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ले लो सोना और करो मौज

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ईरान और पश्चिम के बीच बढ़ रहे तनाव और गिरते शेयर बाजारों में निवेशकों की चिंता बढ़ना सही है। कहावत है कि आदमी रुपया आठ घंटे कमाता है लेकिन रुपया तो चौबीस घंटे कमाता है। इसी कहावत को ध्‍यान में रखकर लोग चाहते हैं कि वे भले कमाएं या नहीं लेकिन रुपया चौबीस घंटे दौड़ते रहना चाहिए। ईरान और अमरीका व ब्रिटेन में इस समय जो संवाद चल रहे हैं, उसी ने सोने और क्रूड तेल में आग लगाने का काम किया है। अमरीका को तेल से मतलब है, यानी दुनिया भर के तेल कुंओं पर कब्‍जा। और यह काम वह धीरे धीरे प्‍यार और हथियार के बल पर करता जा रहा है। खाड़ी के देश हो या कोई और वे इस बात को साफ समझ लें कि ईरान के बाद भी एक देश का नंबर है। फिर यह नंबर चाहे जिस किसी का हो। तीसरी दुनिया के देश जो अमरीकी कर्ज के बोझ तले दबे हैं, सब सहन कर रहे हैं। संसाधनों पर कब्‍जे के अलावा बाजार हथियाने की लड़ाई जोरदार चरण में पहुंचती जा रही है। आज भले ही हम निशिंचत होकर सो रहे हों, लेकिन हमें भी सावधान रहना होगा क्‍योंकि एक दिन हमारा भी नंबर आ सकता है। खैर हम चर्चा को अलग जगह ले आए...चलिए फिर चलते हैं पैसे पर। ईरान और पश्चिम के बीच बढ़ते तना

25 मंत्री और पहले पायदान पर चिदम्‍बरम जी

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एक समाचार पर नजर गई तो पता चला कि दिल्‍ली में बैठी केंद्र सरकार के तकरीबन 25 मंत्री करोड़पति हैं। इस मंत्रियों में से 20 कांग्रेस के हैं और डीएमके के तीन एवं एनसीपी के दो। करोड़पतियों को छोड़ दें तो लखपति मंत्री 28 हैं। अब जानिए सबसे बड़े करोड़पति मंत्री का नाम...पी. चिदम्‍बरम, जो हमारे देश के वित्‍त मंत्री हैं। अब वित्‍त मंत्री ही करोड़पति नहीं होंगे तो भला कौन होगा। वर्ष 2004 में चुनाव आयोग को दी संपत्ति की सूची में वित्‍त मंत्री जी ने अपनी संपत्ति 18 करोड़ रुपए दिखाई है। चिदम्‍बरम के बाद हैं विज्ञान और तकनीकी मंत्री कपिल सिब्‍बल जिनकी संपत्ति है 16 करोड़ रूपए। रेणुका चौधरी 14 करोड़ रूपए, कमलनाथ पांच करोड़ रूपए, इंद्रजीत सिंह राव पांच करोड़ रुपए, पूरणदेश्‍वरी 4.09 करोड़ रूपए, शरद पवार 3.6 करोड़ रूपए, अजय माकन तीन करोड़ रूपए, मीरा कुमार 2.89 करोड़ रुपए और टी आर बालू 2.75 करोड़ रूपए की संपत्ति के मालिक हैं। विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी के पास डेढ़ करोड़ रुपए और शहरी विकास मंत्री जयपाल रेड्डी के पास 1.33 करोड़ रुपए की संपदा है। डीएमके के दयानिधि मारन 1.40 करोड़ रुपए की संपत्ति के स्‍वामी

परीक्षा और पढ़ाई में भी ठेकेदारी !

