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शेयर बाजार में बड़ा चमत्‍कार संभव नहीं

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अमरीकी फेडरल रिजर्व की ब्‍याज दर में 0.75 फीसदी की कटौती से दुनिया भर के शेयर बाजारों में थोड़ी राहत महसूस की गई है लेकिन यह कदम शेयर बाजारों के लिए बड़ा चमत्‍कारी साबित नहीं होगा। भारतीय शेयर बाजार में असली समस्‍या लिक्विडिटी नहीं है बल्कि सेंटीमेंट की है। जब तक निवेशकों के सेंटीमेंट में परिवर्तन नहीं होगा, शेयरों में बड़े सुधार की उम्‍मीद नहीं की जानी चाहिए। हालांकि, इस सेंटीमेंट से उबरने में अभी भी चार से पांच महीने लग सकते हैं। अमरीकी फेडरल रिजर्व की ब्‍याज दर कटौती पर शेयर बाजार में झूमने का यह समय नहीं है बल्कि निवेशकों को आने वाले दिनों में और बुरे समाचार सुनने पड़ सकते हैं। वॉल स्‍ट्रीट में पांचवें नंबर के मुख्‍य निवेश घराने बेयर स्‍टीयर्न्‍स का जिस तरह पतन हुआ है उससे सभी अचंभित है। जेपी मार्गन ने इस घराने को केवल 24 करोड़ डॉलर यानी एक हजार करोड़ रुपए से कम पर खरीद लिया है। इस सौदे के खिलाफ बेयर स्‍टीयर्न्‍स के शेयरधारी अदालत में गए हैं जिनका कहना है‍ कि उन्‍हें पूरी तरह अंधेरे में रखा गया है। अब सिंगापुर स्थित डीबीएस ने अपने ट्रेडर्स को लेहमैन ब्रदर्स के साथ कारोबार नहीं करने

साहसियों के लिए समय है निवेश का

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दुनिया के सबसे अमीर आदमी वारेन बफेट की बात मानें तो शेयर बाजार की गिरावट हरेक को निवेश का मौका देती है जो भविष्‍य में आपको अमीर बनाती है। लेकिन दुनिया भर के शेयर बाजारों में इस समय जो गिरावट आई है उसमें चंद ही ऐसे लोग हैं जो निवेश कर रहे हैं। इसलिए यह भी तय है कि भविष्‍य में चंद ही लोग आपको दुनिया में सबसे अमीर दिखाई देंगे। यह आम कहावत है कि मंदी में शेयर खरीदो और तेजी में बेचो। लेकिन ऐसा कहने वाले भी यह नहीं कर पाते। अमरीकी फैड रिजर्व ने ब्‍याज दर में 0.75 फीसदी और डिस्‍काउंट रेट में भी इतनी ही कमी की है। इससे खबर से अमरीकी शेयर बाजारों में खासा सुधार हुआ। इस उम्‍मीद पर भारतीय शेयर बाजारों को एक बड़े तेज गेप के साथ खुलना स्‍वाभाविक था लेकिन यह ऊंचाई अंत तक कायम नहीं रही और बीएसई सेंसेक्‍स 161 अंक बढ़कर 15 हजार के नीचे ही बंद हुआ। अनेक भारतीय इक्विटी विश्‍लेषक यह कह रहे हैं कि अब मंदी पूरी हो चुकी है और शेयर बाजार फिर से तेजी की ओर मुड़ेगा। लेकिन इसका भरोसा तो खुद अमरीकियों को भी नहीं है। आज भी मार्क फैबर, जिम रोजर्स, जॉर्ज सोरास और वारेन बफेट तक अमरीकी बैंक के इस कदम के बाद यह नहीं कह

