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चैन से सोना है तो जाग जाओं निवेशकों

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शेयर बाजार में आई गिरावट के लिए हर कोई विदेशी संस्‍थागत निवेशकों को दोष दे रहा है कि उनकी बिकवाली ने शेयर बाजार को तोड़ दिया। लेकिन क्‍या विदेशी संस्‍थागत निवेशकों को शेयर बेचने का अधिकार नहीं है। या उन्‍हें हमने यहां केवल शेयर खरीदने के लिए ही बुलाया है कि आप केवल शेयर खरीदें और बेचेंगे हम ही। जब शेयर बाजार ऑल टाइम हाई हो गया था तो क्‍यों घरेलू निवेशक यह सोचकर रुक गए कि बाजार तो अभी और फलेगा, फूलेगा...‍िफर शेयर बेचेंगे। वाह मनी हमेशा यह कहता रहा है कि जो मुनाफा आज आप की जेब में हैं वह कल किसी और की जेब में जा सकता है। इस समय असल में यही हो रहा है कि जो मुनाफा कल आपकी जेब के हवाले हो सकता था आज विदेशी संस्‍थागत निवेशकों के बैंक खाते में पहुंच गया है। जब एक छोटे निवेशक को अपने शेयर बेचने का अधिकार है तो बड़े निवेशक को भी अपने शेयर बेचने का अधिकार है। यह अलग बात है कि छोटे निवेशक के पास किसी कंपनी के सौ से कुछ हजार शेयर होंगे जबकि विदेशी संस्‍थागत निवेशकों के पास एक एक कंपनी के लाखों शेयर होते हैं। जब कोई छोटा निवेशक शेयर बेचता या खरीदता है तो वह अपने स्‍तर के निवेशकों या सलाहकारों की र

लालच यही करता है जो आज हुआ...

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पार्टिसिपेटरी नोट को लेकर शेयर बाजार में मचा तूफान वित्‍त मंत्री का बयान आने के बाद थमता दिखाई दिया लेकिन विदेशी संस्‍थागत निवेशकों ने तो कुछ और ही तय कर रखा था। शेयर बाजार कल की तगड़ी गिरावट के बाद जिस तरह रिकवर हुआ, उससे आम निवेशक के मन में य‍ह बात बैठी की इस तरह की गिरावट के बाद पैसा कमाया जा सकता है। आम निवेशक ने इसी सोच को देखते हुए सु‍बह जब बीएसई सेंसेक्‍स को 18827 अंक से बढ़ते हुए देखा तो अपने मन पर काबू न पा सके और जमकर शेयरों की खरीद की। बस, विदेशी संस्‍थागत निवेशकों को तो यही चाहिए था कि घरेलू निवेशक बाजार की ओर आएं। सेंसेक्‍स 19198 अंक, ऑल टाइम हाई। शेयर विश्‍ेलषकों ने राग अलापना शुरू किया कि सब ठीक ठाक हो गया और सेंसेक्‍स 19700 अंक से ऊपर दिखाई देगा। इसके बाद खेल खेला विदेशी संस्‍थागत निवेशकों ने और सेंसेक्‍स को ऐसा हिलाया कि अच्‍छे अच्‍छे विश्‍लेषक सोच न पाएं और सेंसेक्‍स आ गया 17771 अंक। हालांकि, अंत में एवेरज होकर सेंसेक्‍स आया 17998 अंक। मैं कल रात से कई निवेशक मित्रों से बात कर रहा था कि 15 नवंबर से पहले सेंसेक्‍स 15 से 15500 अंक तक आ सकता है। कुछ निवेशकों का कहना था

