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सेंसेक्‍स ने किया गर्मी का पहला पड़ाव पार

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हितेंद्र वासुदेव देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में पड़ रही जोरदार गर्मी का असर भारतीय शेयर बाजार में भी पिछले सप्‍ताह देखने को मिला। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज के सेंसेक्‍स ने गर्मी का पहला पड़ाव पार कर लिया जिससे निवेशकों के चेहरे लंबे समय बाद खिले हुए दिखे। सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह पूर्व सप्‍ताह के बंद की तुलना में गेप से खुला। सेंसेक्‍स 16611.41 अंक पर खुला और नीचे में यह 16589.45 अंक रहा। पूरे सप्‍ताह में यह स्थिर और चॉपी बना रहा। शुक्रवार 25 अप्रैल को आखिरी डेढ़ घंटे में सेंसेक्‍स में भाव का उतार चढाव अनिश्चित रहा। सेंसेक्‍स 17125.98 अंक पर बंद होने से पहले ऊपर में 17150.92 अंक तक गया। कुल मिलाकर सेंसेक्‍स साप्‍ताहिक आधार पर 664 अंक बढ़कर बंद हुआ। सेंसेक्‍स 21206 से गिरकर 14677 अंक तक आने के बाद पहली बार यह अपने वापसी के स्‍तर पर के किनारे पर है। इसके अगले स्‍तर 17171, 17942 और 18712 अंक होंगे। अगले सप्‍ताह आरंभिक रेसीसटेंस 17150 और 17307 अंक पर होगा। दो सौ दिन की ईएमए और एसएमए 16889 और 17379 अंक है। सेंसेक्‍स के 17575 और 18193 स्‍तर तक जाने की संभावना बढ़ी है। समानांतर स्‍

चीनी शेयरों में बढ़ रही मिठास

चीनी कंपनियों के लिए अगला सीजन बेहतर होने की आस में संस्थागत निवेशक चीनी से जुड़ी बड़ी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा रहे हैं। सरकार ने चीनी उद्योग के भले के लिए जिस तरह कदम उठाने की मंशा दिखाई है, उससे तो यही लगता है। चीनी का उत्‍पादन घटने का अनुमान और चीनी उद्योग के भले के लिए उठने वाले कदमों के बल पर चीनी कंपनियों के शेयरों में पिछले एक महीने में बेहतर बढ़ोतरी देखने को मिली है। देश में इस साल चीनी का उत्‍पादन 250-260 लाख टन होने का अनुमान है जो पिछले साल 284 लाख टन था। गन्‍ने की घटती खेती से यह आंका जा रहा है कि अब अगले सीजन में चीनी का उत्‍पादन 210-220 लाख टन रह जाएगा। गन्ने के भुगतान में होने वाली देरी की वजह से किसान अब गन्‍ने की बोआई को घटा रहे हैं। साथ ही धान व गेहूं के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की वजह से भी किसान गन्‍ने से मुंह मोड़ रहे हैं। चीनी मिल मालिकों ने पिछले साल गन्ने का पैसा देने में काफी देरी कर दी थी। ऐसा इसलिए हुआ था कि गन्ने के दाम ऊंचे थे और चीनी के नीचे। अब किसानों के गन्‍ने की फसल से मुंह मोड़ने की वजह से चीनी के दाम धीरे धीरे बढ़ रहे हैं। उत्तर प्रदेश में च

शेयर बाजार में फिर से तेजी की बुनियाद

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महंगाई पर काबू पाने के प्रयास में मिली सफलता के बाद रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर में आधा फीसदी की बढ़ोतरी कर यह संकेत दे दिया कि बढ़ी महंगाई दर को जल्‍दी से रोकने का यही वक्‍त है। हालांकि, रिजर्व बैंक ने सीआरआर बढ़ाने के बाद इतना समय जरुर दे दिया कि शेयर बाजार के निवेशक अपने को एक झटके के लिए मानसिक रुप से तैयार कर सके। लेकिन, अमरीकी कंपनी इंटेल सहित कुछ कंपनियों के आए बेहतर नतीजों से अमरीकी शेयर बाजारों में जो रौनक लौटी है उसमें सीआरआर फैक्‍टर डिस्‍काउंट होता दिख रहा है। हालांकि, इस समय केवल एक ही नकारात्‍मक कारक क्रूड तेल है जिसके दाम 116 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए हैं। जी सात देशों ने भी आर्थिक मंदी को थामने के लिए सौ दिन की एक कार्य योजना बनाई है जिसके आने वाले दिनों में अनुकूल नतीजे देखने को मिल सकते हैं। जेपी मॉर्गन चेस बैंक के एशिया इकानॉमिक रिसर्च राजीव मलिक कहते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक द्धारा अब 29 अप्रैल को और कोई कदम उठाए जाने की उम्‍मीद नहीं है। हम रिजर्व बैंक के इस तरह के कदम के लिए तैयार थे लेकिन नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर बढ़ाने के समय के प्रति अच

