपरेटरों के मन को पढ़ा जाए तो दिवाली तभी बिगड़ सकती है जब सेंसेक्‍स 16700 अंक के नीचे आ जाए। भारतीय शेयर बाजार के 1 अक्‍टूबर को समाप्‍त छोटा सप्‍ताह काफी फायदेमंद साबित हुआ और जो विश्‍लेषक यह राग अलाप रहे थे कि इस छोटे सप्‍ताह में बाजार बुरी तरह गिर जाएगा वे इस आंकडें पर गौर फरमाए कि विदेशी संस्‍थागत निवेशकों ने तीन दिन के इस सप्‍ताह में दो दिन में 2700 करोड़ रुपए के शेयर खरीदें। विदेशियों को भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था और बाजार में भरोसा है लेकिन हमें नहीं। विदेशी संस्‍थागत निवेशकों ने चालू कैलेंडर वर्ष के पहले नौ महीनों में 60 हजार ...