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टेलीग्राम को भूल गए हम...

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खो गया झुमरी तिलैया का सरगम में पिछले शनिवार को हमने यह जिक्र किया था कि उस समय कुछ लोग रेडियो पर अपनी फरमाइश टेलीग्राम के माध्‍यम से भेजते थे। लेकिन ईमेल और एसएमएस के जमाने में हम टेलीग्राम को भूल गए हैं। हमने बताया था कि एक बार ऐसा हुआ कि आल इंडिया रेडियो पर गंगा जमुना फिल्‍म का गीत दो हंसो का जोड़ा बिछुड़ गयो रे बज रहा था। गीत समाप्‍त होने पर उदघोषक ने घोषणा की कि अभी अभी झुमरी तिलैया से रामेश्‍वर प्रसाद वर्णवाल का भेजा हुआ टेलीग्राम हमें प्राप्‍त हुआ है, जिसमें उन्‍होंने दो हंसों का जोड़ा सुनाने का अनुरोध किया है। अत: यह गीत हम आपको पुन: सुना रहे हैं। लेकिन अब मोबाइल के इस जमाने में लोग टेलीग्राम को भूल सा गए हैं और यह मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि आप यही नहीं बता पाएंगे कि आपने आखिरी टेलीग्राम किस दिन किया था। लोग अब टेलीग्राम के बजाय एसएमएस, ईमेल करना पसंद करते हैं। लेकिन जिन लोगों ने टेलीग्राम किए हैं वे उसके अहसास को समझ सकते हैं। टेलीग्राम आने पर लोग घबरा तक जाते थे कि कहां क्‍या हो गया, कुछ गलत तो नहीं हो गया....जब तक टेलीग्राम पढ़ नहीं लिया जाता....लोगों की घबराहट कम नहीं ह

शोर न मचाओं...आने वाली है तबाही

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शेयरों में तेजी...रियॉलिटी में गर्मी...पैसा ही पैसा...लेकिन हो जाओं सावधान। तबाही आ रही है धीमी पदचाप से। यदि आप निवेश गुरु जिम रोजर्स की आर्थिक राय पर भरोसा करते हैं तो इस पर भी विश्‍वास कर लीजिए। इस निवेश गुरु ने अपना घर डेढ़ करोड़ डॉलर में बेचने का फैसला कर लिया है और बसने जा रहे हैं एशिया में। वे पक्‍के तौर पर कह रहे हैं कि जल्‍दी ही अमरीका में प्रॉपर्टी के दाम 40 से 50 फीसदी गिरेंगे और इसका असर भारत सहित दूसरे एशियाई देशों और यूरोपीय देशों पर जबरदस्‍त ढंग से देखने को मिलेगा। इसका मतलब साफ है कि यदि आप घर खरीदने का मन बना रहे हैं तो रुक जाइए। रोजर्स का कहना है कि रियॉलिटी में काफी सट्टेबाजी हो चुकी है और सारी खरीद तो सट्टात्‍मक थी। यानी सच्‍चाई से दूर। कमजोर क्रेडिट इतिहास वालों को कर्ज दिए गए हैं जिससे अब डिफाल्‍टरों की संख्‍या में तगड़ा इजाफा होगा। वे कह रहे हैं कि मैंने तो चीन को छोड़कर सभी उभरते बाजारों से अपने पैसे निकाल लिए हैं। चीन में यह गिरावट 30 से 40 फीसदी जबकि दूसरे उभरते बाजारों में 50 से 80 फीसदी गिरावट आएगी। कुछ बाजार तो पूरी तरह साफचट। जिम रोजर्स कहते हैं कि यह गिरा

कहां फंसे हैं आपके पति...बताएगा बीएसएनएल

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भारत संचार निगम लिमिटेड यानी बीएसएनएल उन पत्नियों के लिए वरदान बनने जा रहा है जिनके पति दिलफेक टाइप के हैं। पत्नियां जैसे ही अपने मोबाइल से पति के मोबाइल पर एसएमएस करेंगी तो भले ही वह कहीं भी फंसे हो उनकी 'लोकेशन' पता लग जाएगी। सिर्फ यही नहीं मोबाइल उपभोक्ताओं को दूर दराज हाईवे में जा रहे ट्रक की लोकेशन, कर्मचारियों का मूवमेंट, परिवार-दोस्तों का लोकेशन, उपभोक्ताओं को अज्ञात स्थान की जानकारी, नजदीकी अस्पताल, पुलिसथाना, पेट्रोल पम्प और यहां तक कि होटल, पीसीओ, बाजार आदि की जानकारी भी मोबाइल पर मिल जाएगी। इसके अलावा चैटिंग व डेटिंग तो है ही। अगले माह शुरू होने वाली यह सेवा कुछ समय तक मुफ्त रहेगी। नोकिया के सहयोग से जीएसएम मोबाइल पर लोकेशन बेस सेवा शुरू करने वाला बीएसएनएल देश में पहला आपरेटर है।

गुगल अब साइकिल पर.......

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दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजिन गुगल ने अपने कर्मचारियों को काम पर आने के लिए मुफ्त में बाइक ठहरिए...साइकिल...देने का फैसला किया है। बाइक निर्माता कंपनी रैलेग यूरोप गुगल के तकरीबन दो हजार स्‍थाई कर्मचारियों को जो कि यूरोप, मध्‍य पूर्व और अफ्रीका में काम कर रहे हैं को यह साइकिल देगी। इस पावर पैडल साइकिल के साथ मिलेंगे फ्री में गुगल लिखे हैलमेट। यह आइडिया भी गुगल के एक कर्मचारी हॉलजर मेयेर ने दिया और इसे सभी ने पसंद किया। लेकिन ऐसा नहीं है कि सारी साइकिलें एक ही तरह की दी जाएगी, इसमें कूल क्रूजर मॉडल तक को चुना जा सकता है, जो कि फोल्डिंग साइकिल है। गुगल के एचआर विभाग के निदेशक लिआन होर्नसे का कहना है कि हम केवल टेक्‍नालॉजी में ही कुछ अदभुत नहीं करना चाहते बल्कि अपने कर्मचारियों के लिए भी करना चाहते। वे कहते हैं कि साइकिल से जहां कर्मचारी अपने को चुस्‍त दुरुस्‍त रख सकेंगे वहीं वे इससे उनके शहरों को बेहतर ढंग से जानने के अलावा पर्यावरण को मस्‍त रखने में योगदान करेंगे। यहां मेरी एक टिप्‍पणी.. भारतीय कर्मचारियों सावधान...ट्रैफिक जाम और भीड़भाड़ की वजह से भारत में भी अब कार की जगह सभी को साइक

मेरे पिया गए हैं रंगून..

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मेरे पिया गए हैं रंगून...किया है वहां से टेलीफून कि तेरी याद सताती है....लेकिन अब दो दिन पहले ही एसटीडी कॉल की दरों में कमी करने का कदम उठाने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल ने टेलीकॉम क्षेत्र में 74 फीसदी सीधे विदेशी निवेश की अनुमति दे दी है जो इस समय 49 फीसदी है। यानी अब भारतीय टेलीकॉम जगत में विदेशी पैसा जमकर बोलेगा। सीधे विदेशी निवेश के जरिए पाओं आर्थिक गुलामी।