संदेश

सेंसेक्‍स की चाल पर नहीं लगेगी लगाम

चित्र
उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे शेयर बाजार के लिए उत्‍साहजनक हैं। उत्‍तर प्रदेश में सपष्‍ट बहुमत के साथ जो राजनीतिक स्थिरता आई है, उसका शेयर बाजार पर मनोवैज्ञानिक असर दिखाई देगा। साथ ही शेयर बाजार में आई शार्ट कवरिंग ने मंदडि़यों को अपना खेल खेलने से पीछे हटने को मजबूर किया है। 14 मई से 18 मई के सप्‍ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्‍स 14061 के ऊपर बंद होता है तो यह 14290 अंक तक देखने को मिलेगा। राजनीति के गलियारों में यह चर्चा है कि उत्‍तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव नतीजों ने वामपंथियों की आंखें खोल दी हैं। पहले पंजाब, उत्‍तरांचल के नतीजों ने वामपंथियों को चेताया था लेकिन उत्‍तर प्रदेश ने इनकी आंखें पूरी तरह खोलने का काम किया है। वामपंथियों ने 15 मई को नंदीग्राम घटना पर विचार करने के लिए अपनी बैठक बुलाई है लेकिन असल में इस में यह विचार होगा कि अब यूपीए सरकार के साथ किस तरह का संबंध रखा जाए। कहीं कांग्रेस के हाथ के साथ अपना भी हंसिया व हथौड़ा किसी काम का न रह जाए। अत: मंगलवार शेयर बाजार के लिए थोड़ा रिस्‍की हो सकता है। केवल वामपंथियों की बैठक को छोड़ दें तो शेयर बाजार के लिए कोई रिस्‍क नज

पैसे का फ्यूज नहीं उड़ेगा इंडो एशियन में

चित्र
एलवी इलेक्ट्रिकल स्विचगियर और लाइटिंग इकिवपमेंट बनाने वाली कंपनी इंडो एशियन फ्यूजगियर में किए गए निवेश का फ्यूज नहीं उड़ेगा। मध्‍यम से दीर्घकाल के निवेश करने वाले निवेशकों के लिए यह बेहतर कंपनी है। कंपनी के पंजाब, हरियाणा और उत्‍तरांचल में आठ उत्‍पादन इकाईयां हैं। कंपनी ने हाल में उत्‍तरांचल में दो संयंत्र कर मुक्‍त क्षेत्र में लगाए हैं। कंपनी इसी क्षेत्र में एक स्विचगियर संयंत्र भी लगा रही है, जिसके जल्‍दी ही चालू होने के आसार हैं। कंपनी के उत्‍पादों की मांग भारत में ही नहीं वरन दुनिया के 80 से ज्‍यादा देशों में है। पिछले साल कंपनी के कुल कारोबार में निर्यात की हिस्‍सेदारी 16 फीसदी के आसपास रही। कंपनी ने विदेशों में अपने कारोबार को बढ़ाने पर ध्‍यान केंद्रित किया है और इसी सिलसिले में नेपाल, श्रीलंका, मध्‍य पूर्व के बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के जोरदार प्रयास कर रही है। कंपनी ने स्‍पेन की सिमोन के साथ उच्‍च गुणवत्‍ता वाली वायरिंग एस्‍सरीज, बिल्डिंग ऑटामेशन और इंटेलीजेंट स्विचिंग उत्‍पादों व प्रणालियों, ऊर्जा संबंधी विभिन्‍न उत्‍पादों के उत्‍पादन व विपणन के लिए संयुक्‍त उद्यम लगाय

आखिरी तेजी, वो क्‍या होता है..!