सामान्‍य प्रभामंडल से मिलता है लाभ शेयर बाजार में

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गरिमा तिवारी कुछ दिनो से ऐसा लग रहा है कि शेयर बाजार को अब सिर्फ कोई चमत्कार ही बचा सकता है । हर निवेशक अब किसी ना किसी चमत्कार की आशा मे लगा हुआ है। हे! प्रभु अब बहुत हो गया इंतजार, हमारी नैया जल्दी पार लगाओ। चमत्कार के इस सिलसिले मे मै याद दिला दूं कि पिछले लेखों मे मैने औरा हीलींग और पिरामीड हीलींग का जिक्र किया था, जिन दोस्तों ने उन पर अमल किया होगा, अपने बैंक खाते में हुए चमत्कार का अनुभव जरूर कर रहे होंगे। इसके लिए मुझे शुक्रिया कहने की जरूरत नही है, आपके चेहरे पर आई खुशी ही मेरे लिए बहुत होगी। जो बन्धु चमत्कारो के उन सिलसिलो से दूर रह गए होंगे, उन्हें भी निराश होने की जरूरत नहीं है। मै उसी श्रृंखला को एक बार फिर से समझाने की कोशिश कर रही हूं, ताकि आप बिन किसी शक के औरा हीलींग और पिरामीड हीलींग का लाभ उठा सके। वैसे तो आजकल यह दोनों शब्द काफी प्रचलित हैं। बच्चे बूढे सभी इससे लाभ ले रहे हैं, हां बस शेयर बाजार मे इसका उपयोग ब‍हुत कम है, लेकिन वक्त के साथ लोगों मे इसकी जागरुकता जरूर फैलेगी यह मैं यकीन के साथ कह सकती हूं। अब कुछ काम की बाते करें... क्या आप जानते हैं किसी भी क्षेत्र मे

पिरामिड करता है शेयर बाजार में फायदा

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गरिमा तिवारी मार्केट के उतार चढ़ाव मे जब अफ़रा तफ़री का माहौल है, कई निवेशक टूट चुके हैं, किधर जाना है, कहा जाना है क्या करें? समझ में नहीं आ रहा है.. तो निवेशक के सामने चुपचाप किस्मत ठोकने कि सिवाय कोई नया रास्ता नहीं बचता। इस दुखदायी स्थिति से बचने के लिये मै लाई हूं कुछ नए कुछ पुराने तरीके 1. बाजार के बारे मे पूरी जानकारी रोज रखे। मीडिया का भरपूर प्रयोग करें। 2. अपने तरीके से अपने पसंदीदा शेयर की पूरी जानकारी इकट्ठा करें। 3. हर उतार चढ़ाव पर खरीद बेच का भरपूर फ़ायदा उठाएं। 4. अगर आप छोटी अवधि के निवेशक हैं तो भले ही लॉस बुक करें पर अपनी लिक्विडिटी बढ़ाए। 5. मार्केट के उतार मे शार्ट सेल का लुत्फ़ उठाइए। ये सब तो आप जानते हैं तो मै किसलिए आई हूं.. लीजिए मेरे बताने का कारण है.. जो आप नहीं जानते या प्रयोग में नहीं लाते। शेयर मार्केट के साथ पिरामिड का उपयोग चौक गए ना? भला ये भी होता है, शेयर बाजार मे पिरामिड का प्रयोग!!! तो मै कहती हूं कि हां होता है... कैसे? मै बताती हूं। सबसे पहले आप एक हरे रंग का पिरामिड बनवाइए, उसके अन्दर पीले रंग के कागज टुकड़े पर लाल रंग के कलम से अपने अगले महीने क

शेयर बाजार में देखो और प्रतीक्षा करो

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अमरीका में मंदी की बढ़ती जा रही आशंका ने अब समूची दुनिया के बाजारों में अपना रंग दिखाना शुरु कर दिया है। साथ ही भारत-अमरीका के बीच परमाणु संधि को लेकर कांग्रेस व वामपंथियों के बीच खटराग बढ़ने से अगले सप्‍ताह शेयर बाजार की स्थिति और बिगड़ सकती है। ऐसे में निवेशकों के लिए बेहतर होगा कि वे देखो और प्रतीक्षा करो की नीति अपनाए। पिछले सप्‍ताह बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज साढ़े नौ फीसदी और नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज का निफ्टी नौ फीसदी टूटा। शेयर विश्‍लेषकों का कहना है कि बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का बैरोमीटर सेंसेक्‍स अपने स्‍पोर्ट स्‍तर 16100 को तोड़ चुका है। अब सेंसेक्स के लिए अगला समर्थन स्तर जनवरी के निचले स्तर 15300 के करीब है। अगर सेंसेक्स इस स्तर को भी तोड़ कर नीचे जाता है तो बाजार में भारी तबाही मच सकती है। शेयर बाजार में मौजूदा स्थिति अगले तीन से चार महीने तक ऐसी ही बनी रहेगी। हालांकि, लंबी अवधि में भारतीय शेयर बाजार में किया गया निवेश फायदेमंद रहेगा। इस बीच, शेयर बाजार में आंतककारियों का पैसा होने की बात की जांच की संभावना है, हालांकि इस मसले पर सरकार में मतभेद रहे हैं और आतंककारियों का पैसा ल

दलाल स्‍ट्रीट खतरे में !

