संदेश

शेयर बाजार सीमित रेंज में

चित्र
केरल राज्‍य में मानसून का समय पर आगमन, क्रूड के घटे दाम शेयर बाजार के लिए अच्‍छे संकेत हैं लेकिन, बढ़ती महंगाई दर को रोकना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। हालांकि, घरेलू विकास दर (जीडीपी) का नौ फीसदी पहुंचना यह बताता है कि सरकार की प्राथमिकता में महंगाई दर की बजाय विकास दर है। शेयर बाजार में बड़ी तेजी का इस समय कोई कारक नहीं है और यह सीमित रेंज में ऊपर नीचे होता रहेगा जो 16300 से 17500 अंक की रहेगी। लेकिन साल के अंत तक सेंसेक्‍स 19500 से 21000 अंक की ओर बढ़ सकता है। शेयर बाजार इस समय दिशाहीन जैसा है। दो दिन तेजी और एक दिन गिरावट की स्थिति में निवेशक यह तय नहीं कर पा रहे कि वे क्‍या करें। ऐसे में निवेशकों को बेहतर फंडामेंटल वाले सस्‍ते मिल रहे शेयरों में निवेश करना चाहिए। जिन कंपनियों के दाम 50 फीसदी घटने के अलावा कार्य नतीजे घटिया आए हों उनमें से निवेशकों को निकल जाना चाहिए। इस समय नीचे पीई वाले और अगले दो वर्ष में बेहतर प्रतिफल दे सकने वाले शेयरों में निवेश करना चाहिए। केंद्र सरकार पर तेल कंपनियों के बढ़ते घाटे को रोकने का जोरदार दबाव है। सरकार आने वाले दिनों में पेट्रोल के दा

शेयर बाजार दिशाहीन नहीं

चित्र
हितेंद्र वासुदेव बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह 16468.32 अंक पर खुला और ऊपर में 16666.03 अंक तक गया और नीचे में 16196 अंक आया। अंत में यह 16415.57 अंक पर बंद हुआ जो साप्‍ताहिक आधार पर 249 अंक की शुद्ध नरमी दिखाता है। शेयर बाजार में पिछले सप्‍ताह मंदडिएं हावी रहे। हमने बाजार को कमजोर और संघर्ष करते देखा और तीन कारोबारी दिन यह 16200 के स्‍तर से ऊपर रहा। नकारात्‍मक फ्लो होने के बावजूद सेंसेक्‍स 16200 से ऊपर जमे रहने में कामयाब रहा है। शेयर बाजार के दैनिक चार्ट को देखें तो पता चलता है कि सेंसेक्‍स 16667 अंक के ऊपर बंद होता है तो यह बढ़कर कम से कम 17125 अंक तक जा सकता है। लेकिन यदि इसमें पर्याप्‍त गिरावट आती है और यह 16185 अंक के नीचे बंद होता है तो यह कम से कम 15715 अंक तक जा सकता है। अगले सप्‍ताह सेंसेक्‍स का यह तय होगा कि यह 16667 से ऊपर जाता है या फिर 16185 अंक से नीचे आता है। कुल मिलाकर सेंसेक्‍स 17736 अंक से ऊपर बंद होता है तो इसकी रेंज 17736-18300 अंक रह सकती है। साप्‍ताहिक रेसीसटेंस 16666 अंक और 17125 अंक रहेगा। साप्‍ताहिक स्‍पोर्ट 16185 और 15715 अंक रहेगा। सेंस