चित्र
शेयर बाजार को गिराने की तैयारी !....ब्‍लॉग पर लिखने के बाद अनेक निवेशक मित्रों के फोन आए कि क्‍या यह आखिरी तेजी है। सारे शेयर बेच बाचकर फ्री हो जाएं क्‍या। क्‍या होगा, समझ नहीं आता, आदि आदि। शीत पेय थम्‍स अप का एक विज्ञापन आता है जिसमें फिल्‍मी हीरो अक्षय कुमार कहता है कि आखिरी थम्‍स अप, वो क्‍या होता है.........यही कहना है कि हमारा शेयर बाजार के बारे में। आखिरी तेजी वो क्‍या होती है। मंदी और तेजी बाजार के दो पहलू हैं जैसे की रात और दिन। हम आज भी अपनी इस पुरानी बात पर कायम हैं कि भारतीय शेयर बाजार का सेंसेक्‍स 17 हजार अंक को छू जाएगा और अगले साल दिवाली के बाद दिसंबर अंत तक 25 हजार अंक के आसपास होगा। सभी फंडामेंटल्‍स और तकनीकी स्थि‍ति को देखते हुए सेंसेक्‍स के पायदान में बदलाव की हमें कोई जरुरत महसूस नहीं हो रही है। लेकिन बाजार में चल रही अंदरुनी हलचल का ज्‍योंहि हमें पता चला हमने आम निवेशक को यह अवगत कराना अपनी जिम्‍मेदारी समझा और लिखा ‘शेयर बाजार को गिराने की तैयारी !’ हालांकि, हम यह भी साफ कर दें कि जब महासागर में भयंकर तूफानी लहरें उठती हैं तो छोटी मोटी नौकाएं डूब जाती हैं। ऐसे में

शेयर बाजार को गिराने की तैयारी !

चित्र
भारतीय शेयर बाजारों के लिए मई का महीना भय का महीना बन गया है। 12 मई 1992, 15 मई 2006, 17 मई 2004, 18 मई 2006, 19 मई 2006 और 22 मई 2006 को आई गिरावट को याद कर निवेशक आज भी अंदर तक कांप जाते हैं। मई की इन तारीखों ने बड़े बड़े और धैर्यवान निवेशकों तक को रुला दिया था। दुनिया के कई शेयर बाजारों में आज भी गर्मी है, लेकिन भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्‍त बिकवाली का माहौल पिछले दो दिनों से देखा जा रहा है। यही वजह है कि आज भी बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई का सेंसेक्‍स 114 अंक गिरकर बंद हुआ है। बीएसई सेंसेक्‍स यह 13765 अंक पर बंद हुआ है, जो 14 हजार के मानसिक स्‍तर से नीचे है। निवेशकों के दिलों को सुकून तब मिलेगा जब सेंसेक्‍स 14 हजार अंक से ऊपर बंद होगा, अन्‍यथा दिलों की धड़कन बढ़ जाएगी। पूंजी बाजार के अनेक खिलाड़ी कह रहे हैं कि इस महीने बीएसई सेंसेक्‍स एक हजार अंक तो गिर ही जाएगा, लेकिन लंबी अवधि में वे यह भी मानते हैं कि मंदी टिक नहीं पाएगी। यहां गिरावट का एक अन्‍य कारण जो नजर आ रहा है वह भी गौर करने लायक है क्‍योंकि आपने कहावत सुनी होगी कि मौत के अनेक बहाने....सेबी ने डीएलएफ के पब्लिक इश्‍

मध्‍यम, छोटे क्रीम शेयरों में आक्रामक तेजी

चित्र
भारतीय शेयर बाजार के लिए पिछला सप्‍ताह तेजी का रहा, हालांकि शुक्रवार को बाजार में मंदी रही लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है। कार्पोरेट जगत के बेहतर नतीजों से अंतरराष्‍ट्रीय शेयर बाजारों में तेजी का माहौल बना हुआ है। अगले सप्‍ताह अमरीकी शेयर बाजार में भी तेजी रहेगी क्‍योंकि वहां दो बड़े अधिग्रहण होने की दिशा में बात आगे बढ़ रही है। इनमें पहला है याहू का अधिग्रहण। माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की नजर याहू पर है। दूसरा, मीडिया मोगल रुपर्ट मर्डोक की नजर न्‍यूज एजेंसी डॉव जोंस पर है। पिछले सप्‍ताह यूरोप, अमरीका और लैटिन अमरीका के शेयर बाजारों में गर्मी देखने को मिली। कुछ एशियाई देशों मसलन चीन, इंडोनेशिया, सिंगापुर, कोरिया और मलेशिया के शेयर बाजारों में भी तेजी थी। अगले सप्‍ताह इन बाजारों में तेजी बनी रहेगी जिसकी अगुआई डॉव जोंस इं‍डस्ट्रियल एवरेज करेगा। आने वाले दिनों में मिड और स्‍मॉल कैप के उन शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिलेगी, जो बेहतर प्रबंधन के तहत कामकाज कर रही हैं। यानी मिड और स्‍मॉल कैप के क्रीम स्‍टॉक में तेजी देखने को मिलेगी। हालांकि, बाजार की नजरें उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के परिण

पैसा बने कूल कूल...टेंशन जाओं भूल भूल..

