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नवंबर, 2007 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

शेयर बाजार में लूट के दो वैध तरीके

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भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों को ऑपरेटरो, पंटरो और कंपनियों के प्रमोटरों द्धारा लूटा जाना कोई नई बात नहीं है। लेकिन इसमें सेबी और शेयर एक्‍सचेंज भी जब शामिल होता है तो बात गंभीर हो जाती है। पुराने किस्‍सों को दरकिनार कर दें। अब दो मामलों को देखें...पहला रिलायंस पेट्रोलियम में जो हुआ। रिलायंस पेट्रोलियम 295 रुपए से ऊपर बिककर अब 190 रुपए के करीब आ गया है और जिन निवेशकों ने इसमें बढ़त कायम रहने की उम्‍मीद से खरीद की थी, अब पछता रहे हैं कि वे बाजार में फैली इस खबर के चक्‍कर में आ गए कि यह जल्‍दी ही 350 रुपए और साल भर में हजार रुपए हो जाएगा। कितने निवेशकों ने यह जानने की कोशिश की कि रिलायंस पेट्रोलियम का कामकाज किस गति से चल रहा है और रिफाइनरी लगने के साथ संचालन कब से होने लगेगा। रिलायंस प्रबंधन ने जिस तरह रिलायंस पेट्रोलियम के शेयर बेचे और डिसक्‍लोज किया कि हमने यह हिस्‍सेदारी खुले बाजार में बेची है, उस पर सेबी की तत्‍काल कार्रवाई न होना कई सवाल खड़े करता है। प्रमोटर या मुख्‍य कंपनी जब शेयर बेच रही थी तो उसका रोजाना खुलासा क्‍यों नहीं हुआ। कितने निवेशकों को यह पता था कि रिलायंस इंडस्‍ट्र...

एफ एंड ओ में नए 15 खिलाड़ी

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नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ने आज 15 कंपनियों की सूची जारी की है, जिन्‍हें 30 नवंबर 2007 से एफ एंड ओ सेगमेंट में शामिल किया जाएगा। यानी भारी उठापटक के लिए 15 और कंपनियां। यह सूची इस तरह है : जिंदल सॉ, केपीआईटी क्‍युमिंस इंफोसिस्‍टम, डेवलमेंट क्रेडिट बैंक, हिंदुस्‍तान जिंक, मोटर इंडस्‍ट्रीज, इंफो एज, निट, ग्रेट ऑफशोर, वायर एंड वायरलैस, रेडिंगटॉन इंडिया, नेटवर्क 18 फिनकैप, ग्‍लोबल ब्राडकॉस्‍ट न्‍यूज, इस्‍पात इंडस्‍ट्रीज, हिंदुस्‍तान ऑयल एक्‍सप्‍लोरेशन, गितांजली जैम्‍स लिमिटेड।

इंडेक्‍स पर नहीं शेयर पर रखें नजर

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अमरीकी और एशियाई शेयर बाजारों के रुझान का असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ने की बात और उससे उपजने वाले भय से अब निवेशक यह तय नहीं कर पा रहे हैं कि कल क्‍या होगा। निवेशकों के लिए इस तरह की चिंता करना जायज है और हर निवेशक को यह रणनीति तो बनानी व बदलनी होगी कि नया निवेश कहां किया जाए। शेयर, सोना, बैंक जमा, बांड आदि...आदि...या फिर घरेलू बाजार अथवा विदेशी बाजार जहां रिटर्न उम्‍दा मिलने की संभावना हो। शेयर बाजार में जरा सी भी मंदी की आहट हर निवेशक को बिकवाली पर उतरने के लिए सोचने को मजबूर कर देती है और लोग बार बार बस यही सवाल करते हैं कि अब क्‍या करें। क्‍या पूरा पोर्टफोलियो बेच दें। एक दिन में कई लोग तो यही सवाल 25 बार कर देते होंगे, लेकिन हर बढ़त पर उत्‍साह और हर गिरावट पर चिंता ठीक नहीं है यदि आप लंबी अवधि के निवेशक हैं तो। हमारी राय में भारतीय शेयर बाजार में अगले दस साल तक तेजी का माहौल बना रहे तो अचरज नहीं होना चाहिए। हो सकता है तेजी का यह माहौल इससे भी ज्‍यादा समय तक बना रहे। हालांकि, यह भी सच है कि तेजी हर सेक्‍टर और हर शेयर में नहीं रहेगी। इसलिए आपको बेहतर कंपनियों का चयन करना होगा और इस...

