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एबीसी बियरिंग्‍स में निवेश कर लूटो मजा

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बियरिंग क्षेत्र की किसी कंपनी में निवेश करने का आपका इस समय मन कर रहा हो तो एबीसी बियरिंग्‍स से भला और कहां निवेश किया जा सकता है। एबीसी बियरिंग्‍स अपने कारोबार के पुनर्गठन, ऊंची ब्‍याज दर वाले कर्ज के पुनर्भुगतान, आक्रामक पूंजीगत खर्च योजना के बाद विकास के पथ पर है। इस कंपनी में निवेश इसलिए करना चाहिए क्‍योंकि ऑटो उद्योग की अगले पांच वर्षों में सालाना औसत विकास दर 13 फीसदी रहने का अनुमान है। इसके साथ कृषि और मैन्‍युफैक्‍चरिंग क्षेत्र में हो रहा विकास भी बियरिंग उद्योग को गति दे रहा है। बियरिंग उद्योग का विकास तकनीकी पर निर्भर करता है और इसके लिए भारी भरकम पूंजीगत खर्चा भी करना होता है। एबीसी के संबंध जापानी कंपनी एनएसके के साथ हैं, जो कि तकनीकी की दृष्टि से दुनिया में सबसे बड़ी बियरिंग निर्माता कंपनियों में से एक है। यह सहयोग एबीसी को अपनी विस्‍तार योजना में मददगार होगा। यह कंपनी अपने विस्‍तार के तहत वर्ष 2010 तक 80 करोड़ रूपए से अपनी बियरिंग क्षमता को 65 लाख से बढ़ाकर 120 लाख बियरिंग करने जा रही है। यह विस्‍तार कंपनी व्‍यावसायिक वाहन, औद्योगिक बियरिंग सेगमेंट में अपनी बाजार हिस्‍सेद

सेफ इनवेस्‍टरों के सेफ आइटम

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जीमेल पर चैट करते समय कल मुझसे एक ब्‍लॉगर मित्र ने कहा कि मैं शेयर बाजार में निवेश करना चाहता हूं लेकिन रिस्‍क उठाने की हिम्‍मत नहीं है। उसने बताया कि वह सेफ इनवेस्‍टर है। हालांकि, जब हम घर से बाहर निकलते हैं तो सेफ नहीं होते फिर यह तो बाजार है जहां सटोरिएं, पंटर और ऑपरेटर इस तरह सक्रिय होते हैं कि उनके गणित को तगड़े तगड़े निवेशक नहीं समझ पाते। खैर! इन ब्‍लॉगर मित्र के सेफ इनवेस्‍टर वाले फंडे पर मुझे भी सूझा कि क्‍यों नहीं कुछ कंपनियां खोज निकालूं जहां कोई भी निवेशक अपने निवेश को सुरक्षित पा सकता है। हालांकि, इन कंपनियों में किए गए निवेश से आपको हर साल बेहतर लाभांश मिलता रहेगा, भले ही इन कंपनियों के शेयर खूब न चढ़े, लेकिन अधिक गिरते भी नहीं हैं। जानिए यह सूची : एनटीपीसी, यूनिवर्सल कार्बोरेंडम, चंबल फर्टिलाइजर, आयशर मोटर्स, वोल्‍टास, फिनोलैक्‍स केबल्‍स, ओएनजीसी, ब्‍लू स्‍टार, आंध्र बैंक, महाराष्‍ट्र बैंक, जियोजिट फाइनेंशियल, क्‍लेरियंट कैमिकल्‍स, बर्जर पेंट्स, वरुण शीपिंग, नोवार्तिस इंडिया, ग्रेफाइट इंडिया, इंडो रामा सिंथेटिक, मर्क, जीई शीपिंग। यह सूची और लंबी हो सकती है, लेकिन फिलहाल

