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हिम्‍मत मत हारना यदि बनना है अमीर

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भारतीय शेयर बाजार के निवेशक आज सुबह से ही इस बात से चिंतित थे कि भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति में कहीं ऐसा कुछ घोषित न कर दें कि उनकी दिवाली काली न हो जाए। खैर, सीआरआर में बढ़ोतरी के अलावा कोई ऐसा दूसरा कदम नहीं उठा जिसका बड़ा असर पड़ता। हालांकि, सीआरआर में बढ़ोतरी की खबर आने के बाद बाजार सुधरा, गिरा और अंत में लुढ़ककर बंद हुआ। असल में आज के ऊपरी स्‍तर से शेयर बाजार चार सौ अंकों के आसपास टूटा। बाजार बंद होते होते यह बात चल पड़ी की अमरीकी फैड की बैठक में क्‍या होगा। क्‍या वहां ब्‍याज दरें बढ़ेंगी, गिरेंगी या ज्‍यों की त्‍यों रहेगी। भारतीय रिजर्व बैंक की घोषणाओं पर सोच विचार पूरा भी नहीं हुआ कि अमरीका में क्‍या होगा, चिंता सताने लगी। अमरीका में ब्‍याज दरों के बढ़ने के अवसर कम हैं। लेकिन यदि ब्‍याज दरें किसी संयोग में बढ़ती है तो इसका भारतीय शेयर बाजार पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। हां, ब्‍याज दरें घटी तो शेयरों में आग लग सकती है क्‍योंकि दुनिया के सारे फंड इस बात से सहमत हैं कि भारतीय शेयर बाजार में मिलने वाला रिटर्न वाकई बेहतर है और आदमी को लालची बनाता है। फटाफट एक के तीन हो रहे हैं ...

शेयर बाजार की मलाई खाने के लिए हो जाइए तैयार

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भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के बैरोमीटर बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज के सेंसेक्‍स ने जैसे ही 20 हजार अंक को छूआ, निवेशकों के चेहरे खुशी से दमक रहे थे। वजह भी साफ थी कि 17 हजार अंक पर सेंसेक्‍स के आने पर हर निवेशक को कमाई नहीं हुई थी लेकिन इस बार स्थिति बदली है और हर निवेशक ने कुछ न कुछ कमाया ही है। निवेशकों के मन में अब फिर वही सवाल उठा है कि सेंसेक्‍स और शेयर बाजार में आगे क्‍या होगा। क्‍या यह तेजी इसी तरह बनी रहेगी या फिर मार्केट का बंटाढार हो जाएगा किसी भी समय। वाह मनी की राय में न तो शेयर बाजार में सब कुछ मिटने जा रहा है और न ही बड़ी मंदी आएगी। यह बात अलग है कि हर तगड़ी तेजी के बाद कुछ करेक्‍शन आ सकता है लेकिन ऐसे करेक्‍शन स्‍थाई नहीं होंगे और शेयर बाजार नई बुलंदियों को छूता रहेगा। बीएसई सेंसेक्‍स जब पांच हजार अंक था और आठ हजार अंक पर आया तब भी यही बातें होती थी कि अब बहुत बढ़ गया बाजार, कभी भी औंधे मुंह गिरेगा। आठ से 15 हजार अंक पहुंचा तब भी इसी तरह की बातें होती थी और आज भी हो रही है। इस तरह की बातों को सोचने के पीछे हमारी गलती नहीं है, बल्कि हमारी मानसिकता आड़े आ जाती है क्‍योंकि हम तगड़ी...

थ्री आई में निवेश होगा फायदेमंद

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भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर नई ऊंचाई पर पहुंच गया है और पिछले दिनों आई मंदी बीती बात बन गई है। वाह मनी के पास कई निवेशकों के फोन आए हैं कि अब किन कंपनियों में निवेश करें जो बाजार के हर मूवमेंट को झेलने के साथ सेफ निवेश वाली हों। वाह मनी के मुताबिक...आईडीबीआई, आईडीएफसी, आईएफसीआई यानी थ्री आई सबसे सुरक्षित कंपनियां हैं, जहां आप मध्‍यम से लंबी अवधि के लिए निवेश कर सकते हैं। इन तीनों कंपनियों के शेयर के दाम आने वाले समय में आपको नई ऊंचाई पर दिखाई दें तो अचरज न करें। इनके अलावा थ्री आई इंफोटेक, पावर फाइनेंस कार्पोरेशन, पेनिनसुला लैंड, रिलायंस पेट्रोलियम, सेल, आइडिया, बाटा इंडिया और पावर ट्रेडिंग कार्पोरेशन में भी निवेश किया जा सकता है जो हर निवेशक के लिए फायदेमंद साबित होंगी।

शेयर बाजार में लगेगी आग

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वित्‍त मंत्री पी चिदम्‍बरम का यह बयान कि सरकार का इरादा पूंजी बाजार पर अंकुश लगाने या किसी फंड को बाजार से दूर रखने का नहीं है, शेयर बाजार में आग लगाने के लिए पर्याप्‍त है। यही वजह है कि बीएसई सेंसेक्‍स इस समय एक हजार अंक बढ़कर 18500 अंक को पार कर चुका है। वित्‍त मंत्री मानते हैंकि भारतीय वित्‍त बाजार में किसी तरह की कोई दिक्‍कत नहीं है। शेयर बाजार में हाल के करेक्‍शन को वे फंड मैनेजरों का तुरत फुरत में आई प्रतिक्रिया मानते हैं। वे कहते हैं कि हम विदेशी संस्‍थागत निवेशकों को भारत आने का न्‍यौता दे रहे हैं लेकिन वहां आकर अपने को सेबी में रजिस्‍टर कराएं। वित्‍त मंत्री के आए इस बयान के बाद यह साफ है कि शेयर बाजार की ताजा गिरावट को जो कुछ समय के लिए बताया जा रहा था, सही है। वाह मनी की निवेशकों को राय है कि वे बेहतर कंपनियों के स्‍टॉ‍क नहीं बेचें बल्कि इस समय उम्‍दा कंपनियों के शेयर खरीदकर होल्‍ड करें। चंद दिनों पहले की जो तगड़ी तेजी थी उस समय यदि आप किसी उम्‍दा कंपनी के शेयर न ले पाएं हो तो अब लें लेकिन इस मंत्र के साथ कि बीच बीच में आंशिक मुनाफा भी वसूल करते रहेंगे।

ज्‍योति स्‍ट्रक्‍चर्स में बड़ी संभावनाएं पैसे की

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बिजली ट्रांसमिशन और डिस्‍ट्रीब्‍यूशन से जुड़ी कंपनी ज्‍योति स्‍ट्रक्‍चर्स लिमिटेड मध्‍यम से लंबी अवधि के निवेशकों के पोर्टफोलियो में होना जरुरी है। कंपनी की हाजिरी ट्रांसमिशन लाइन वैल्‍यू चैन की पूरी श्रृंखला में है। इसके नाशिक और रायपुर में दो टावर उत्‍पादन संयंत्र हैं जिनकी कुल क्षमता 96 हजार टन सालाना है। कंपनी की महाराष्‍ट्र के ईगतपुरी में परीक्षण सुविधाएं हैं। कंपनी ने गल्‍फ इनवेस्‍टमेंट कार्पोरेशन के साथ संयुक्‍त उद्यम स्‍थापित किया है जो खाड़ी क्षेत्र में कारोबार संभावनाएं तलाश करेगा। इस संयुक्‍त उद्यम की ट्रांसमिशन टावर उत्‍पादन क्षमता 33 हजार टन सालाना है। बिजली क्षेत्र के बढ़ते विकास से यह तय है कि आने वाले समय में ट्रांसमिशन परियोजना कारोबार में बढ़ोतरी होगी और इसका बड़ा लाभ ज्‍योति स्‍ट्रक्‍चर्स को होगा। कंपनी का ईपीसी खिलाडि़यों के साथ सहयोग भी इसकी आय में बढ़ोतरी करेगा। ज्‍योति स्‍ट्रक्‍चर्स की वर्ष 2008 में शुद्ध बिक्री 1360.4 करोड़ रूपए रहने का अनुमान है जो वर्ष 2007 में 971.6 करोड़ रूपए थी। शुद्ध लाभ भी 55 करोड़ रूपए से बढ़कर 77 करोड़ रूपए पहुंचने की संभावना है। प्रति ...

चैन से सोना है तो जाग जाओं निवेशकों

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शेयर बाजार में आई गिरावट के लिए हर कोई विदेशी संस्‍थागत निवेशकों को दोष दे रहा है कि उनकी बिकवाली ने शेयर बाजार को तोड़ दिया। लेकिन क्‍या विदेशी संस्‍थागत निवेशकों को शेयर बेचने का अधिकार नहीं है। या उन्‍हें हमने यहां केवल शेयर खरीदने के लिए ही बुलाया है कि आप केवल शेयर खरीदें और बेचेंगे हम ही। जब शेयर बाजार ऑल टाइम हाई हो गया था तो क्‍यों घरेलू निवेशक यह सोचकर रुक गए कि बाजार तो अभी और फलेगा, फूलेगा...‍िफर शेयर बेचेंगे। वाह मनी हमेशा यह कहता रहा है कि जो मुनाफा आज आप की जेब में हैं वह कल किसी और की जेब में जा सकता है। इस समय असल में यही हो रहा है कि जो मुनाफा कल आपकी जेब के हवाले हो सकता था आज विदेशी संस्‍थागत निवेशकों के बैंक खाते में पहुंच गया है। जब एक छोटे निवेशक को अपने शेयर बेचने का अधिकार है तो बड़े निवेशक को भी अपने शेयर बेचने का अधिकार है। यह अलग बात है कि छोटे निवेशक के पास किसी कंपनी के सौ से कुछ हजार शेयर होंगे जबकि विदेशी संस्‍थागत निवेशकों के पास एक एक कंपनी के लाखों शेयर होते हैं। जब कोई छोटा निवेशक शेयर बेचता या खरीदता है तो वह अपने स्‍तर के निवेशकों या सलाहकारों की र...

लालच यही करता है जो आज हुआ...

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पार्टिसिपेटरी नोट को लेकर शेयर बाजार में मचा तूफान वित्‍त मंत्री का बयान आने के बाद थमता दिखाई दिया लेकिन विदेशी संस्‍थागत निवेशकों ने तो कुछ और ही तय कर रखा था। शेयर बाजार कल की तगड़ी गिरावट के बाद जिस तरह रिकवर हुआ, उससे आम निवेशक के मन में य‍ह बात बैठी की इस तरह की गिरावट के बाद पैसा कमाया जा सकता है। आम निवेशक ने इसी सोच को देखते हुए सु‍बह जब बीएसई सेंसेक्‍स को 18827 अंक से बढ़ते हुए देखा तो अपने मन पर काबू न पा सके और जमकर शेयरों की खरीद की। बस, विदेशी संस्‍थागत निवेशकों को तो यही चाहिए था कि घरेलू निवेशक बाजार की ओर आएं। सेंसेक्‍स 19198 अंक, ऑल टाइम हाई। शेयर विश्‍ेलषकों ने राग अलापना शुरू किया कि सब ठीक ठाक हो गया और सेंसेक्‍स 19700 अंक से ऊपर दिखाई देगा। इसके बाद खेल खेला विदेशी संस्‍थागत निवेशकों ने और सेंसेक्‍स को ऐसा हिलाया कि अच्‍छे अच्‍छे विश्‍लेषक सोच न पाएं और सेंसेक्‍स आ गया 17771 अंक। हालांकि, अंत में एवेरज होकर सेंसेक्‍स आया 17998 अंक। मैं कल रात से कई निवेशक मित्रों से बात कर रहा था कि 15 नवंबर से पहले सेंसेक्‍स 15 से 15500 अंक तक आ सकता है। कुछ निवेशकों का कहना था ...

शेयर बाजार फिर दौड़ेगा

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सेबी ने पार्टिसिपेटरी नोट पर अपने दिशा निर्देशों का मसौदा सामने रखा और भारतीय शेयर बाजार आज औंधे मुंह गिरा। वित्‍त मंत्री पी चिदम्‍बरम ने भी शेयर बाजार में आई तगड़ी गिरावट के बाद ज्‍योंहि बयान दिया, शेयर बाजार सुधार की ओर मुड़ा। शेयर बाजार में आई भयानक गिरावट पर वित्त मंत्री का कहना है कि वे पार्टिसिपेटरी नोट को प्रतिबंधित करने के पक्ष में नहीं है और दिन चढने के साथ शेयर बाजार में फैली यह घबराहट दूर हो जाएगी। इस समय बीएसई सेंसेक्‍स तकरीबन 750 अंक नीचे है, हालांकि निवेशकों को बहुत सावधान रहने की जरुरत है। फिर भी हम निवेशकों से कहना चाहेंगे कि वे बुनियादी तौर पर मजबूत कंपनियों के शेयर कतई नहीं बेचें बल्कि कम भावों पर ऐसी कंपनियों के शेयर खरीदें जरुर। यदि आज आपने गौर किया है तो कई बेहतर कंपनियों के शेयर काफी घट गए थे लेकिन अब वापस वे कल के स्‍तर के आसपास दिख रही हैं यानी समझदारों ने इनमें खरीद का मौका देखा। पी नोट का यह है झंझट पुराना सेबी और रिजर्व बैंक ने इस बात पर जोर दिया है कि पी नोट्स के अंधाधुंध इस्‍तेमाल को रोकने की आवश्‍यकता है। हालांकि, पार्टिसिपेटरी नोट को रोकने के लिए यह पहली ...

शेयर बाजार का मार्च पॉस्‍ट

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भारतीय शेयर बाजार में सोमवार को खासा उछाल देखने को मिल सकता है। लेकिन परमाणु करार से कदम पीछे खींचने से बिजली कंपनियों के शेयरों को झटका लगने की आशंका है। कांग्रेस के परमाणु करार से अधिक सरकार को बचाए रखने की प्राथमिकता यह संकेत देती है कि कांग्रेस जो अब तक अपने आप को चुनाव के लिए तैयार बता रही थी, पहले गुजरात में लड़े जाने वाले मिनी चुनाव युद्ध का जायका लेना चाहती है। यदि गुजरात चुनाव में सही सफलता हाथ लगी तो ही केंद्र सरकार फरवरी-मार्च में लोकसभा चुनाव के बारे में सोच सकती है। इस तरह की सोच से पहले अगले आम बजट के संकेत भी साफतौर पर दिए जाएंगे कि बजट कैसा बनाने का मूड है और इस संबंध में देश के वित्‍त मंत्री पी चिदम्‍बरम ने कुछ बातें कही हैं। पेट्रोल डीजल की कीमतें मार्च से पहले न बढ़ाने की घोषणा और खाद्यान्‍नों के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍यों को बढ़ाकर किसानों वोट बैंक की आ‍कर्षित करना, खाद्यान्‍नों की कीमतों पर नियंत्रण की बात कर आम आदमी को लुभाना भी इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए। परमाणु करार के बजाय सरकार बचाने को वरीयता देने के बाद यह तो साफ है कि शेयर बाजार में उछाल आएगा लेकिन हम आम ...

गोलमाल है भाई सब गोलमाल है....

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भारतीय शेयर बाजार पूरी तरह कंप्‍यूटरीकृत होने और सेबी की कड़ी नजर से शेयर बाजार में गोलमाल न होने की छवि रखने वाले आम निवेशक यह जान लें कि हरिदास मूंदडा, हर्षद मेहता और केतन पारेख से भले ही अब यह बाजार बचा हुआ हो लेकिन यहां अभी भी काफी कुछ गोलमाल है और यह गोलमाल हमेशा बना रहेगा। हम आपको बताते हैं कि शेयर बाजार में कैसे सांकेतिक भाषा में गोलमाल चलता है ताकि फोन रिकार्डिंग होने के बावजूद कोई पकड़ा नहीं जा सके। माहौल है--देश के एक विख्‍यात संस्‍थागत शेयर ब्रोकिंग हाउस के इक्विटी डिलिंग रुम का। जहां इसके एक सेल्‍स टीम सदस्‍य श्रीमान एक्‍स बैठे हैं जिन्‍हें एक विदेशी ग्राहक ने एनटीपीसी के दस लाख शेयर अमुक भाव पर खरीदने का ऑर्डर दिया है। इसके बाद श्रीमान एक्‍स के पास एक फोन आता है और इस फोन की आस पहले से ही श्रीमान एक्‍स को थी। बस अब बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज के खुलने में केवल दस मिनट बचे हैं। फोन पर श्रीमान एक्‍स से ग्राहक बाजार की सामान्‍य बातचीत करता है और पूछता है कि आज लंदन शेयर बाजार कैसा रहेगा। श्रीमान एक्‍स का जवाब है मेरे ख्‍याल से अच्‍छा रहेगा। सर, मैं इस समय व्‍यस्‍त हूं और आपसे इस...

