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चीनी स्‍टॉक्‍स में निवेश किया तो खाएंगे धोखा

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केंद्र सरकार अब चीनी उद्योग को अनेक रियायतों की बातें कर रही हैं जिससे शेयर बाजार में इन दिनों चीनी शेयरों को खरीदने की सिफारिश बड़े पैमाने पर हो रही है। बीच बीच में चीनी शेयरों के दाम इस तरह बढ़े भी हैं कि अच्‍छे अच्‍छे निवेशक पैसे बनाने के लालच में आ जाएं। जबकि हकीकत यह है कि चीनी शेयरों में निवेश करने वाले निवेशक एक दिन अपने को ठगा हुआ महसूस करेंगे। चीनी उद्योग के हालात मिलने वाली रियायतों के बावजूद खराब ही रहेंगे। अब जानिए हकीकत जो चीनी के मिठास जितनी ही कड़वी है। केंद्र सरकार चीनी उद्योग को दिए जा रहे निर्यात प्रोत्‍साहन समय को एक साल के लिए बढ़ाएगी। एथनॉल की ब्‍लेंडिंग पांच से बढ़ाकर दस फीसदी की जाएगी, जबकि इस समय ब्‍लेंडिंग पांच तो छोड़ों दो फीसदी भी नहीं हो रही। सीधे गन्‍ने में से एथनॉल बनाने का ढांचा ही नहीं है। ऐसी बुनियादी सुविधाएं खड़ी करने में दो साल लगेंगे। नाबार्ड बैंक के कर्ज को रिस्‍ट्रक्‍चरिंग करने की है तो हम आपको बता दें कि शेयर बाजार में लिस्‍टेड किसी भी शुगर कंपनी के पास नाबार्ड बैंक का कर्ज नहीं है, तो फायदा किसे मिलेगा। केवल उत्‍तर प्रदेश में गन्‍ने के दाम घटाए

शेयर बाजार में चमक बनी रहने की आस

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हितेंद्र वासुदेव शेयर बाजार ने पिछले सप्‍ताह ‘ क्‍या सेंसेक्‍स शिखर को पार कर पाएगा..? ’ का जवाब सकारात्‍मक दिया। हमने शेयर बाजार को ब्रेकआउट होते और नई ऐतिहासिक ऊंचाई बनाते देखा। पिछले सप्‍ताह बीएसई सेंसेक्‍स 15664.74 अंक पर खुला और नीचे में 15467.46 अंक तक गया लेकिन बाद में यह तेजी से उठकर 16616.84 के मुकाम पर पहुंच गया। अंत में यह 16564.23 अंक पर बंद हुआ। इस तरह सेंसेक्‍स ने साप्‍ताहिक आधार पर 927 अंक की रिकॉर्ड तोड़ बढ़त हासिल की। हमने सेंसेक्‍स में तीन सप्‍ताह पहले नौ सौ अंक की बढ़त देखी थी और फिर से पिछले सप्‍ताह नौ सौ अंक का उछाल देखा। बीएसई सेंसेक्‍स में तेजी का दौर 31 अगस्‍त 2007 को साप्‍ताहिक बंद स्‍तर 15318 अंक से ही चल रहा है। नरमी की बात करें तो साप्‍ताहिक रुझान शुक्रवार को 15769 अंक से बंद आने पर या सेंसेक्‍स के तेजी से गिरकर 15300 से नीचे पहुंचने पर ही दिखेगा। अगले सप्‍ताह करेक्‍शन देखने को मिल सकता है लेकिन इसमें बढ़त की गुजांइश से भी इनकार नहीं किया जा सकता। अब सेंसेक्‍स आने वाले समय में 17957-19248-21337 पर दिख सकता है। 27 फरवरी 2008 से 19 मार्च 2008 के बीच सेंसेक्‍स

शेयर बाजार कहीं भागकर नहीं जा रहा...

