शेयर बाजार में लूट के दो वैध तरीके
भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों को ऑपरेटरो, पंटरो और कंपनियों के प्रमोटरों द्धारा लूटा जाना कोई नई बात नहीं है। लेकिन इसमें सेबी और शेयर एक्सचेंज भी जब शामिल होता है तो बात गंभीर हो जाती है। पुराने किस्सों को दरकिनार कर दें। अब दो मामलों को देखें...पहला रिलायंस पेट्रोलियम में जो हुआ। रिलायंस पेट्रोलियम 295 रुपए से ऊपर बिककर अब 190 रुपए के करीब आ गया है और जिन निवेशकों ने इसमें बढ़त कायम रहने की उम्मीद से खरीद की थी, अब पछता रहे हैं कि वे बाजार में फैली इस खबर के चक्कर में आ गए कि यह जल्दी ही 350 रुपए और साल भर में हजार रुपए हो जाएगा। कितने निवेशकों ने यह जानने की कोशिश की कि रिलायंस पेट्रोलियम का कामकाज किस गति से चल रहा है और रिफाइनरी लगने के साथ संचालन कब से होने लगेगा। रिलायंस प्रबंधन ने जिस तरह रिलायंस पेट्रोलियम के शेयर बेचे और डिसक्लोज किया कि हमने यह हिस्सेदारी खुले बाजार में बेची है, उस पर सेबी की तत्काल कार्रवाई न होना कई सवाल खड़े करता है। प्रमोटर या मुख्य कंपनी जब शेयर बेच रही थी तो उसका रोजाना खुलासा क्यों नहीं हुआ। कितने निवेशकों को यह पता था कि रिलायंस इंडस्ट्र...