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रुचि सोया : सॉलिड स्‍टॉक

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घरेलू खाद्य तेल कंपनी के शेयरों में जब निवेश की बात आती है तो सभी निवेशकों के दिमाग में रुचि सोया का नाम सबसे पहले उभर आता है। इस कंपनी के कार्य प्रदर्शन और सही योजना ने निवेशकों को हमेशा अपनी ओर खींचा है। रुचि सोया ने हाल में अपने तिमाही नतीजे घोषित किए हैं। अक्‍टूबर से दिसंबर 2008 की तिमाही में कंपनी की शुद्ध बिक्री 3196.6 करोड़ रुपए रही जिस पर शुद्ध लाभ 59.5 करोड़ रुपए रहा। जबकि, अक्‍टूबर से दिसंबर 2007 की तिमाही में शुद्ध लाभ 37.5 करोड़ रुपए और शुद्ध बिक्री 2853.4 करोड़ रुपए थी। यानी चालू तिमाही में शुद्ध बिक्री में पिछली समान तिमाही की तुलना में 12 फीसदी और शुद्ध मुनाफे में 59 फीसदी की बढ़ोतरी। जबकि, इन नतीजों को अप्रैल से दिसंबर 2007 के नौ महीनों में संदर्भ में देखें तो शुद्ध बिक्री 7519.2 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 119.7 करोड़ रुपए रहा। जबकि, पिछले साल समान अवधि में शुद्ध बिक्री 5536 करोड़ रुपए एवं शुद्ध लाभ 66.5 करोड़ रुपए था। नौ महीनों में शुद्ध बिक्री 36 फीसदी एवं शुद्ध लाभ में 80 फीसदी का इजाफा हुआ है। रुचि सोया ने सरसों, बिनौला और राइस ब्रान तेलों के रिटेल बाजार में बड़े पैमा

शेयर बाजार में सब कुछ नेगेटिव नहीं

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भारतीय शेयर बाजार जिस मंदी की मार झेल रहे हैं वह खतरा अभी पूरी तरह खत्‍म नहीं हुआ है। अमरीकी फैड रिजर्व ने आनन फानन में ब्‍याज दरों में कटौती कर शेयर बाजार को बुरी तरह टूटने से थामने की कोशिश जरुर की लेकिन सबप्राइम के नतीजों पर इससे वास्‍तव में ब्रेक नहीं लगाया जा सकता। भारतीय रिजर्व बैंक की इस सप्‍ताह मौद्रिक नीति पर बैठक होने जा रही है और उम्‍मीद है कि 25 बेसिक अंक की ब्‍याज दर में कमी की जा सकती है। यह कमी होती है तो भारतीय शेयर बाजार के लिए यह एक अच्‍छी खबर होगी। भारतीय शेयर बाजार में बीते सप्‍ताह जो मंदी के झटके लगे, उसके बारे में हमने दिसंबर में ही कह दिया था कि विदेशी संस्‍थागत निवेशक अब पहले से अधिक समझदार है और जो निवेशक यह मानते हैं कि जनवरी में नया पैसा लाकर विदेशी निवेशक हमसे महंगे स्‍टॉक खरीद लेंगे, गलत साबित होंगे और बाजार जनवरी को दूसरे सप्‍ताह में ढ़ेर हो जाएगा। शेयर बाजार की मौजूदा मंदी अमरीका में सबप्राइम का असली नतीजा है। इससे यह तो साफ है कि अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में घटने वाली हर घटना का हमारे शेयर बाजार पर असर जरुर पड़ेगा। यही वजह रही कि 21 और 22 जनवरी की गिरावट ने

