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क्‍या सेंसेक्‍स शिखर को पार कर पाएगा ?

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हितेंद्र वासुदेव बीएसई सेंसेक्‍स जिस मुकाम पर है वहां उसकी परीक्षा उसके पिछले शिखर पर होगी। सेंसेक्‍स ने इसका प्रयास भी किया। पिछले सप्‍ताह सेंसेक्‍स का उच्‍च स्‍तर 15824 रहा, जबकि पिछला उच्‍चतम शिखर 15868 था। इस शिखर पर सेंसेक्‍स की परीक्षा हो रही है लेकिन चंचलता और उतार चढ़ाव भी देखा गया। बीएसई सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह 15413.58 पर खुला और नीचे में 15363.53 तक गया। इसने ऊपर में 15824.65 अंक तक जाने का प्रयास किया लेकिन आखिर में 15603.80 अंक पर बंद हुआ। इस तरह साप्‍ताहिक आधार पर इसमें 13 अंक की बढ़ोतरी रही। कुल मिलाकर सेंसेक्‍स में हलचल सीमित रही। 31 अगस्‍त को समाप्‍त सप्‍ताह में सेंसेक्‍स 15318 पर बंद हुआ और तभी से साप्‍ताहिक रुझान ऊपर का है। साप्‍ताहिक रुझान नरमी में पलट सकता है यदि यह शुक्रवार के 15234 से नीचे से बंद हो। यहां एक बार फिर यह अहम सवाल उठता है कि क्‍या सेंसेक्‍स अपने‍ शिखर को पार करेगा। हालांकि, इस संबंध में कोई भी साफ तौर पर नहीं कह सकता। हां, सेंसेक्‍स 15868 के ऊपर बंद होता है तो यह स्थिति को और साफ करेगा। दैनिक बंद स्‍तर 15868 अंक से ऊपर होना ही पर्याप्‍त नहीं है, इ

वाह मनी ब्‍लॉग को चाहिए दो यंग जर्नलिस्‍ट

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वाह मनी ब्‍लॉग को दो ऐसे नव पत्रकारों की जरुरत है जो बिजनैस समाचारों की शुरूआती समझ बूझ रखते हों। अंग्रेजी से हिंदी अनुवाद और कंप्‍यूटर पर कम्‍पोजिंग एवं इंटरनेट की जानकारी जरुरी। शेयर बाजार लाइव के साथ कार्य करने की क्षमता। मुंबई में नियुक्ति के साथ बैचलर आवास सुविधा। संपर्क ईमेल : kamaljalaj@gmail.com

बीएसई सेंसेक्‍स दिवाली तक 17 हजार

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भारतीय शेयर बाजार एक बड़े झटके से उबरता हुआ एक बार फिर नई ऊंचाई की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में यह सवाल फिर से हर निवेशक के मन में उठ रहा है कि क्‍या शेयर बाजार फिर से गोता तो नहीं लगा जाएगा या यह तेजी का माहौल निरंतर बना रहेगा। यदि हम भारतीय शेयर बाजार के मौजूदा रुझान को देखें तो बीएसई सेंसेक्‍स इस साल के अंत तक 17 हजार अंक को पार कर सकता है बशर्ते राजनीतिक मोर्चे पर स्थिरता कायम रहे। भारत अमरीका परमाणु करार की समीक्षा के लिए समिति बनने के बाद भी जिस तरह के बयान आ रहे हैं उससे यह लगता है कि कांग्रेस एवं वामपंथी एक दूसरे की ताकत और संभावना को टटोल रहे हैं, जबकि समिति बनने के बाद सार्वजनिक बयान बंद हो जाने चाहिए थे और जो कुछ आना चाहिए वह समिति की रिपोर्ट के माध्‍यम से आना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। माकपा महासचिव प्रकाश कारत का मूड कुछ और ही दिखता है। संभवत: वे चाहते होंगे कि उनकी अगुआई में वामपंथी पश्चिम बंगाल एवं केरल के साथ कुछ और जगह अच्‍छा प्रर्दशन कर सकते हैं। यदि वामपंथी केंद्र सरकार का साथ छोड़ते हैं तो बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्‍स इस साल के अंत तक 17 हजार अंक को नहीं छू

गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं, सेंसेक्‍स इस साल 17 हजार के पार

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वाह मनी के सभी चहेतों को गणेश चतुर्थी की शुभकामनाएं। भारतीय शेयर बाजार के मौजूदा मूड को भांपते हुए इस साल के अंत तक बीएसई सेंसेक्‍स 17 हजार अंक के पार होगा। सेंसेक्‍स के इस सफर पर पढि़ए खास स्‍टोरी कल गणेश चतुर्थी के मौके पर। वाह मनी के चहेतों की मांग पर हम जल्‍दी ही लेखों की एक श्रृंखला शुरु करने जा रहे हैं उन निवेशकों के लिए जो बिल्‍कुल नए हैं और शेयर बाजार से अनजान हैं। साथ ही शेयर बाजार का रोजाना का हालचाल और किसी एक विशेष कंपनी से जुड़ी खबर एवं उसका असर हम आपको बताएंगे, ताकि आप यह निर्णय कर सकें कि जिस खबर को आप पढ़ रहे हैं उस कंपनी में निवेश करें या नहीं अथवा अपने निवेश को बनाए रखें या बाहर निकल जाएं। वाह मनी पर आप और क्‍या चाहते हैं यानी आप शेयर बाजार से जुड़ी और कैसी जानकारियां जानना चाहते हैं, हमें जरुर बताएं।

शेयर बाजार में पैसा लगाने से पहले

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रिस्क प्रोफाइल सबसे पहले अपना रिस्क प्रोफाइल तय कर लें। यानी यह जान लें कि इनवेस्टमेंट के मामले में आप किस हद तक जोखिम उठाने की स्थिति में हैं। इनवेस्टमेंट से संबंधित कोई ठोस निर्णय लेने का यह एकदम सही आधार है। आपका इनवेस्टमेंट आपके रिस्क प्रोफाइल के अनुसार ही होना चाहिए। रिस्क प्रोफाइल आपकी उम्र, निजी जिम्मेदारियों, सरप्लस आमदनी या बचत और आपकी आर्थिक व पारिवारिक हालत पर निर्भर करता है। 25 साल का एक प्रफेशनल, 56 साल के किसी सर्विसमैन की तुलना में कहीं ज्यादा जोखिम उठाने की स्थिति में होता है। इनवेस्टमेंट के मामले में यही फॉर्म्युला लागू होता है, 'ज्यादा जोखिम, ज्यादा मुनाफा'। शेयर मार्केट में इनवेस्टमेंट के मामले में यह फॉर्म्युला कुछ ज्यादा ही फिट बैठता है, क्योंकि बाजार में उतार-चढ़ाव का माहौल कुछ ज्यादा ही रहता है। दूसरी ओर, बॉन्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट, पीपीएफ, पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम वगैरह उन लोगों के लिए हैं, जो ज्यादा जोखिम उठाने की स्थिति में नहीं होते। देर नहीं भली इनवेस्टमेंट के मामले में सीधा-सा नियम है कि आपके पास वक्त जितना कम होगा, आपको उतना ही ज्यादा सावधान रहना होग