जेके लक्ष्‍मी सीमेंट एक उम्‍दा स्‍टॉक

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उत्‍तर और पश्चिम भारत के सीमेंट बाजार में मजबूत खिलाड़ी जेके लक्ष्‍मी सीमेंट लिमिटेड एक बेहतर स्‍टॉक है। यह कंपनी जिस तरह प्रगति कर रही है उससे यह लगता है आने वाले दिनों में यह सीमेंट क्षेत्र का एक महंगा स्‍टॉक होगा। दलाल स्‍ट्रीट के पंटरों पर भरोसा करें तो अगले 15 दिनों के बाद सीमेंट शेयरों में खासा करंट दिख सकता है। जेके लक्ष्‍मी सीमेंट की स्‍थापित क्षमता 34 लाख टन सालाना है। समय पर अपनी क्षमता का विस्‍तार करने की वजह से आने वाले दो साल में यह जबरदस्‍त ग्रोथ करेगी। कंपनी ने वर्ष 2009 की दूसरी छमाही तक अपनी क्षमता को बढ़ाकर 50 लाख टन करने की योजना बनाई है। चालू वित्‍त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी के उत्‍पादन में 40 फीसदी और बिक्री में 36 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। इसी अवधि में 50 किलो के बैग का दाम तिमाही दर तिमाही 2.4 फीसदी बढ़कर 154 रुपए पहुंच गया है। बेहतर वोल्‍यूम और दामों को देखते हुए वर्ष दर वर्ष कंपनी की शुद्ध बिक्री 267 करोड़ रूपए पहुंच जाने का अनुमान है। यदि हम प्रति टन सीमेंट उत्‍पादन लागत की बात करें तो जेके लक्ष्‍मी सीमेंट की लागत दूसरी तिमाही में 4.6 फीसदी सालाना हिस...

शेयर बाजार का बड़ा बंटाढार नहीं

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दिवाली के बाद गुजरात घूमने चले जाने से वाह मनी पर कोई भी पोस्‍ट नहीं डाल पाया। शेयर बाजार में अहम भूमिका निभाने वाले इस राज्‍य से लौटते हुए पाया कि बाजार काफी टूट चुका है। भारतीय शेयर बाजार में इस समय चल रही गिरावट से ज्‍यादातर निवेशक घबराए हुए हैं और अपना पोर्टफोलियो हल्‍का करने में जुटे हैं। शेयर बाजार में एक सप्‍ताह पहले जब हजार अंक का उछाल आया तो ये ही निवेशक पोर्टफोलियो को बड़ा करने में जुटे थे लेकिन जरा सी नरमी देखने की आदत नहीं होने से अब बिकवाली पर उतर आए हैं। अमरीकी बाजार में मंदी के खासे संकेत होने से भारतीय शेयर बाजार का भी जायका बिगड़ने की बात हर कोई कह रहा है लेकिन हम इस बात को दूसरे तरीके से लेते हैं। मसलन एक निवेशक को जब एक बाजार में पैसा कमाने को नहीं मिलता है तो वह दूसरे बाजार की तलाश करता है, जहां उसे बेहतर रिटर्न मिल सके। रिटर्न के मामले में भारतीय बाजार आने वाले कई वर्ष तक बेहतर रहेगा। जिसकी वजह से अमरीकी बाजार के टूटने पर भी पैसा भारतीय बाजार में आता रहेगा। इस समय दुनिया भर के बड़े संस्‍थागत निवेशक भारतीय बाजार में निवेश करने के लिए लालायित हैं। सेबी अध्‍यक्ष भी क...