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भारतीय शेयर बाजार की पहचान दलाल स्‍ट्रीट अब खतरे में है। शेयर बाजार में आई लगातार गिरावट से घट रहे कारोबार की वजह से यह स्‍ट्रीट खतरे में नहीं है क्‍योंकि ऐसे कई उतार चढ़ाव इस स्‍ट्रीट ने अनेक बार देख लिए हैं। लेकिन मुंबई महापालिका के ए वार्ड के कांग्रेसी कार्पोरेटर विजय धुल्‍ला चाहते हैं कि इस स्‍ट्रीट का अब नाम बदल दिया जाए। यदि ऐसा हुआ तो बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेज का पर्याय दलाल स्‍ट्रीट को लोग नक्‍शे में ढूंढते रहेंगे। दलाल स्‍ट्रीट का नाम आते ही लोगों के मन मस्तिष्‍क में शेयर बाजार के टावर का नक्‍शा उभर आता है। मुंबई महापालिका के कांग्रेसी कार्पोरेटर विजय धुल्‍ला की इच्‍छा है कि दलाल स्‍ट्रीट का नाम 25 वर्ष तक यहां ब्रोकर के रुप में काम कर चु‍के नागरमल शराफ गली कर दिया जाए। धुल्‍ला ने दो महीने पहले ए वार्ड की बैठक में नाम बदलने संबंधी जो प्रस्‍ताव रखा उसे उसी दिन पारित करा लिया। उन्‍होंने दो सप्‍ताह पहले इस आवेदन को मुंबई महापालिका के अन्‍य कार्पोरेटरो की अंतिम मुहर लगवाने के लिए भेजी है। सूत्र बताते है कि यह तो एक औपचारिकता है अन्‍यथा आम तौर पर स्‍थानीय वार्ड समिति द्धारा पारित लगभ

हाउसिंग सैक्‍टर की बेरुखी ने डुबोया सीमेंट उद्योग को

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सीमेट उद्योग क्षमता बढ़ने और आवास क्षेत्र की घटी मांग से पीडि़त है। इंडिया इंफोलाइन के एक सर्वे के मुताबिक सीमेंट डीलरों को हाउसिंग सैक्‍टर से मांग के बिगड़े गणित के बावजूद यह भरोसा है कि सीमेंट की मांग आने वाले दिनों में बढ़ेगी। सीमेंट डीलरों का कहना है कि शार्ट टर्म में सीमेंट के दाम सकारात्‍मक धारणा के साथ स्थिर रहेंगे। दक्षिण राज्‍यों, महाराष्‍ट्र, उड़ीसा और छत्‍तीसगढ़ के सीमेंट डीलरों का मानना है कि अगले तीन से छह महीने के दौरान सीमेंट के दाम बढ़ेंगे, जबकि पंजाब, उत्‍तर प्रदेश और उत्‍तरांचल के डीलर कहते हैं कि सीमेंट के दाम गिरेंगे। इंडिया इंफोलाइन की राय में सीमेंट की उत्‍पादन क्षमता बढ़ाने की योजनाएं जारी रहेंगी। खासकर दक्षिण भारत में सीमेंट उत्‍पादन क्षमता बढ़ेगी। ग्रासिम इंडस्‍ट्रीज, अल्‍ट्राटेक सीमेंट, मद्रास सीमेंट, इंडिया सीमेंट और श्री सीमेंट के शेयरों की खरीद की इस रिपोर्ट में सलाह दी गई है। इंडिया इंफोलाइन ने 18 राज्‍यों के 60 सीमेंट डीलरों से बातचीत के आधार पर तैयार अपनी सर्वे रिपोर्ट में कहा है कि पिछले दो महीनों में तेज सर्दी की वजह से कंसट्रक्‍शन गतिविधियां थम गई

रेल ने कमाएं 25 हजार करोड़ रुपए

रेलवे ने वित्त वर्ष 2007-08 में 25 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया जबकि इस दौरान परिचालन लाभ 76 फीसदी रहा है। यह जानकारी रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव ने आज वर्ष 2008-09 के लिए रेल बजट पेश करते हुए दी। रेलवे की यह उपलब्धि कई ‘फॉर्च्युन500’ कम्पनियों से बेहतर है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में दिसम्बर 2007 तक कुल माल भाड़ा आय में 8.2 प्रतिशत और यात्री टिकट से आय में 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2007-08 में माल ढुलाई में 23.3 करोड़ टन का इजाफा हुआ है। 2007-08 में माल ढुलाई में 14,000 हजार करोड़ रुपए की अतिरिक्त कमाई हुई है। 2008-09 में 79 करोड़ टन माल ढुलाई का लक्ष्य। माल भाड़े से 2007-08 में 33,427 करोड़ रुपए की कमाई हुई। दो साल में 6000 एटीवीएम होंगे। टिकट काउंटर पर लगने वाली भीड़ दो साल में खत्म करन का वादा। यात्री किराए कमाई में 14 फीसदी की वृद्धि हुई है। रेल बजट 2008-2009 हिंदी में पूरा पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