शेयर बाजार दौड़ा, छोटे निवेशक मुस्‍काते रहे, हाथ न आया धैला

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यूपीए और वामपंथियों की बैठक का नतीजा जीरो आने की भनक लगते ही शेयर बाजार के खिलाड़ी पूरी तरह रंग में आ गए जो पिछले शुक्रवार से भयभीत थे जिसकी वजह से कल सोमवार को बाजार का रंग फीका पड़ गया था। आज सुबह भी निवेशक इसी भय में खरीद टाल रहे थे कि कहीं वामपंथी उन्‍हें साफ न कर दें, लेकिन बैठक का नतीजा जीरो आने की भनक के साथ ही शेयर बाजार दौड़ने लगा और नीचे से 1040 अंक सुधरकर 18327 अंक तक जा पहुंचा। हालांकि, कुल बढ़त 789 अंक की रही और बीएसई सेंसेक्‍स बंद हुआ 18280 अंक पर। एक दिन में हजार अंक की निचले स्‍तर से बढ़त ऐतिहासिक बढ़त हो गई है। सेंसेक्‍स का अगला मुकाम 18 हजार ...देखें। हाथ नहीं आया धैला सेंसेक्‍स की उछाल से निवेशकों के चेहरों पर मुस्‍कान फैली हुई थी और ऐसी अनुभूति हो रही थी, मानो बड़ा गढ़ जीत लिया हो लेकिन आज भी यही सवाल सामने खड़ा है कि आम निवेशक की जेब में कितना मुनाफा आया क्‍योंकि जब शेयर बाजार ऊपर की दौड़ रहा था तब भी मिड कैप और स्‍मॉल कैप काउंटरों की हालत अच्‍छी नहीं थी। असली फायदा तो कुछ ही स्‍टॉक्‍स को हुआ। जैसे रिलायंस एनर्जी बढ़त 11.78%, रिलायंस कम्‍युनिकेशन 11.39%, रिलायंस ...

कार फाइनेंस पर भी करें रिसर्च

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कार खरीदने से पहले जितनी रिसर्च कार पर की जाती है, उतनी ही जांच-पड़ताल लोन को लेकर भी होनी चाहिए। ज्यादतर लोग लोन को उतनी गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन अगर इसे गंभीरता से लिया जाए, तो डील सस्ती साबित हो सकती है। कार खरीदने से पहले तमाम लोग डीलरों और अपने दोस्तों-परिचितों से जरूरी जानकारी मालूम करते हैं और खुद ड्राइव कर हर तरह से निश्चिंत हो जाना चाहते हैं। इसके लिए ज्यादातर लोग रिसर्च करते हैं, प्राइस, फीचर्स, कलर्स, स्पेसिफिकेशन, सेफ्टी, क्वॉलिटी रेटिंग आदि से जुड़ी तमाम बातें मालूम करते हैं। लेकिन कम ही लोग ऐसे हैं, जो ऑटो फाइनैंस से जुड़ी इतनी तहकीकात करते हैं। अगर आप भी इन्हीं लोगों में से हैं, तो बेहतर डील के लिए आपको यह आदत बदलनी चाहिए। ज्यादातर मामलों में खरीदार लोन के लिए डीलर पर ही निर्भर होते हैं। खरीदारों की ओर से डीलर ही उनकी जरूरत और बजट के मुताबिक लोन ऑप्शन बता देते हैं और अमूमन खरीदार उसी आधार पर डील फाइनल कर लेते हैं। लेकिन डीलर के बताने से पहले आपको भी थोड़ी रिसर्च कर लेनी चाहिए। आपको उपलब्ध ऑप्शंस के बारे में जान लेना चाहिए और अपने लिए सही डील का अंदाज खुद लगाना चाहिए।...

आया शेयर बाजार नीचे, खरीद के लिए रहो तैयार

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भारतीय शेयर बाजार में आज वही हुआ जिसकी पहले से ही आशंका थी। बीएसई सेंसेक्‍स आज 282 अंक गिरकर 17491 पर बंद हुआ, हालांकि यह नीचे में 17322 तक चला गया था, जहां अधिकतर निवेशकों की धड़कनें बढ़ गई थी। शेयर बाजार में आई गिरावट के लिए कांग्रेस और वामपंथियों के बीच चल रही शब्‍द लड़ाई को माना जा रहा है। यदि देश मध्‍यावधि चुनाव की ओर मुड़ता है तो साफ है शेयर बाजार को तगड़ी नजर लगेगी। विश्‍लेषकों की बातों पर भरोसा किया जाए तो आज की गिरावट जारी रहेगी। यह अलग बात है कि सेंसेक्‍स को हल्‍के झटके लगे या तगड़े। फिर भी बीएसई सेंसेक्‍स के दो हजार अंक तक घटने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। वाह मनी के पाठक जानते हैं कि हमने दो काफी दिन पहले ही दो स्‍टोरी इस बात पर दी थी कि शेयर बाजार में गिरावट आएगी और आज आठ अक्‍टूबर है और भविष्‍यवाणी सच हुई। हम एक बात और साफ कर देना चाहते हैं कि शेयर बाजार में भले ही भयंकर गिरावट न आए लेकिन मिड कैप और स्‍मॉल कैप में आई ताकत को केवल चार दिन में साफ किया जा सकता है। मध्‍यावधि चुनाव अब कमान बसु के हाथ कांग्रेस और वामपंथियों के बीच चल रहे शब्‍द युद्ध की कमान अब बूढ़े म...