दिवाली से दिवाली तक के शेयर

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वाह मनी के अनेक पाठकों ने इस दिवाली से अगली दिवाली तक के लिए ऐसे निवेश योग्‍य उम्‍दा शेयरों की जानकारी मांगी है जिनमें वे निवेश कर सकें और उनके निवेश पर जोखिम कम से कम हो। वाह मनी की राय में बिजली, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर और बैंकिंग शेयरों में किया गया निवेश बेहतर रहेगा और उम्‍मीद है अगली दिवाली 2008 तक निवेशकों के बैंक खातों में जमा धन में खासा इजाफा होगा। हम यहां उन मिड कैप शेयरों की एक छोटी सूची दे रहे हैं जिनमें बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं। हालांकि, इन शेयरों में शार्ट टर्म, मीडियम टर्म और लांग टर्म तीनों तरह से किया गया निवेश फायदेवाला साबित होगा। फिर भी हम कहना चाहेंगे कि निवेश और उससे पर मिलने वाले मुनाफे पर निवेशक अपने विवेक का भी इस्‍तेमाल करें और हर गिरावट पर छोटी छोटी मात्रा में खरीद और हर बड़ी बढ़त पर आंशिक मुनाफा वसूली करते रहें। वाह मनी आपको समय समय पर दूसरे और भी निवेश लायक शेयर बताता रहेगा लेकिन दिवाली से दिवाली तक के इन शेयरों की सूची पर ध्‍यान जरुर रखें। बिजली - पावर ग्रिड कार्पोरेशन, पावर फाइनेंस कार्पोरेशन, एनटीपीसी, पीटीसी इंडिया, टोरेंट पावर, क्राम्‍टपन ग्रीव्‍ज, जीवीके पा...

जमाना तो है पावर का

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शेयर बाजार में अब जमाना पावर का है। देश के सबसे पुराने शेयर एक्‍सचेंज बीएसई ने दिवाली की संध्‍या पर पावर इंडेक्‍स जारी कर इसकी आहट दे दी है। वाह मनी ब्‍लॉग के पाठक जानते होंगे कि हम लंबे समय से कह रहे हैं कि पावर सेक्‍टर के शेयरों में निवेश करें और इस सेक्‍टर में किए गए निवेश पर जो प्रतिफल मिलेगा उससे आने वाले दिनों में निवेशक आईटी क्षेत्र की तेजी को भूल जाएंगे, लेकिन जरुरत है धैर्य की। यदि कोई निवेशक यह चाहे कि रातों रात वह पावर सेक्‍टर की कंपनियों में निवेश कर करोड़पति बन जाए तो असंभव है लेकिन मुश्किल नहीं। मुश्किल इस मायने में नहीं क्‍योंकि पावर सेक्‍टर में अभी तेजी ठीक ढंग से शुरू नहीं हुई है और आने वाले इसी सेक्‍टर के हैं। बीएसई ने पावर 14 कंपनियों को लेकर पावर इंडेक्‍स जारी किया है। निवेशकों को हमारी राय है कि इन कंपनियों में हर गिरावट पर निवेश करते रहें। हालांकि, पावर सेक्‍टर में इनके अलावा ढेरों कंपनियां हैं जिनमें से आप बेहतर कंपनियों का चयन करते रहे निवेश के लिए। वाह मनी भी आपको समय समय पर बताता रहेगा इस क्षेत्र की कंपनियां ताकि आप बन सके मालदार। बीएसई ने पावर इंडेक्‍स में जि...