शेयर बाजार में बड़ी हलचल संभव

भारतीय शेयर बाजार में इस सप्‍ताह बड़ी हलचल रहने की पूरी पूरी संभावना है क्‍योंकि 25 फरवरी से शुरु हो रहे सप्‍ताह में रेल बजट, आर्थिक सर्वे और आम बजट पेश होगा। इस सप्‍ताह शेयर बाजार के खिलाडि़यों का पूरा ध्‍यान नई दिल्‍ली की ओर लगा रहेगा कि वहां से किस तरह की घोषणाएं होती हैं। मौजूदा केंद्र सरकार का यह आखिरी आम बजट है, जिसमें लोक लुभावन वादे होने की अधिक संभावना है ताकि अगले आम चुनाव में जीत हासिल की जा सके। भारतीय शेयर बाजार पर इस सप्‍ताह नई दिल्‍ली में होने वाली घोषणाओं का असर दिखाई देगा लेकिन हमारे शेयर बाजार काफी समय से अमरीकी और एशियाई शेयर बाजारों का अनुसरण कर रहे हैं जिससे यहां घोषित होने वाली सकारात्‍मक घोषणाओं का कुछ समय तो असर रह सकता है लेकिन सारी चाल अमरीकी एवं एशियाई बाजारों के रुझान पर निर्भर करेगी। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स के इस सप्‍ताह 18180 से 16647 और निफ्टी के 5348 से 4905 अंक के बीच घूमते रहने की संभावना अधिक है। तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि बीएसई सेंसेक्‍स के लिए इस सप्‍ताह 18274-18509 का रेसीसटेंस अहम है। यदि बाजार इस स्‍तर क

...तो तेजडि़यों के हाथों में होगा शेयर बाजार

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भारतीय शेयर बाजार को चमत्‍कार की जरुरत...पिछले सप्‍ताह हमने शेयर बाजार के लिए यही कहा था और वास्‍तव में यही हुआ कि बुधवार से शुक्रवार यानी 13 से 15 फरवरी के बीच बीएसई सेंसेक्‍स 1500 अंक से ज्‍यादा उछला। हालांकि, अभी भी शेयर बाजार मंदडि़यों की पकड़ से छूटा नहीं है। बीएसई सेंसेक्‍स आज 18 फरवरी से शुरु हो रहे सप्‍ताह में 19 हजार अंक को पार कर बंद होता है तो यह फिर से तेजडि़यों के हाथ में चला जाएगा। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्‍स इस सप्‍ताह हालांकि 18930 से 17523 और निफ्टी 5540 से 5123 अंक के बीच घूमते रहने की संभावना अधिक है। तकनीकी विश्‍लेषक हितेंद्र वासुदेव का कहना है कि बीते सप्‍ताह सेंसेक्‍स ने 18142 की ऊंचाई को छूआ जो 17580 के स्‍तर से ऊपर है और अब नए स्‍तर जो देखने लायक होंगे वे 18274 से 18968 होंगे। सेंसेक्‍स के पुल बैक लेवल 18274, 18834 और 19395 अंक दिख रहे हैं। सेंसेक्‍स के लिए लोअर टॉप 18895 है। सेंसेक्‍स साप्‍ताहिक ब्रेकआउट होकर 19 हजार अंक से ऊपर बंद होता है तो यह मंदडि़यों की पकड़ से बाहर हो जाएगा। साप्‍ताहिक बंद शुक्रवार को 19 हजार से ऊपर होना चाहिए। बेहतर से

शेयर बाजार में लौटी चमक कायम रहेगी !

