टेलीग्राम को भूल गए हम...
खो गया झुमरी तिलैया का सरगम में पिछले शनिवार को हमने यह जिक्र किया था कि उस समय कुछ लोग रेडियो पर अपनी फरमाइश टेलीग्राम के माध्यम से भेजते थे। लेकिन ईमेल और एसएमएस के जमाने में हम टेलीग्राम को भूल गए हैं। हमने बताया था कि एक बार ऐसा हुआ कि आल इंडिया रेडियो पर गंगा जमुना फिल्म का गीत दो हंसो का जोड़ा बिछुड़ गयो रे बज रहा था। गीत समाप्त होने पर उदघोषक ने घोषणा की कि अभी अभी झुमरी तिलैया से रामेश्वर प्रसाद वर्णवाल का भेजा हुआ टेलीग्राम हमें प्राप्त हुआ है, जिसमें उन्होंने दो हंसों का जोड़ा सुनाने का अनुरोध किया है। अत: यह गीत हम आपको पुन: सुना रहे हैं। लेकिन अब मोबाइल के इस जमाने में लोग टेलीग्राम को भूल सा गए हैं और यह मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि आप यही नहीं बता पाएंगे कि आपने आखिरी टेलीग्राम किस दिन किया था। लोग अब टेलीग्राम के बजाय एसएमएस, ईमेल करना पसंद करते हैं। लेकिन जिन लोगों ने टेलीग्राम किए हैं वे उसके अहसास को समझ सकते हैं। टेलीग्राम आने पर लोग घबरा तक जाते थे कि कहां क्या हो गया, कुछ गलत तो नहीं हो गया....जब तक टेलीग्राम पढ़ नहीं लिया जाता....लोगों की घबराहट कम नहीं ह