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ठेके पर शिक्षा का रोग उत्‍तर प्रदेश के बाद अब मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल तक पहुंच गया है। स्कूली शिक्षा में सुधार के तमाम दावों के बीच सरकार की नाक के नीचे भोपाल के एक स्कूल में सुदूर केरल के लगभग पांच सौ छात्र-छात्राएं प्राइवेट हायर सैकेंडरी की परीक्षा दे रहे हैं। अब तक चार पेपर दे चुके इन बाहरी विद्यार्थियों से स्कूल की व्यवस्थाएं गड़बड़ा गई हैं, लेकिन इन्हें एकमुश्त यहां कौन लाया, इसकी पड़ताल न तो स्कूल प्रबंधन ने की और न ही माध्यमिक शिक्षा मंडल ने। पता चला है कि प्रति छात्र 25 हजार रुपए के पैकेज पर कोई ठेकेदार इन्हें यहां से हायर सेकेंडरी पास कराने लाया है। चार दिन पहले नकल करते पकड़े गए इनमें से एक छात्र ने फ्लाइंग स्क्वाड के सामने यह कहते हुए इस धंधे का खुलासा किया कि उसके 25 हजार रुपए पानी में चले गए। ठेकेदार कौन है, ये छात्र उसके बारे में बताने से परहेज करते हैं। स्कूल प्रबंधन भी अनजान है। हकीकत यह है कि इस ठेकेदार ने ही इन बच्चों के फार्म यहां जमा कराए। उसी ने इनके रहने, खाने का इंतजाम किया। यहां तक कि परीक्षा केंद्र आने के लिए उसने इनके लिए बस भी लगा रखी है। सैकड़ों किलोमीटर दू

पी चिदम्‍बरम भी नहीं भर पाते सरल...

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आज से चालू वित्‍त वर्ष का आखिरी सप्‍ताह शुरू हो गया है और इसके साथ ही कर रिटर्न भरने की कसरत चालू हो गई है। लोगों को फोन करो तो कहते हैं कि यार बाद में बात करते हैं...सीए के पास बैठा हूं...कर वकील के दफ्तर में हूं....अकाउंटस तैयार करने में फंसा हूं तो फार्म 16 जल्‍दी से जुटाना है ताकि रिटर्न दाखिल कर पिंड छुडाऊं इस साल के लिए। लेकिन क्‍या आपको पता है कि हमारे वित्‍त मंत्री भी बगैर कर सलाहकार के अपना रिटर्न नहीं भर सकते। भले ही फॉर्म का नाम सरल रखा गया हो। गुजरात हाईकोर्ट के न्‍यायाधीश मोहित शाह का कहना है कि आयकर से जुड़े कानून इतने जटिल हैं कि खुद वित्‍त मंत्री, कानून मंत्री और प्रधानमंत्री भी कर सलाहकार की सहायता के बगैर अपने कर रिटर्न नहीं भर सकते। मोहित शाह ने यह खास बात गुजरात फैडरेशन ऑफ टैक्‍स कंसलटेंट के सहयोग से आयोजित कराधान 2007 नामक राष्‍ट्रीय अधिवेशन में कही। उनका मत था कि करदाता पैसा और समय खर्च कर कर कानूनों पर न्‍यायालयों से स्‍पष्‍टता पाते हैं लेकिन वित्‍त मंत्री इन फैसलों का लाभ लोगों द्धारा उठाने से पहले ही कानून में बदलाव कर देते हैं और ऐसे परिवर्तनों को बैक डेट से ल

वित्‍त वर्ष का आखिरी सप्‍ताह.....

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चालू वित्‍त वर्ष का आखिरी सप्‍ताह आज से शुरू हो गया है और इस सप्‍ताह में बीएसई इंडेक्‍स 12922 अंक पर समर्थन मिलने पर 13572 अंक से ऊपर बंद हुआ तो 13745 अंक तक जा सकता है। इसी तर‍ह निफ्टी 3735 के स्‍पोर्ट पर 3961 अंक पर बंद हुआ तो 4001 अंक तक जाने की संभावना। इस सप्‍ताह के स्‍टॉक :ताज जीवीके होटल्‍स, तानिया सॉल्‍यूशंस, बिड़ला नोवा, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रिलायंस इंडस्‍ट्रीज, एलआईसी हाउसिंग, टीवी 18, क्रि‍सिल, कर्नाटक बैंक, डाबर इंडिया, यस बैंक। हम अपने पाठकों से एक बार फिर कहना चाहते हैं कि चीनी शेयरों में बेहद सावधानी के साथ कारोबार करें और स्‍टॉप लॉस का इस्‍तेमाल करते रहे अन्‍यथा ये मीठे स्‍टॉक कभी भी कड़वे बन सकते हैं।