शेयर बाजार फिर दौड़ेगा

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सेबी ने पार्टिसिपेटरी नोट पर अपने दिशा निर्देशों का मसौदा सामने रखा और भारतीय शेयर बाजार आज औंधे मुंह गिरा। वित्‍त मंत्री पी चिदम्‍बरम ने भी शेयर बाजार में आई तगड़ी गिरावट के बाद ज्‍योंहि बयान दिया, शेयर बाजार सुधार की ओर मुड़ा। शेयर बाजार में आई भयानक गिरावट पर वित्त मंत्री का कहना है कि वे पार्टिसिपेटरी नोट को प्रतिबंधित करने के पक्ष में नहीं है और दिन चढने के साथ शेयर बाजार में फैली यह घबराहट दूर हो जाएगी। इस समय बीएसई सेंसेक्‍स तकरीबन 750 अंक नीचे है, हालांकि निवेशकों को बहुत सावधान रहने की जरुरत है। फिर भी हम निवेशकों से कहना चाहेंगे कि वे बुनियादी तौर पर मजबूत कंपनियों के शेयर कतई नहीं बेचें बल्कि कम भावों पर ऐसी कंपनियों के शेयर खरीदें जरुर। यदि आज आपने गौर किया है तो कई बेहतर कंपनियों के शेयर काफी घट गए थे लेकिन अब वापस वे कल के स्‍तर के आसपास दिख रही हैं यानी समझदारों ने इनमें खरीद का मौका देखा। पी नोट का यह है झंझट पुराना सेबी और रिजर्व बैंक ने इस बात पर जोर दिया है कि पी नोट्स के अंधाधुंध इस्‍तेमाल को रोकने की आवश्‍यकता है। हालांकि, पार्टिसिपेटरी नोट को रोकने के लिए यह पहली

शेयर बाजार का मार्च पॉस्‍ट

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भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को खासा उछाल देखने को मिल सकता है। लेकिन परमाणु करार से कदम पीछे खींचने से बिजली कंपनियों के शेयरों को झटका लगने की आशंका है। कांग्रेस के परमाणु करार से अधिक सरकार को बचाए रखने की प्राथमिकता यह संकेत देती है कि कांग्रेस जो अब तक अपने आप को चुनाव के लिए तैयार बता रही थी, पहले गुजरात में लड़े जाने वाले मिनी चुनाव युद्ध का जायका लेना चाहती है। यदि गुजरात चुनाव में सही सफलता हाथ लगी तो ही केंद्र सरकार फरवरी-मार्च में लोकसभा चुनाव के बारे में सोच सकती है। इस तरह की सोच से पहले अगले आम बजट के संकेत भी साफतौर पर दिए जाएंगे कि बजट कैसा बनाने का मूड है और इस संबंध में देश के वित्‍त मंत्री पी चिदम्‍बरम ने कुछ बातें कही हैं। पेट्रोल डीजल की कीमतें मार्च से पहले न बढ़ाने की घोषणा और खाद्यान्‍नों के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों को बढ़ाकर किसानों वोट बैंक की आ‍कर्षित करना, खाद्यान्‍नों की कीमतों पर नियंत्रण की बात कर आम आदमी को लुभाना भी इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। परमाणु करार के बजाय सरकार बचाने को वरीयता देने के बाद यह तो साफ है कि शेयर बाजार में उछाल आएगा लेकिन हम आम

गोलमाल है भाई सब गोलमाल है....

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भारतीय शेयर बाजार पूरी तरह कंप्‍यूटरीकृत होने और सेबी की कड़ी नजर से शेयर बाजार में गोलमाल न होने की छवि रखने वाले आम निवेशक यह जान लें कि हरिदास मूंदडा, हर्षद मेहता और केतन पारेख से भले ही अब यह बाजार बचा हुआ हो लेकिन यहां अभी भी काफी कुछ गोलमाल है और यह गोलमाल हमेशा बना रहेगा। हम आपको बताते हैं कि शेयर बाजार में कैसे सांकेतिक भाषा में गोलमाल चलता है ताकि फोन रिकार्डिंग होने के बावजूद कोई पकड़ा नहीं जा सके। माहौल है--देश के एक विख्‍यात संस्‍थागत शेयर ब्रोकिंग हाउस के इक्विटी डिलिंग रुम का। जहां इसके एक सेल्‍स टीम सदस्‍य श्रीमान एक्‍स बैठे हैं जिन्‍हें एक विदेशी ग्राहक ने एनटीपीसी के दस लाख शेयर अमुक भाव पर खरीदने का ऑर्डर दिया है। इसके बाद श्रीमान एक्‍स के पास एक फोन आता है और इस फोन की आस पहले से ही श्रीमान एक्‍स को थी। बस अब बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज के खुलने में केवल दस मिनट बचे हैं। फोन पर श्रीमान एक्‍स से ग्राहक बाजार की सामान्‍य बातचीत करता है और पूछता है कि आज लंदन शेयर बाजार कैसा रहेगा। श्रीमान एक्‍स का जवाब है मेरे ख्‍याल से अच्‍छा रहेगा। सर, मैं इस समय व्‍यस्‍त हूं और आपसे इस