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हितेंद्र वासुदेव बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह 17427।34 अंक पर खुला और नीचे में 16457.74 अंक तक आया। लेकिन बाद में यह सुधरकर ऊपर में 18142.92 अंक तक गया और बंद हुआ 18115.25 अंक पर। इस तरह साप्‍ताहिक आधार पर सेंसेक्‍स में 714 अंक की तेजी देखी गई। सेंसेक्‍स के 16457 से 18142 अंक तक का सफर उम्‍मीद की किरण दिखाता है लेकिन अभी इसके ऊपर बने रहने के लिए कई चीजों की जरुरत दिख रही है। अगले सप्‍ताह में रेसीसटेंस गेप 18274 से 18509 है जो शेयर बाजार के लिए खास महत्‍व रखता है। दैनिक चार्ट में ट्रेंड लाइन 21206 और 20985 पर बनाने पर रेसीसटेंस 18300 अंक पर दिखती है जिससे पता चलता है कि गेप 18274 से 18509 पर है। बीते सप्‍ताह सेंसेक्‍स ने 18142 की ऊंचाई को छूआ जो 17580 के स्‍तर से ऊपर है और अब नए स्‍तर जो देखने लायक होंगे वे 18274 से 18968 होंगे। सेंसेक्‍स के पुल बैक लेवल 18274, 18834 और 19395 अंक दिख रहे हैं। सेंसेक्‍स के लिए लोअर टॉप 18895 है। सेंसेक्‍स साप्‍ताहिक ब्रेकआउट होकर 19 हजार अंक से ऊपर बंद होता है तो यह मंदडि़यों की पकड़ से बाहर हो जाएगा। साप्‍ताहिक बंद शुक्रवार को 19

औरा हीलींग संभाल लेगा आपको शेयर बाजार में

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गरिमा तिवारी शेयर बाजार में इन दिनों चल रही उथल पथल के कारण हर निवेशक परेशान है, बाजार का कुछ भरोसा नही, कब लाल या कब हरा॥ इस कड़ी मे मै खुद परेशान हो रही थी। सच कहूं तो मुझे ऐसा लगने लगा कि कहां हीलर थी, काम भी अच्छा खासा चल रहा था, और अब ये कहा फंस गई। इसी सोच मे थी कि एक क्लाईंट औरा रीडींग के लिए आया, उस को कलर यानी रंगों के बारे मे समझा रही थी, तभी खुद मेरे समझ मे आया कि अरे, शेयर बाजार हीलींग का असर क्‍यूं ना देखा जाए। दरअसल, प्रभामंडल मे बाहरी स्तर पर हरा और उसके बाद लाल रंग का होना व्यवसाय के लिए अच्छा होता है, जिस किसी भी व्यवसायी के प्रभामंडल मे इन रंगों की कमी होती है, उसके व्यवसाय के घाटे में जाने कि स्थिति उत्पन्न होने लगती है। कारण कि हरा रंग धन, वृद्धि, भाग्य आदि का प्रतीक है, और लाल रंग शौर्य, पराक्रम, और ताकत का प्रतीक है। हरा रंग जहां भाग्योदय में काम करता है, लाल रंग उसका साथ देकर भाग्य को मजबूत बनाता है। ऐसे योग के बाद इंसान भाग्य के पीछे नहीं बल्कि भाग्य इंसान के पीछे भागता है, और सभी तरह की विषम परिस्थितीयो में साथ देता है, संतुलित रखता है, और आगे बढ़ाता है। लाल रंग

शेयर बाजार में सुधार 18 फरवरी से

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शेयर बाजार में पिछले कई दिन से लगातार गिरावट आ रही है। ऐसे में शेयर बाजार के बड़े बड़े से खिलाडियों की सांसें ऊंची-नीची होना स्‍वाभाविक है लेकिन इस बार की गिरावट ने निवेशकों के बहुत बड़े वर्ग को प्रभावित किया है। सोमवार को बसंत पंचमी जो कि मां सरस्‍वती का विशिष्‍ट दिन और अबूझ मुहूर्त है, के दिन रिलायंस पावर का आईपीओ लिस्‍टेड हुआ और औंधे मुंह गिर पडा। अनिल अंबानी और रिलायंस में निवेश करने वाले लाखों लोगों को उम्‍मीद थी कि अब तक का सबसे बडा आईपीओ बाजार को भी सुधार देगा लेकिन भावनाओं के सामूहिक ह्रास का नतीजा यह हुआ कि लोगों का विश्‍वास डगमगा गया है। किसी एक व्‍यक्ति की कुण्‍डली में मंगल के रोल के बारे में पहले बता चुका हूं लेकिन पूरे बाजार के सेंटीमेंट के बारे में बताने के लिए मण्‍डेन देखना होगा। यानि ग्रहों और नक्षत्रों की सार्वभौम स्थिति। मुझसे शेयर बाजार से जुडे एक सज्‍जन ने पूछा कि आगामी दो महीने में शेयर बाजार की क्‍या स्थिति रहेगी। इसी सवाल को मैंने प्रश्‍न का रूप दिया और प्रश्‍न कुण्‍डली बनाई। यह कुण्‍डली 12 फरवरी सुबह 12-17-58 बजे की है। इसमें वृष लग्‍न है और लग्‍न का अधिपति शुक

शेयर बाजार में मंगल का रोल !

