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कम्‍युनिस्‍ट बिजी हैं ‘न्‍यू क्लियर डील’ में

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भारत-अमरीका के बीच हो रही न्‍युक्लियर डील को लेकर हंगामा मचा रहे कम्‍युनिस्‍टों को देश की चिंता कब से सताने लगी। असल में कम्‍युनिस्‍ट इस समय कांग्रेस के साथ इस डील पर नहीं बल्कि ‘न्‍यू क्लियर डील’ पर बातचीत कर रहे हैं। यानी यदि भारत और अमरीका के बीच न्‍युक्लियर डील पर हमें चुप करना है तो पहले इस ‘डील को क्लियर’ करने के लिए हमारे साथ सौदेबाजी करो। हम यहां कम्‍युनिस्‍टों से पूछना चाहते हैं कि जब भारत और अमरीका के बीच इस करार को लेकर शुरूआती बातचीत और करार हुए थे तब क्‍या कम्‍युनिस्‍टों को इसके प्रभाव और मसौदे की जानकारी नहीं थी। हर सुबह उठकर चीन की ओर देखने वाले कम्‍युनिस्‍टों को यह बिल्‍कुल गवारा नहीं है कि भारत के अमरीका के साथ संबंध मजबूत बने या फिर भारत एशिया महाद्धीप में चीन से ज्‍यादा शक्तिशाली बने। समूची दुनिया में कम्‍युनिजम का क्‍या हुआ यह किसी से छिपा नहीं है और कम्‍युनिजम के सिद्धांत ताश के पत्‍तों की तरह वहीं ढेर हुए जो देश इन सिद्धांतों पर पल बढ़ रहे थे। भारत में पहले कम्‍युनिस्‍ट अपनी बदौलत दिल्‍ली की गद्दी हासिल करे और फिर देश का विकास व उसकी चिंता करे, तो ही उचित होगा। ह

शेयर बाजार में रहें सचेत

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दुनिया भर के शेयर बाजारों में अमरीका के एक छोटे से कदम से गर्मी आ गई है। निवेशकों के चेहरे भी खिल उठे हैं। लेकिन अभी इस गर्मी के टिकने और बढ़ने के बारे में कोई भी आश्‍वस्‍‍त नहीं हैं। भारतीय शेयर बाजार के सेंसेक्‍स को देखें तो 14680 के आज के उच्‍च स्‍तर को यह अभी बरकरार नहीं रख पाया है और इस अचानक बढ़त पर बिकवाली खूब हुई है, जिस निवेशक को जिस किसी शेयर में मुनाफा मिल रहा था, उसने उसे गांठ बांधना उचित समझा। कई निवेशकों को अब यह समझ में आ रहा है कि आज जो मुनाफा आपकी जेब में आ सकता है, वह कल किसी और की जेब में जा सकता है। भलाई इसमें ही है कि मुनाफा लेते चलो और लालच से बचों। लेकिन यह भी सच है कि बाजार एक बार फिर ठीक ठाक बढ़त की ओर चला तो लालचियों की संख्‍या भी बढ़ती जाएगी, जो उन्‍हें तगड़े झटके देगी। निवेशकों को हमारी सलाह है कि इस समय बेहतर शेयरों में ही इंट्रा डे ट्रेडिंग करें और जहां भी मुनाफा मिले, सौदे काट लें। हम आपको एक बात कहना चाहते हैं कि जिस जगह से भी आपको किसी कंपनी या अर्थव्‍यवस्‍था से जुड़ी कोई खबर मिलती हो उसे बेह‍द बारीकी से पढ़े और उसके परिणाम के बारे में सोचें क्‍योंकि यद

हताशा से उबरो पार्थ

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दुनिया भर के शेयर बाजारों में चल रही तगड़ी गिरावट से काफी निवेशक हताश हो चुके हैं। कल एक ही दिन में हैज फंडों की बिकवाली से निवेशकों के एक लाख 70 हजार करोड़ रूपए साफ हो गए। मैंने कई निवेशकों के उतरे हुए चेहरे, दुखी चेहरे और आंसूओं से भीगी पलकें देखी है। इस विषम स्थिति में हम फिर से कहना चाहेंगे कि धैर्य रखें और यदि आप डिलीवरी आधारित कारोबार करने वाले निवेशक हैं तो निराश न हो क्‍योंकि शेयर बाजार अगले छह महीने में बेहतर स्थिति में होगा। भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के न तो फंडामेंटल खराब हुए हैं और न ही उनमें कोई बड़ा बदलाव हुआ है। यह सही है कि अमरीका, जापान में जो हालात बिगड़े हैं उनका असर दुनिया भर में पड़ा है क्‍योंकि डॉलर के प्रभाव से कोई बच नहीं सकता। निवेशकों को हमारी सलाह है कि जहां भी हल्‍के सुधार के साथ उन्‍हें जिन कंपनियों के शेयरों में मुनाफा मिल रहा हो, उसे वसूल लें। जिन कंपनियों के निवेश में बड़ा घाटा हो रहा हो, उनमें प्राइस एवरेज करने के लिए नई खरीद अभी नहीं करे, बल्कि दो सप्‍ताह प्रतीक्षा करें। प्राइस एवरेज के लिए की जाने वाली नई खरीद में शेयरों की लेवाली बेहद छोटी छोटी मात्रा मे