फर्टिलाइजर शेयरों पर रखें नजर

देश में जून से सितंबर के दौरान मानसून के सामान्‍य रहने की संभावना से आज फर्टिलाइजर शेयरों में तेजी आई। केंद्र सरकार के मुताबिक इस साल मानसून लंबी अवधि के औसत का 99 फीसदी रहेगा। निवेशकों को अब फर्टिलाइजर और ट्रैक्‍टर कंपनियों के शेयरों पर नजर रखनी चाहिए। राष्‍ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर 4.96 फीसदी बढ़कर आज 63.45 रुपए पर जा पहुंचा। चंबल फर्टिलाइजर 9.32 फीसदी चढ़कर 56.90 रुपए, नेशनल फर्टिलाइजर 8.94 फीसदी तेज होकर 47.50 रुपए, जीएनएफसी 2.90 फीसदी तेज होकर 145.60 रुपए, नागार्जुन फर्टिलाइजर 6.97 फीसदी बढ़कर 41.45 रुपए, फर्टिलाइजर एंड केमिकल 4.98 फीसदी चमककर 27.40 रुपए, कोरोमंडल फर्टिलाइजर 3.36 फीसदी सुर्ख होकर 121.60 रुपए, जुआरी इंडस्‍ट्रीज 3.06 फीसदी बढ़कर 242.75 रुपए, स्पिक 8.95 फीसदी तेज होकर 27.40 रुपए, खेतान केमिकल 4.92 फीसदी बढ़कर 65 रुपए, बसंत एग्रो टेक 9.98 फीसदी चढ़कर 50.70 रुपए, धरमसी मोरारजी 7.60 फीसदी सुर्ख होकर 13.45 रुपए, शिवा फर्टिलाइजर 4.89 फीसदी तेज होकर 23.60 रुपए और रामा फास्‍फेट्स 4.98 फीसदी बढ़कर 6.96 रुपए पर बंद हुआ। गिरने वालों में जीएसएफसी, दीपक फर्टिलाइजर और एमपी एग

शेयर बाजार में रहेगी खासी उथल पुथल

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अमरीकी अर्थव्‍यवस्‍था पर छाए मंदी के बादल अभी छंटे नहीं हैं जिसकी वजह से भारतीय शेयर बाजार में भी निवेशकों को इस सप्‍ताह खास उम्‍मीद नहीं रखनी चाहिए। इस सप्‍ताह इंफोसिस, विप्रो, रिलायंस पेट्रो, रिलायंस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, एनडीटीवी, एचसीएल टेक्‍नो, रोल्‍टा इंडिया और जैपी होटल्‍स सहित अनेक कंपनियां अपनी चौथी तिमाही के नतीजे पेश करने जा रही हैं। लेकिन बाजार विश्‍लेषकों को इन नतीजों से कोई खास आशा नहीं हैं। साथ ही बढ़ती महंगाई दर पर इस सप्‍ताह बड़ा राजनीतिक हो हल्‍ला हो सकता है, जो बाजार की सेहत को और बिगाड़ सकता है। इस बीच, जी 7 देशों ने वैश्विक वित्त बाजार की हालत उम्मीद से कहीं ज्यादा खराब बताई है। इन देशों ने दुनिया को इस संकट से निकालने के लिए जरूरी मौद्रिक और वित्तीय कदम उठाने का प्रण किया है लेकिन यह कदम क्या होंगे इसका खुलासा नहीं किया। पूंजी बाजार को पटरी पर लाने के लिए 100 दिन का एक कार्यक्रम बनाया है। वित्तीय कंपनियों से कहा गया है कि वे अपनी अर्ध वार्षिक आमदनी में साफ तौर पर बताएं कि उनका कितना निवेश डूबने के कगार पर है ताकि हालात का सही जायजा लिया जा सके। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचे