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शेयर बाजार में बड़ी हलचल संभव

भारतीय शेयर बाजार में इस सप्‍ताह बड़ी हलचल रहने की पूरी पूरी संभावना है क्‍योंकि 25 फरवरी से शुरु हो रहे सप्‍ताह में रेल बजट, आर्थिक सर्वे और आम बजट पेश होगा। इस सप्‍ताह शेयर बाजार के खिलाडि़यों का पूरा ध्‍यान नई दिल्‍ली की ओर लगा रहेगा कि वहां से किस तरह की घोषणाएं होती हैं। मौजूदा केंद्र सरकार का यह आखिरी आम बजट है, जिसमें लोक लुभावन वादे होने की अधिक संभावना है ताकि अगले आम चुनाव में जीत हासिल की जा सके। भारतीय शेयर बाजार पर इस सप्‍ताह नई दिल्‍ली में होने वाली घोषणाओं का असर दिखाई देगा लेकिन हमारे शेयर बाजार काफी समय से अमरीकी और एशियाई शेयर बाजारों का अनुसरण कर रहे हैं जिससे यहां घोषित होने वाली सकारात्‍मक घोषणाओं का कुछ समय तो असर रह सकता है लेकिन सारी चाल अमरीकी एवं एशियाई बाजारों के रुझान पर निर्भर करेगी। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स के इस सप्‍ताह 18180 से 16647 और निफ्टी के 5348 से 4905 अंक के बीच घूमते रहने की संभावना अधिक है। तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि बीएसई सेंसेक्‍स के लिए इस सप्‍ताह 18274-18509 का रेसीसटेंस अहम है। यदि बाजार इस स्‍तर क

टायर कंपनियों में निवेश के लिए करे इंतजार

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नेचुरल रबड़ की कीमतों में अचानक आए उछाल का बुरा असर टायर बनाने वाली कंपनियों की सेहत पर पड़ सकता है। टायर बनाने वाली कंपनियों ने अब यह संकेत दिए हैं कि उन्‍हें उत्‍पादों की कीमतों को बढ़ाना पड़ सकता है। इस बीच, देश की चौथी सबसे बड़ी टायर बनाने वाली कंपनी सीएट ने टायरों के दाम बढ़ा दिए हैं लेकिन कंपनी का कहना है कि यदि रबड़ की कीमतों की स्थिति यही रही तो उसे अगले महीने फिर से अपने उत्‍पादों के दाम बढ़ाने पड़ सकते हैं। नेचुरल रबड़ की कीमतें पिछले दस दिनों में अचानक बढ़ना शुरु हुई है और 21 फरवरी 2008 को इसका दाम सौ रुपए प्रति किलो को पार कर गया। रबड़ के दाम बढ़ने के बावजूद इसके खरीददारों को स्‍टॉक नहीं मिल पा रहा है। हालांकि, अभी तक उद्योग यह जानने में कामयाब नहीं हो पाया है कि नेचुरल रबड़ के दाम अचानक क्‍यों बढ़ रहे हैं। फिर भी मोटे तौर पर क्रूड की कीमतों में आया उछाल और थाईलैंड में तगड़ी सर्दी से पेड़ों से रबड़ नहीं मिल पा रहा है। गौरतलब है कि थाईलैंड दुनिया में नेचुरल रबड़ का सबसे बड़ा उत्‍पादक देश है। क्रूड की कीमतों के आसमान पहुंचने से सिंथेटिक रबड़ के उत्‍पादन की लागत बढ़ रही है। क

टैक्‍स ट्रीटी जांच के घेरे में

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मॉरिशस ने टैक्‍स ट्रीटी पर भारत की चिंता को जायज ठहराया है। मॉरिशस ने भारत को इस पूरे मुद्दे पर जांच करने की पूरी छूट देने का फैसला किया है। मॉरिशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम का कहना है कि हमने मॉनिटरिंग सेल की स्‍थापना कर दी है और भारत को टैक्‍स ट्रीटी मामले पर जांच करने का प्रस्‍ताव दिया है। इस बीच, मॉरिशस ने निवेशकों के लिए टैक्‍स रेसीडेंसी सर्टीफिकेट देने की प्रक्रिया कड़ी बना दी है। नए नियमों के मुताबिक सभी बोर्ड बैठक मॉरिशस में करनी होगी। कंपनी को अपने बोर्ड में दो स्‍थानीय निदेशक रखना जरुरी है। साथ सारा लेनदेन मॉरिशस स्थित बैंक खाते से होना जरुरी है। इन नियमों पर अमल के लिए मॉरिशस में ऑफिस होना जरुरी है। इस बीच, भारत की चिंता ट्रीटी शॉपिंग यानी भारत में निवेश के लिए कैपिटल गेन्‍स टैक्‍स में छूट के मिल रहे लाभ का तीसरे देश के निवेशकों द्धारा किए जाने दुरुपयोग पर है। साथ ही सरकार भारतीय निवेशकों द्धारा हो रहे राउंड ट्रिपिंग्‍स को भी रोकना चाहती है। इसके तहत स्‍थानीय निवेशक विदेश में जाकर मॉरिशस के रास्‍ते धन वापस भारत ले आते हैं। भारत सरकार तो वैसे भी ना चेतती, अगर

आरईसी का आईपीओ है निवेश लायक

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सरकारी कंपनी रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन 19 फरवरी को पूंजी बाजार में उतरने जा रही है। कंपनी इस आईपीओ के माध्‍यम से 1405-1639 करोड़ रुपए जुटाएगी। कुल 15.6 करोड़ इक्विटी शेयर 90 से 105 रुपए की प्राइस बैंड पर ऑफर किए जाएंगे। यह आईपीओ 22 फरवरी को बंद होगा। कंपनी अपने पूंजी आधार को बढ़ाने और भविष्‍य की जरुरतों को पूरा करने के लिए यह आईपीओ ला रही है। रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्पोरेशन यानी आरईसी बिजली क्षेत्र की दो बड़ी वित्‍तीय संस्‍थाओं में से एक है। आरईसी के अलावा पावर फाइनेंस कंपनी यानी पीएफसी देश में बिजली परियोजनाओं के विकास में वित्‍त और सलाहकार सेवा देती हैं। इस कंपनी की स्‍थापना का मुख्‍य उद्देश्‍य गांवों में बिजली इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के विकास में मदद करना है। इसमें ट्रांसमिशन और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन नेटवर्क मुख्‍य है। इस कंपनी की एसेट बेस 38700 करोड़ रुपए है और उसकी बुक वेल्‍यू प्रति शेयर 53 रुपए है। राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना पर अमल की जिम्‍मेदारी आरईसी के जिम्‍मे है। ग्‍यारहवीं पंचवर्षीय योजना के तहत इस योजना के लिए 40 हजार करोड़ रुपए आबंटित किए जाएंगे। इस वजह से आरईसी क

...तो तेजडि़यों के हाथों में होगा शेयर बाजार

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भारतीय शेयर बाजार को चमत्‍कार की जरुरत...पिछले सप्‍ताह हमने शेयर बाजार के लिए यही कहा था और वास्‍तव में यही हुआ कि बुधवार से शुक्रवार यानी 13 से 15 फरवरी के बीच बीएसई सेंसेक्‍स 1500 अंक से ज्‍यादा उछला। हालांकि, अभी भी शेयर बाजार मंदडि़यों की पकड़ से छूटा नहीं है। बीएसई सेंसेक्‍स आज 18 फरवरी से शुरु हो रहे सप्‍ताह में 19 हजार अंक को पार कर बंद होता है तो यह फिर से तेजडि़यों के हाथ में चला जाएगा। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स इस सप्‍ताह हालांकि 18930 से 17523 और निफ्टी 5540 से 5123 अंक के बीच घूमते रहने की संभावना अधिक है। तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि बीते सप्‍ताह सेंसेक्‍स ने 18142 की ऊंचाई को छूआ जो 17580 के स्‍तर से ऊपर है और अब नए स्‍तर जो देखने लायक होंगे वे 18274 से 18968 होंगे। सेंसेक्‍स के पुल बैक लेवल 18274, 18834 और 19395 अंक दिख रहे हैं। सेंसेक्‍स के लिए लोअर टॉप 18895 है। सेंसेक्‍स साप्‍ताहिक ब्रेकआउट होकर 19 हजार अंक से ऊपर बंद होता है तो यह मंदडि़यों की पकड़ से बाहर हो जाएगा। साप्‍ताहिक बंद शुक्रवार को 19 हजार से ऊपर होना चाहिए। बेहतर से