शेयर बाजार नई उड़ान में लेगा समय

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शेयर बाजार ने इस साल लाखों निवेशकों की दिवाली को सुधारा है। शेयर बाजार से जुड़े निवेशक वर्ग के पास पिछले दिनों पैसा आया है, हालांकि निवेशकों को उम्‍मीद थी कि धनतेरस को सेंसेक्‍स 21 हजार अंक तक पहुंच सकता है, जो नहीं पहुंचा। फिर भी निवेशकों को निराश नहीं होना चाहिए क्‍योंकि भारतीय शेयर बाजार में विदेशी पैसा आता ही रहेगा क्‍योंकि यहां अन्‍य बाजारों से रिटर्न अधिक है। बड़ा रिटर्न मिलने का लालच भारतीय बाजार से किसी को बाहर नहीं जाने देगा। लेकिन इस समय शेयर बाजार के लिए नई उड़ान भरने के लिए कोई सकारात्‍मक खबर नहीं है। सभी पिछली सकारात्‍मक खबरों से शेयर बाजार को जितना बढ़ना था, वह बढ़ चुका। वाह मनी निवेशकों को यह राय देता रहा है कि आंशिक मुनाफा वसूली करते रहे और जिन्‍होंने इस मंत्र को माना, वे आज खुश हैं क्‍योंकि सेंसेक्‍स अपनी पिछली ऊंचाई से तकरीबन 1200 अंक गिर चुका है और इस गिरावट के अभी रूकने के आसार कम ही हैं। अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम जिस गति से बढ़ रहे हैं, वह हमारे लिए भी बुरी खबर बनेगी। पेट्रोलियम मंत्री मुरली देवड़ा यह संकेत दे चुके हैं कि दिवाली के बाद पेट्रोल व डीजल क...

दिवाली रिटर्न शेयर बाजार का

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दिवाली यानी लक्ष्‍मी के घर आने का पर्व। दिवाली के साथ ही लोग लक्ष्‍मी के आगमन का इंतजार करते हैं। लक्ष्‍मी अलग अलग रास्‍तों से लोगों के घर पहुंचती है। शेयर बाजार में कारोबार करने वाले इसीलिए दिवाली के दिन मुहूर्त कारोबार में भाग लेते हैं ताकि कुछ पैसा उन तक पहुंच सके। यहां हम 1991 से 2006 तक के दिवाली मुहूर्त कारोबार पर बंद हुए बीएसई सेंसेक्‍स के आंकडे आपकी जानकारी के लिए दे रहे हैं। बीएसई सेंसेक्‍स दिवाली मुहूर्त पर वर्ष 1992 में 6.3 फीसदी, 1994 में 6.2 फीसदी, 1995 में 6.8 फीसदी, 1996 में 4.9 फीसदी और 1997 में 8.5 फीसदी गिरकर बंद हुआ था, जबकि अन्‍य वर्षों में यह बढ़कर बंद हुआ। वर्ष 1991 में दिवाली मुहूर्त कारोबार पर बीएसई सेंसेक्‍स 1917.96 अंक पर बंद हुआ था, जो वर्ष 1992 में 2987.21 अंक, 1993 में 2786.41 अंक, 1994 में 4303.65 अंक, 1995 में 3486.20 अंक, 1996 में 3080.26 अंक, 1997 में 3803.24 अंक, 1998 में 2853.27 अंक, 1999 में 4650.54 अंक, 2000 में 3757.16 अंक, 2001 में 3113.04 अंक, 2002 में 2987.58 अंक, 2003 में 4802.28 अंक, 2004 में 5964.01 अंक, 2005 में 8471.04 अंक, 2006 में 12736.8...