चित्र
वोल्‍टास निवेश के लिए सदाबहार कंपनी। एक ऐसी इंजीनियरिंग कंपनी जिसमें आप कभी भी निवेश कर सकते हैं और जब चाहे मुनाफा कमाकर बाहर निकल सकते हैं। वोल्‍टास की इलेक्‍ट्रो मैकेनिकल उत्‍पादों के क्षेत्र में मजबूत स्थिति है। पश्चिम एशिया में कंसट्रक्‍शन क्षेत्र में जिस तरह की गर्मी देखने को मिल रही है, उसे शीतलता देने का काम वोल्‍टास को मिल रहा है जिससे इसकी आय और मुनाफे में खूब बढ़ोतरी हो रही है। यदि कोई निवेशक अपने निवेश को तीन साल रोककर रखने की हिम्‍मत रखता है तो उसके लिए वोल्‍टास से बेहतर कंपनी नहीं है। वर्ष 2008 में कंपनी की सालाना आय में 30 फीसदी का इजाफा होने की संभावना है। वोल्‍टास एयर कं‍डिशनिंग और इंजीनियरिंग सॉल्‍यूशंस प्रोवाइडर कंपनी है। इस कंपनी का मूल कामकाज घरों और दफ्तरों, मॉल्‍स, एयरपोर्टस, मल्‍टीप्‍लेक्‍स के लिए बेहतर एयर कंडीशनिंग आवश्‍यकताओं को पूरा करना है। यह कंपनी उन क्षेत्रों में भी काम करती है, जहां तापमान, आर्द्रता और हवा पर निगरानी रखने की जरुरत होती है। इन उपयोगकर्ताओं में स्‍टील और बिजली संयंत्र, पेट्रोकैमिकल्‍स सुविधाएं और लैबोरेटरीज शामिल हैं। वोल्टास मटीरियल हैंड

सिकंदर का मुकद्दर गरवारे ऑफशोर

चित्र
अब तक तो आपने सुना होगा मुकद्दर का सिकंदर....लेकिन सिकंदर ने तो खुद अपना मुकद्दर बनाया था। इसीलिए हम चाहते हैं कि आप भी मुकद्दर के सिकंदर के बजाय एक सिकंदर के रुप में अपना मुकद्दर खुद बनाएं। बात जब मालदार बनने की आती है तो निवेश के साधनों की खूब चर्चा होती है कि कहां ब्‍याज ज्‍यादा मिलेगा या कहां निवेश बढ़ने की गारंटी अथवा कहां रुपए दुगुने हो सकते हैं। देश की मालदार कंपनियों की बात करने की अपनी श्रृंखला में आज हम बात करेंगे एक ऐसी ही कंपनी की जिसके शेयर का दाम देखते देखते काफी बढ़ा और इसमें आगे भी भरपूर संभावनाएं मौजूद हैं। कंपनी है गरवारे ऑफशोर सर्विसेज लिमिटेड। एक जमाने में गरवारे शीपिंग के नाम से प्रसिद्ध इस कंपनी की स्‍थापना स्‍वर्गीय बी डी गरवारे ने की थी, जो कि गरवारे समूह के संस्‍थापक थे। जनरल कार्गो वेसलस के कारोबार से जुड़ी इस कंपनी ने 1998 में शीपिंग कारोबार को छोड़ अपना विविधीकरण खासे आकर्षक कारोबार ऑफशोर सप्‍लाई वेसलस की ओर किया। इस कंपनी ने 1983/84 में सिंगापुर में पांच एएचटीएसवी बनाए और उन्‍हें ओएनजीसी की सेवा में सौंप दिया। अप्रैल 2005 में इनमें से एक एएचटीएसवी को बेच द