नया इतिहास लिखने के मूड में इंडेक्‍स

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भारतीय शेयर बाजार का इंडेक्‍स अब नया इतिहास लिखने के मूड में है। 21 से 25 मई के दौरान यदि बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई का सेंसेक्‍स 14560 अंक से ऊपर बंद होता है तो यह 14715 अंक तक देखने को मिलेगा। शेयर बाजार में करेक्‍शन यानी गिरावट की उम्‍मीद पाले अनेक निवेशक ही नहीं ऑपरेटर और पंटर तक पिछले दिनों बढ़े दो हजार अंक की गर्मी का मजा नहीं ले सके। जबकि, अर्थव्‍यवस्‍था के आंकड़ों और बाजार के मूड को भांपने में विफल रहने वाले ही इस लाभ में भागीदार नहीं बन सके। यहां हम एक बात बताना चाहेंगे कि बड़े बड़े निवेशक, ऑपरेटर और निवेश कंपनियां मनोवैज्ञानिकों के अपने यहां इसलिए रखती हैं कि आम आदमी के मन और मस्तिषक का अध्‍ययन किया जा सके और इसी आधार पर तेजी मंदी का खेल खेला जाता है। जब लोग यह आश्‍वस्‍त हो जाते हैं कि अब मंदी या करेक्‍शन आना तय है तो यह नहीं आएगा। बड़े खिलाड़ी हमेशा विपरीत दिशा में नाव खेते हैं, तभी तो उनके जहाज धन से भरे रहते हैं और वे लोग खाली घूमते हैं जो मास सायक्‍लोजी नहीं पढ़ पाते। शेयर बाजार में सफल होने का यही पहला और आखिरी मंत्र है कि आप मास सायक्‍लोजी पढ़ना जानते हैं या न

शेयर बाजार में आज नरमी संभव

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भारतीय शेयर बाजार में आज नरमी की संभावना है और चार दिन से चली आ रही तेजी को ब्रेक लग सकता है। साथ ही मिड कैप और स्‍मॉल कैप शेयरों के भाव स्थिर से कुछ नरम रह सकते हैं। तेजी को ब्रेक की वजह अंतरराष्‍ट्रीय शेयर बाजारों से अभी तक के मिले संकेत हैं। हमने भारतीय शेयर बाजार में नरमी का अनुमान इसी आधार पर लगाया है। जापान, हागंकांग, सिंगापुर, अमरीकी सहित दुनिया भर के अनेक शेयर बाजारों के इंडेक्‍स गिरे हुए हैं। हालांकि, हम साफ कर दें कि घबराने की कोई जरुरत नहीं है। भारतीय शेयर बाजारों का भविष्‍य बेहतर है और तेजी जारी रहेगी। तेजी और मंदी के इस खेल में चढ़ाव उतार आना स्‍वाभाविक है। लेकिन एक दिन के रुझान से आप यह नहीं कह सकते कि अब तो यही चाल जारी रहेगी। यदि बाजारों में तेजी और मंदी बंद हो जाए या एक तरफा चाल रहे तो किसी को फायदा नहीं होता केवल लांग टर्म निवेशकों को ही इसका लाभ होता है। सभी को फायदा हो इसके लिए जरुरी है कि तेजी और मंदी का खेल जारी रहे। यदि आज बाजार में नरमी का रुझान दिखाई देता है, जिसके चांस ज्‍यादा है, तो अच्‍छी कंपनियों के शेयर निचले स्‍तरों पर खरीदे। शेयर खरीदते समय एक बात जरुर

एफएंडओ में हो रहा है बड़ा गेम

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नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज ने 31 कंपनियों को एफएंडओ यानी फ्युचर एंड ऑप्‍शन में रखा है और इनमें 14 मई से एफएंडओ कैटेगरी में कारोबार हो रहा है। इस कैटेगरी में आने के बाद इन कंपनियों के शेयरों में खासी बढ़त देखी जा रही है। आप भी रखिए इन पर नजर और कमाए पैसा। ADITYA BIRLA NUVO LIMITED ADLABS FILMS LTD AIA ENGINEERING LIMITED DECCAN AVIATION LIMITED ANSAL PROP & INFRA LTD ALSTOM PROJECTS INDIA LTD OSWAL CHEM. & FERT. LTD. BIRLA CORPORATION LTD BOMBAY RAYON FASHIONS LTD DENA BANK EDUCOMP SOLUTIONS LTD EVEREST KANTO CYLINDERLTD FINANCIAL TECHNO (I) LTD MAHINDRA GESCO DEVELOPERS HOTEL LEELA VENTURES LTD INDIA INFOLINE LIMITED KESORAM INDUSTRIES LTD MOSER-BAER (I) LTD PANTALOON RETAIL (I) LTD PATEL ENGINEERING LTD. PENINSULA LAND LIMITED PETRONET LNG LIMITED RAJESH EXPORTS LTD REL. NAT. RESOURCES LTD. ROLTA INDIA LTD SHREE CEMENTS L