झंडा ऊंचा रहे हमारा

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बढ़े चलो, चले चलो

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देश के विख्‍यात निवेशक राकेश झुनझुनूवाला का कहना है कि वर्ष 2012 तक बीएसई सेंसेक्‍स 25 हजार अंक पहुंच जाएगा। वे मानते हैं कि देश की अर्थव्‍यवस्‍था इस बात के संकेत दे रही है कि तेजी कायम रहेगी। एकदम सही कहा है राकेश झुनझुनूवाला ने। वाह मनी ब्‍लॉग शुरू से ही कहता आया है कि हर गिरावट आपके लिए बेहतर कंपनियों के शेयर खरीद के मौके खड़ी करती है और हर बड़ी तेजी आंशिक मुनाफा वसूली। असल में हर गिरावट के बाद एक उछाल आता है लेकिन सच्‍चा खिलाड़ी वह है जो हर बड़ी गिरावट में बेहतर शेयर छोटी छोटी मात्रा में खरीदता है। आपको कई बार यह लगता है कि मैंने अमुक कंपनी के शेयर नहीं लिए या चूक गया...लेकिन ऐसी गिरावट आपको बेहतर कंपनियों या अपनी पसंदीदा कंपनियों के शेयर खरीदने के मौके देती है। गिरावट के समय जो सबसे बड़ा मंत्र है, पहले आप शांत मन से अपनी पसंदीदा कंपनियों की सूची का विश्‍लेषण करें और यह देखें कि जिन कंपनियों के शेयर आप खरीदना चाहते हैं उनके नतीजे पिछले तीन सालों में किस तरह के आए हैं, प्रबंधन कैसा है, जिस क्षेत्र से कंपनी जुड़ी हैं, उस उद्योग का भविष्‍य कैसा है। क्‍या शेयर खरीदने के बाद आपकी होल्ड

मंदडि़ए हुए हावी

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हितेंद्र वासुदेव शेयर बाजार में पिछले सप्‍ताह हमने बताया था कि तेजडि़एं और मंदडिएं एक दूसरे को पटखनी देने में लगे हैं और पिछले सप्‍ताह की चंचलता इस बात का सबूत रही। बाजार के उठने और गिरने का कारण कोई तय नहीं था और किसी भी समय कुछ भी घट रहा था। बीएसई सेंसेक्‍स 293 अंक की गिरावट के साथ खुला और 27 जुलाई 2007 शुक्रवार को यह 544 अंक नीचे था। इस गिरावट की अभी तक भरपाई नहीं हो सकी है। सेंसेक्‍स का टेस्‍ट 15776/15487 के बीच था लेकिन न तो यह इसे पार कर सका और न ही इसके ऊपर बंद हुआ। 31 जुलाई को सेंसेक्‍स सुधरकर 15568 अंक की ऊंचाई तक गया और 9 अगस्‍त को यह 15542 तक गया लेकिन बाद में बुरी तरह टूटकर 15001 अंक पर बंद हुआ जो 207 अंक की गिरावट दिखाता है। 10 अगस्‍त को सेंसेक्‍स 15100/14674 अंक के गेप के साथ खुला लेकिन बाद में हल्‍का सुधरा और यह गेप 14901/15100 का बना। सेंसेक्‍स के सामने अब दो गेप बाधाएं हैं। सेंसेक्‍स की ऊंचाई अब 15868 और निचाई 15542 मानी जा सकती है। लेकिन यहां एक बात साफ है कि जब तक सेंसेक्‍स 15868 को पार नहीं करता तब तक यह नहीं कहा जा सकता कि करेक्‍शन पूरा हो गया। हम आपको पहले ही कह

दिल मजबूत होना जरुरी

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दुनिया भर के शेयर बाजारों में इन दिनों जो भी निवेशक कारोबार कर रहे हैं और यदि उनके दिल कमजोर है तो पहली सलाह यही है कि वे बाजार से निकल जाएं। इस समय शेयर बाजारों में जो उठापटक हो रही है उसे मजबूत दिल वाले ही सह सकते हैं। हालांकि, जिन निवेशकों ने पहले आंशिक मुनाफा वसूली कर ली थी उनके लिए बेहतर स्‍टॉक्‍स सस्‍ते में लेने का समय आ रहा है। यह समय ऐसा होगा जब आपको यह कहिए कि अनेक कंपनियों के शेयर अपने अब तक उच्‍चतम भावों से डिस्‍काउंट में मिलेंगे। त्‍यौहारों से पहले जिस तरह हरेक दुकानों के बाहर बोर्ड लग जाते हैं...सेल..20 प्रतिशत डिस्‍काउंट...सेल...50 फीसदी डिस्‍काउंट। शेयर बाजार में जोरदार..जोरदार तेजी आएगी जिसकी कल्‍पना काफी कम लोगों ने की है और ऐसे त्‍यौहार का आनंद उठाने से पहले यह डिस्‍काउंट सेल रहेगी ताकि त्‍यौहार मनाने से पहले आप सस्‍ते में कुछ चीजें खरीद सकें और दुकानों में आपको नया स्‍टॉक मिल सके। वाकई आप मजबूत दिल वाले हैं तो घबराएं नहीं। आज भारतीय शेयर बाजार सुबह अंतरराष्‍ट्रीय बाजारों की चाल के मुताबिक खूब बढ़कर खुला लेकिन बीएनपी परिबास के तीन एसेट बेकड फंड के फ्रीज होने की खबर आ