फर्टिलाइजर शेयरों में चमक

देश में फर्टिलाइजर सब्सिडी चालू वित्त वर्ष में दुगुनी से ज्‍यादा दिए जाने से आज फर्टिलाइजर शेयरों में तेजी देखी गई। चालू वित्त वर्ष में फर्टिलाइजर सब्सिडी 950 अरब रुपए दिए जाने का अनुमान है जो बीते वित्त वर्ष 2007-08 में 403 अरब रुपए थी। इस सब्सिडी की वजह से फर्टिलाइजर कंपनियों को नियंत्रित भाव पर फर्टिलाइजर बेचने से होने वाले नुकसान की भरपाई होती है। गौरतलब है कि देश में फर्टिलाइजर के दाम सरकार से नियंत्रित हैं और इस वजह से कंपनियों को होने वाली हानि की भरपाई सब्सिडी से होती है। उद्योग जगत की मानें तो सब्सिडी इस साल अधिक दिए जाने की वजह अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में फर्टिलाइजर के दाम बढ़ना है और यह दबाव घरेलू कंपनियों पर भी देखा जा रहा है जिनकी लागत बढ़ी है। यूरिया के दाम अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में 600 डॉलर प्रति टन पहुंच गए हैं जो पहले 200 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह डायमोनियम फास्‍फेट्स यानी डीएपी के दाम 207 डॉलर से 1270 डॉलर प्रति टन पहुंच गए। इस साल देश में 65 लाख टन डीएपी का आयात होने की संभावना है जो पिछले साल 29 लाख टन था। सरकार ने अब देश में फर्टिलाइजर की लागत घटाने के लिए संयंत्रो

निवेशक तैयार रहें प्रतिकूल स्थिति के लिए

चित्र
भारतीय शेयर बाजार की अगली चाल क्रूड, डॉलर और मानसून पर निर्भर रहने की बात हमने पिछले सप्‍ताह कही थी और अभी भी ये कारक ही बाजार पर हावी हैं। इस बीच, कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की जीत ने लोकसभा चुनाव जल्‍दी होने की अटकलों पर विराम लगा दिया है। लेकिन भाजपा के लिए दक्षिण के खुले द्धार का शेयर बाजार पर भी असर दिखाई देगा। अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम 135 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गए हैं जो यह संकेत देते हैं बाजार गोल्‍डमैन शैश की उस भविष्‍यवाणी की ओर बढ़ रहा है जहां उसने क्रूड के दाम 141 से 200 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने की बात कही थी। यदि ऐसा हुआ तो शेयर बाजार सहित समूची अर्थव्‍यवस्‍था पर प्रतिकूल असर देखने के लिए निवेशकों को तैयार रहना होगा। क्रूड के बढ़ते दाम से समूची दुनिया के शेयर बाजार इस समय एक बार फिर मंदी की चपेट में आ गए हैं। बीच बीच में आने वाली गर्मी स्‍थाई नहीं बन पा रही है जिसकी वजह से इस समय शेयर बाजार की दिशा भ्रामक है। ऐसी स्थिति में निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश के बजाय बेहद छोटी अवधि या दैनिक कारोबार पर ध्‍यान देना चाहिए। लंबी अवधि के निवेश के लिए लोकसभा चुनाव क

शेयर बाजार मंदडि़यों के हाथों में

चित्र
हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर मंदडि़यों की पकड़ में है। पिछली 9 मई को बनी इंगुलफिंग बीयर कैंडल स्टिक पैटर्न से ही यह पता चला गया था। इसे पैटर्न में शेयर बाजार में एक बार चढ़ाव का समय आता है लेकिन कुछ ही समय में स्थिति बदल जाती है। यह पैटर्न बताता है कि शेयर बाजार पर मंदडि़ए मजबूती से हावी है जिससे बीएसई सेंसेक्‍स में जल्‍द ही बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। हालांकि, आने वाले दिनों में सेंसेक्‍स वापसी की कोशिश देखी जा सकती है। 16 मई 2008 को समाप्‍त सप्‍ताह में सेंसेक्‍स ने मंदी के इस पैटर्न से उबरने की कोशिश की थी। लेकिन 9 मई को जो कै‍डल स्टिक पैटर्न बना था उसे अब तक पार नहीं पाया जा सका है। सेंसेक्‍स को स्‍पोर्ट 16546 - 16481 अंक पर मिलेगा। यदि सेंसेक्‍स गिरता है और 16481 अंक के नीचे बंद होता है तो 21206 से 14677 अंक गिरने के बाद होने वाली वापसी को फिलहाल भूल जाना चाहिए। 23 मई 2008 को समाप्‍त सप्‍ताह में बीएसई सेंसेक्‍स 17366.05 अंक पर खुला और ऊपर में 17367.13 अंक तक गया। यह नीचे में 16626.11 अंक आया। अंत में सेंसेक्‍स 16649.64 अंक पर बंद हुआ। साप्‍ताहिक आधार पर