फिलिप्‍स कार्बन ब्‍लैक में पैसा ही पैसा

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यदि आप इस समय निवेश के लिए एक बेहतर कंपनी की तलाश कर रहे हैं तो आपकी यह तलाश आरपीजी समूह की कंपनी फिलिप्‍स कार्बन ब्‍लैक के साथ पूरी हो सकती है। अब इस कंपनी के मुख्‍य कर्ता धर्ता अशोक गोयल हैं जिन्हें टर्नअराउंड विशेषज्ञ माना जाता है तभी तो उन्‍होंने 45 साल के इतिहास में पहली बार घाटे में गई इस कंपनी को एक साल के भीतर फिर से मुनाफे वाली कंपनियों की सूची में ला खड़ा किया। घरेलू कार्बन ब्‍लैक की मांग वर्ष 2006 में 3.70 लाख टन थी जो वर्ष 2010 तक सालाना आठ फीसदी की दर से बढ़ती हुई 5.20 लाख टन पहुंच जाएगी। टायर उद्योग की बढ़ती मजबूत मांग से यह तय है कि कार्बन ब्‍लैक की मांग अगले पांच वर्ष में 7.4 फीसदी की औसत दर से बढ़ती रहेगी। जबकि कार्बन ब्‍लैक की आपूर्ति इस अवधि में पांच फीसदी की औसत सालाना दर से बढ़ेगी। फिलिप्‍स कार्बन ब्‍लैक, भारत की सबसे बड़ी कार्बन ब्‍लैक उत्‍पादक कंपनी है और इसकी बाजार हिस्‍सेदारी 41 फीसदी है। यही वजह है कि कंपनी को इस बढ़ते बाजार में जोरदार लाभ होगा। कार्बन ब्‍लैक का टायर उद्योग में सबसे ज्‍यादा 64 फीसदी, रबर होज, कनवेर्स, ऑटो कम्‍पोनेंट में 33 फीसदी और प्रिंटिंग

पैसे का पावर या पावर का पैसा

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नवधनाढ़य जो नए नए पैसे आने पर इतराते हुए घूमते हैं उनके लिए एक कहावत याद आती है पैसे का पावर....लेकिन यदि आप इसमें शामिल नहीं हैं तो आप पावर का पैसा बना सकते हैं। सरकार ने अगले 30 साल के भीतर देश के कौने कौने में 24 घंटे बिजली उपलब्‍ध कराने का लक्ष्‍य तय किया है। इस लक्ष्‍य को पाने के लिए भारी भरकम निवेश करना होगा जिसका बड़ा लाभ ज्‍योति स्‍ट्रक्‍चर, एबीबी और थर्मेक्‍स जैसी कंपनियों को होगा। पावर इक्विपमेंट, पावर ट्रांसमिशन, पावर उत्‍पादन से जुड़ी कंपनियों का भविष्‍य लंबे समय तक उज्‍जवल रहेगा। शेयर बाजार में भले ही उतार चढ़ाव होता रहे लेकिन इन कंपनियों की आय और शेयरों की कीमत हमेशा बढ़ती रहेगी। यदि हम पिछले छह महीनों का ही हिसाब किताब देखें तो एबीबी के शेयरों के दाम 31 फीसदी, अरेवा टीएंडडी के 65 फीसदी और ज्‍योति स्‍ट्रक्‍चर के 69 फीसदी बढ़े। शेयर विश्‍लेषकों पर भरोसा करें तो एबीबी, क्रॉम्‍पटन ग्रीव्‍ज और भेल को बिजली क्षेत्र की मांग को देखते हुए तगड़े निवेश से अपना भावी विस्‍तार करना होगा। भारत में जरुरी बिजली उत्‍पादन क्षमता खड़ी करने और वितरण के लिए एक लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि निवे