शेयर बाजार की नजरें रिजर्व बैंक पर

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शेयर बाजार के खिलाडि़यों की नजरें अब भारतीय रिजर्व बेंक पर लगी हैं। भारतीय रिजर्व बैंक कल यानी 29 जनवरी 2008 को अपनी मौद्रिक नीति घोषित करेगा। इस नीति में उम्‍मीद की जा रही है कि बैंक ब्‍याज दरों में 25 से 50 बेसिस अंक की कमी करें। इस कदम से न केवल वैश्विवक मंदी के माहौल में हालात अच्‍छे करने का मौका मिलेगा बल्कि घरेलू मांग में बढ़ावा होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर और कर्ज दरों में आखिरी कटौती मार्च 2004 में की थी। जबकि बैंक जून 2006 से पिछले मार्च तक पांच बार इसमें बढ़ोतरी कर चुका है। कारोबारियों का कहना है कि ब्‍याज दरें अपने उच्‍च स्‍तर पर पहुंच चुकी हैं और इससे औद्योगिक विकास पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। सकल घरेलू विकास दर को 8.6 फीसदी बनाए रखने के लिए अर्थव्‍यवस्‍था को मौद्रिक नीति के स्‍पोर्ट की जरुरत है। उल्‍लेखनीय है कि अमरीकी फैड रिजर्व बैंक 22 जनवरी को आनन फानन में ब्‍याज दरों में 75 बेसिस अंकों की कमी कर चुका है और यह माना जा रहा है कि 29-30 जनवरी को होने वाली बैठक में अर्थवयवस्‍था में कमजोरी दिखने पर ब्‍याज दर में और कटौती कर सकता है। ब्‍याज दर में कटौती को लेकर कोई भी

दलाल स्‍ट्रीट में नागा साधुओं का शाही स्‍नान

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मेरा भारत महान के सबसे बड़े शेयर बाजार की बिल्डिंग के एक दरवाजे पर लगे भोलेनाथ के नंदी यानी लोकल भाषा के सांड को जब से हटाने की मांग हो रही है, हम भी अंतिम दर्शन करने वहां पहुंच गए कि ऐसा क्‍या खास है कि इस नंदी महाराज में कि शेयर बाजार के गेट पर खड़े होते ही सुपरसोनिक विमान पर बैठी तेजी को जमीन सूंघा दी। तेजी के सारे तारों ने जैसी ही जमीन सूंघी, सारे निवेशकों को भी नंदी महाराज के मालिक भोलेनाथ का सांप सूंघ गया। नंदी महाराज के अंतिम दर्शन करने हम उनके पास पहुंचे। शीश नवाया कि हे सांड महाराज हमारे शेयरों पर अपने सींग मत मार देना नहीं तो हम कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं बचेंगे। जिस बैंक से पर्सनल लोन लिया है, जिन पहचान वालों से एक का दो करने के बहाने रोकड़ा लेकर कमीशन देने का वादा किया है, वे हमारी बनियान और चड्डी तक उतार लेंगे। यह प्रार्थना कर ही रहे थे कि देखा तेजी तो दलाल स्‍ट्रीट में पानी बगैर मछली की तरह छटपटा रही थी और नंदी महाराज दे सींग पर सींग मारे जा रहे थे। हमने कहा बम भोले...ये क्‍या कर दिया नंदी महाराज। आपकी पहचान तो इस तेजी से है और आपने तो इसे ही हलाल कर दिया। नंदी महाराज चु

रिलांयस 10 रुपए और डॉ. रेड्डी सात रुपए में !

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शेयर बाजार में आई ताजा तेज गिरावट ने अधिकतर निवेशकों को पूरी तरह हिलाकर रख दिया। कुछ निवेशक तो इस कदर साफ हो गए कि अब वे शायद ही आपको शेयर बाजार में फिर कभी दिखाई दे और कुछ अब अपना पैसा निकालकर बाहर हो जाएंगे क्‍योंकि वे मानते हैं कि यहां लगने वाले झटके जमकर हिला देते हैं। हालांकि, एक बात सामने जरुर आई है कि हमारी अर्थव्‍यवस्‍था बुनियादी तौर पर मजबूत है और ताजा गिरावट बीते दिनों की बात बन जाएगी एवं जल्‍दी ही शेयर बाजार नई ऊंचाई की तरफ बढ़ेगा। हिंदू समूह के बिजनैसलाइन अखबार में आज एक ऐसी ही मजेदार स्‍टोरी है। जिसमें मद्रास स्‍टॉक एक्‍सचेंज के पूर्व ब्रोकर महेंद्र शाह ने अपने अनुभव बताए हैं। वाह मनी के पाठक भी इस स्‍टोरी का आनंद लें। शाह कहते हैं कि उनके पास रिलायंस इंडस्‍ट्रीज के आईपीओ में मिले तीन सौ शेयर आज तक हैं, जो उन्‍हें प्रति शेयर दस रुपए की कीमत पर मिले थे। जबकि डॉ. रेड्डी के का हर शेयर तो उन्‍हें अपने इश्‍यू भाव से भी कम यानी सात रुपए पर मिला था। लेकिन आज इन दोनों कंपनियों के शेयर आसमान पर हैं। इतने वर्षों में राइट, बोनस और लाभांश मिला सो अलग। शेयर बाजार में तीन दशक का अनुभव