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भारतीय शेयर बाजार बीएसई सेंसेक्‍स के नई ऊंचाई पर पहुंचने के बाद अधिकतर निवेशकों का कहना था कि जल्‍दी बताओं कौन कौनसी कंपनियों के शेयर खरीदें...हम तो गाड़ी चूक गए। गाड़ी न पकड़ पाए और यदि गाड़ी में बैठे हैं तो ऐसे निवेशक एक बार इसे पढ़ लें... शेयर बाजार में गिरावट का खेल दस अक्‍टूबर के बाद ....। हम गाड़ी पकड़ने के लिए दौड़ने वाले निवेशकों को राय देना चाहेंगे कि शेयर बाजार में आपाधापी का खेल न खेलें और अब तक जो भी निवेशक शेयर बाजार को कोसते हुए मिलते हैं या जिन्‍होंने इस बाजार में अपने हाथ जलाएं हैं वे आपाधापी में थे कि मैं क्‍यों नहीं पैसा कमा सका। उसकी कमीज मेरी कमीज से ज्‍यादा सफेद क्‍यों। इस समय शेयर बाजार में अलग अलग विश्‍लेषक अलग अलग बात कह रहे हैं...जैसे क्रिस्‍टॉप लालो को लें...उभरते शेयर बाजारों में विपुल संभावनाएं हैं। लेकिन मुद्रा यानी करेंसी एपरिसिएट होना लंबी अवधि के लिए अच्‍छा नहीं है। मेरे ख्‍याल से इस साल के आखिर या अगले साल की शुरूआत में बीएसई सेंसेक्‍स 20 हजार अंक तक पहुंच जाएगा। अब लें...जेएम फाइनेंशियल के तकनीकी विश्‍लेषक गौतम शाह को...अक्‍टूबर का महीना बाजार के लिए

शेयर बाजार में गिरावट का खेल दस अक्‍टूबर के बाद

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अमरीकी अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए फैडरल रिजर्व के ब्याज दरों में अपेक्षित चौथाई फीसदी के बजाय आधा प्रतिशत कटौती कर दुनिया भर के शेयर बाजारों को तगड़ी ऊंचाई की ओर बढ़ा दिया है। डॉव जोंस भी वर्ष 2002 के बाद कल पहली बार एक ही दिन में 336 अंक उछला। भारतीय शेयर बाजार बीएसई ने अपनी पिछली ऊंचाई 15869 को पीछे छोड़ते हुए 16 हजार अंक को पार किया और इस समय यह 16261 अंक चल रहा है। इस समय तक सेंसेक्‍स में 591 अंक का जोरदार इजाफा। निवेशक झूम रहे हैं कि सेंसेक्‍स दौड़ गया लेकिन मिड कैप और स्‍मॉल कैप की कितनी कंपनियों के शेयरों में उछाल आया है। आज की दौड़ का आम निवेशक को जो मझौली और छोटी कंपिनयों में पैसा लगाता है कोई फायदा नहीं हुआ। कौनसे शेयर दौड़ रहे हैं, जरा यह सोचिए। क्‍या आज आपको शेयर बाजार से सेंसेक्‍स की तुलना में बड़ा फायदा हुआ है। अधिकतर निवेशकों का इस पर नकारात्‍मक जवाब है। जब आम निवेशक को लाभ नहीं हुआ है तो मौजूदा तेजी किसके हित में। विदेशी संस्‍थागत निवेशक, घरेलू बड़े संस्‍थागत निवेशक और म्‍युच्‍यूअल फंड इस मलाई के भागीदार बने हैं। इस समय सभी जगह यह बात आ रही है कि अमरीकी कदम से

शेयर बाजार में रही चमक

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अमरीकी फैडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों में कमी किए जाने की प्रबल संभावनाओं के बीच यूरोप के शेयर बाजारों में आई तेजी का असर 18 सितंबर 2007 को भारतीय शेयर बाजार में भी देखने को मिला। शेयर बाजार के मौजूदा रुझान को देखते हुए इस तेजी के आगे भी बने रहने की संभावना है। बीएसई सेंसेक्‍स में तेजी कारोबार दूसरे चरण में आई जब इसकी अगुआई तेल एवं गैस और बैंकिंग स्‍टॉक्‍स ने की। बीएसई में कुल 1794 शेयर बढ़े, जबकि 958 में गिरावट देखी गई। केवल 55 कंपनियों के शेयरों में कोई बदलाव नहीं देखा गया। बीएसई सेंसेक्स में 165 अंक की जोरदार बढ़त दर्ज की गई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 52 अंक चढ़ा। बाजार विश्लेषक कहते हैं कि अमरीकी अर्थव्यवस्था की स्थिति को देखते हुए फैडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कम से कम चौथाई फीसदी की कमी किए जाने की पूरी-पूरी संभावना है। हालांकि, यह कटौती आधा प्रतिशत तक भी हो सकती है। एल एंड टी को सेल से 7।6 अरब रुपए का आर्डर मिलने से बढ़त देखी गई। लेन्‍को इंफ्राटेक का यूएई की कंपनी गल्‍फटेनर के साथ पोर्ट और ट्रांसपोर्टेशन परियोजनाओं के लिए करार होने से गर्मी आई। बिकवाली दबाव स