शेयर बाजार को गिराने का इंतजाम कर रहे हैं वामपंथी

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भारत-अमरीका परमाणु करार पर यूपीए के साथ अपनी बैठक से चंद घंटे पहले ही वाम दलों ने एक बार फिर साफ किया कि यदि सरकार करार को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ी तो उससे समर्थन वापस ले लिया जाएगा। बस यही बयान आज भारतीय शेयर बाजार के लिए कारोबार के आखिर समय में घातक हुआ और सेंसेक्‍स गिरकर बंद हुआ। इस बयान से यह तय है कि आने वाले दिन शेयर बाजार के कठिन हो सकते हैं और सेंसेक्‍स नरम पड़ सकता है। इससे पहले भी परमाणु करार पर बवाल मचाकर वामपंथी शेयर बाजार को तगड़ा झटका दे चुके हैं। निवेशकों को हमारी राय है कि यदि वे लांग टर्म निवेशक हैं तो घबराएं नहीं और यदि शार्ट टर्म निवेशक या इंट्रा डे ट्रेडिंग करते हैं तो पूरी तरह सचेत रहें एवं अपने पोर्टफोलियो को हल्‍का करते रहे। एक बड़ी गिरावट के बाद वापस उम्‍दा कंपनियों के शेयर खरीद लें। वाह मनी का मानना है कि वर्ष 2008 की दिवाली के आसपास बीएसई सेंसेक्‍स 25 हजार अंक दिखाई दे तो अचरज नहीं होना चाहिए। सीताराम येचुरी का कहना है कि सवाल यह है कि क्या भारत परमाणु करार को लागू करने की दिशा में आगे बढ़ता है। तब हमें देखना पड़ेगा। यदि सरकार आगे कदम बढ़ाती है तो हम पह...

पावर ग्रिड खरीदो, रखो, खूब मिलेगा पैसा

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पावर ग्रिड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया 5 अक्‍टूबर 2007 को शेयर बाजार में सूचीबद्ध यानी लिस्टिंग होने जा रही है। देश के पावर ट्रांसमिशन में इसका एकाधिकार है और उम्‍मीद की जा रही है कि इसका शेयर कल 82-85 रुपए पर लिस्टिंग होगा। पावर क्षेत्र में यह ऐसा शेयर है जिसे आप शार्ट टर्म और लांग टर्म दोनों के लिए रख सकते हैं और दोनों मोर्चों पर ही पैसा कमाएंगे। वे निवेशक निराश न हों जिन्‍हें पावर ग्रिड कार्पोरेशन के पब्लिक इश्‍यू में शेयर नहीं मिल सके। ऐसे निवेशकों को पावर ग्रिड के शेयर 80 रुपए से नीचे पर खरीदने की सलाह है लेकिन दो से तीन महीने तक इन्‍हें रखने की तैयारी पहले कर लें। वाह मनी ब्‍लॉग की राय में पावर ग्रिड कार्पोरेशन का शेयर जल्‍दी ही तीन अंकों में दिखाई देगा, जैसा कि पावर फाइनेंस कार्पोरेशन में हुआ था। हां, जिन निवेशकों को पब्लिक इश्‍यू में शेयर मिले हैं, वे इसे 95 रुपए पार करने पर बेचकर एक बार मुनाफा वसूली कर सकते हैं। पावर ग्रिड ने इश्‍यू का भाव 52 रुपए प्रति शेयर तय किया जो 44-52 रुपए के प्राइस बैंड का अधिकतम भाव है। आईपीओ के तहत 573932895 शेयर आबंटित किए गए हैं। पावर ग्रिड को एफएंडओ सेग...