सेंसेक्‍स 21 हजार की ओर करेगा कूच

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हितेंद्र वासुदेव बीएसई सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह एक बार फिर नई ऊंचाई पर पहुंचा। यह सेंसेक्‍स की अच्‍छी आदत कही जा सकती है कि सेंसेक्‍स नई ऊंचाई बना रहा है। लेकिन बढ़त मुनाफा वसूली को नहीं रोक पा रही है। सोमवार को सेंसेक्‍स 19621.39 अंक के गेप के साथ खुला और बढ़त लेकर मंगलवार को 20238.16 अंक की नई ऊंचाई पर पहुंच गया। दो नवंबर शुक्रवार को बाजार गिरकर खुला लेकिन गेप को कवर करते हुए यह बढ़ता गया। साप्‍ताहिक आधार पर सेंसेक्‍स में बढ़त 673 अंक की रही। 26 अक्‍टूबर को 19243 अंक पर बंद होने के साथ साप्‍ताहिक रुझान तेजी का है। साप्‍ताहिक रुझान सेंसेक्‍स के 17 हजार या शुक्रवार के साप्‍ताहिक बंद 18798 से नीचे आने पर ही बदल सकता है। वर्ष 2007 के कैलेडर वर्ष की शुरुआत में सेंसेक्‍स का वार्षिक स्‍तर हमने 20851 अंक बताया था। यदि मौजूदा रुझान जारी रहता है तो यह संभव है। अगले रेसीसटेंस स्‍तर 22000-24000 की रेंज में हैं। सेंसेक्‍स के हर ऊंचे स्‍तर पर चंचलता और दामों का बढ़ना बना रहेगा। सप्‍ताह का अहम सपोर्ट स्‍तर 19621-19100 है। यदि सेंसेक्‍स 19100 से नीचे बंद होता है तो गहरे करेक्‍शन को आमंत्रण देगा और स...

मेहमानों ने की मनमानी

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आउटलुक साप्‍ताहिक हिंदी के 5 नवंबर 2007 के अंक में पेज संख्‍या 41 पर मेरा एक लेख छपा है.. मेहमानों ने की मनमानी ....आप भी पढि़ए इस लेख को.....सांप चला गया और लकीर पीटी जा रही है। भारतीय शेयर बाजार को बुरी तरह झकझोरने के बाद शेयर बाजार नियामक सेबी यही कर रही है। सेबी अब यह जानना चाहती कि मुंबई शेयर बाजार के सेंसेक्‍स ने 1700 अंक का गोता कैसे लगाया जिससे अर्थव्‍यवस्‍था का बैरोमीटर हिल उठा। हालांकि, शेयर बाजार इन पंक्तियों के लिखे जाने तक स्थिर नहीं हो पाया था। भारत-अमेरिका परमाणु करार पर फैसला, सेबी की पार्टिसिपेटरी नोट पर बैठक, शेयर वायदा का निपटान, भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति और अमेरिकी फैड रिजर्व की बैठक। ये पांच मसले भारतीय शेयर बाजार की अगली चाल तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। हालांकि, लंबी अवधि के निवेशकों के लिए बाजार में उतना खतरा नहीं है जितना रोज रोज कारोबार करने वाले निवेशकों के लिए। सेंसेक्‍स 19198 अंक के ऑल टाइम हाई पर पहुंचने के बाद जिस तरह नीचे आया उसके लिए सेबी द्धारा पार्टिसिपेटरी नोट पर अपने दिशा निर्देशों का मसौदा सामने रखना मुख्‍य वजह मानी गई। यही वजह खास थी...

फायदेमंद हैं ये स्‍टॉक

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देश की प्रमुख शेयर ब्रोकिंग फर्म इंडियाइंफो लाइन की रिसर्च टीम ने निवेशकों के लिए कुछ फायदेमंद शेयर सुझाए हैं। इन कंपनियों के शेयर खरीदने की सिफारिश की गई है---ओएनजीसी लक्ष्‍य : 1350 रुपए बीएसई कोड : 500312, आलकार्गो ग्‍लोबल लॉजिस्टिक्‍स : लक्ष्‍य 1118 रुपए बीएसई कोड : 532749, इंडो टेक ट्रांसफार्मर्स लक्ष्‍य : 674 रुपए बीएसई कोड : 532717, नेस्‍ले इंडिया लक्ष्‍य 1738 रुपए बीएसई कोड : 500790, वोलटाम्‍प ट्रांसफार्मर्स लक्ष्‍य : 1585 रुपए बीएसई कोड : 532757, वायसराय होटल लक्ष्‍य : 135 रुपए बीएसई कोड : 523796, केईसी इंटरनेशनल लक्ष्‍य : 851 रुपए बीएसई कोड : 532714 और इंद्रप्रस्‍थ गैस लक्ष्‍य : 153 रुपए बीएसई कोड : 532514। बेचने की सलाह में बताया गया है ईआईएच लक्ष्‍य : 115 रुपए बीएसई कोड : 500840।