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शेयर बाजार का सीधा संबंध मंगल से है। किसी व्‍यक्ति विशेष की कुण्‍डली में मंगल की सकारात्‍मक स्थिति उसे शेयर बाजार में लाभ दिलाती है। बारह भावों में से पांचवा भाव प्रारब्‍ध से जुड़ा होता है। पूर्व जन्‍म के कर्म हमें इस जन्‍म में अनायास लाभ दिलाते हैं। पांचवें भाव के साथ मंगल का साथ होने पर हौंसला और भाग्‍य आपस में जुड़ जाते हैं। इस तरह शेयर बाजार के उतार चढ़ाव के बीच द्वीप की तरह खड़ा व्‍यक्ति आसानी से प्रेशर को झेल जाता है और उम्‍मीद के मुताबिक धन कमाता है। किसी व्‍यक्ति की कुण्‍डली में शेयर बाजार से पैसा कमाने का योग है अथवा नहीं यह देखने के लिए पहले उसके पांचवें भाव के सब लार्ड को देखने की आवश्‍यकता होती है। पांचवें भाव का सबलार्ड किसी भी तरह से मंगल से संबंध बनाता हो तो समझ लीजिए कि शेयर बाजार का काम किया जा सकता है। इसके बाद नंबर आता है बाजार में टिके रहने का। इसके लिए जरूरी है कि जातक का सूर्य भी मजबूत हो यानि सूर्य लग्‍न, पांचवें या मंगल से अच्‍छी तरह संबंधित हो तो ऐसा व्‍यक्ति पूरे भरोसे के साथ अंत तक बाजार में टिका रहता है । एक दिन में कई बार सौदे करने वाले लोगों के लिए चंद्रम

शेयर बाजार को चमत्‍कार की जरुरत

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भारतीय शेयर बाजार अभी भी संभल नहीं पाया है और एक दिन की बढ़त जहां निवेशकों में आस दिखाती है वहीं दूसरे दिन की मंदी उन्‍हें अपने निवेश के बारे में फिर से सोचने पर मजबूर कर देती है। हालांकि, भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के जो आंकड़ें हाल में सामने आए हैं वे चिंताजनक नहीं है लेकिन बढ़ती मुद्रास्‍फीति को थामना कठिन नजर हो गया है। शेयर बाजार के बजट तक ही स्थिर होने की उम्‍मीद की जा सकती है लेकिन इसे ऊपर उठाने के लिए किसी चमत्‍कार की जरुरत है जिसका सभी निवेशक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। शेयर बाजार में चल रही गिरावट की वजह से प्राइमरी बाजार को भी तगड़ा झटका लगा है। जिसकी वजह से जुलाई 2006 के बाद पहली बार किसी कंपनी को अपने पब्लिक इश्‍यू को वापस लेने पर विवश होना पड़ा। वोकहार्ट हॉस्पिटल के बाद रीयल इस्‍टेट दिग्गज कंपनी एमार एमजीएफ को भी अपने आईपीओ को कमजोर समर्थन की वजह से वापस लेना पड़ा। फर्स्ट ग्लोबल के शंकर शर्मा का कहना है कि निवेशकों को डर है कि आईपीओ के शेयर बीएसई और एनएसई में लिस्टेड होने पर मंदी की चपेट में न आ जाएं। इसलिए वे ज्यादा प्राइस बैंड वाले आईपीओ से बच रहे हैं। निवेशकों का मूड देख

रुचि सोया : सॉलिड स्‍टॉक

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घरेलू खाद्य तेल कंपनी के शेयरों में जब निवेश की बात आती है तो सभी निवेशकों के दिमाग में रुचि सोया का नाम सबसे पहले उभर आता है। इस कंपनी के कार्य प्रदर्शन और सही योजना ने निवेशकों को हमेशा अपनी ओर खींचा है। रुचि सोया ने हाल में अपने तिमाही नतीजे घोषित किए हैं। अक्‍टूबर से दिसंबर 2008 की तिमाही में कंपनी की शुद्ध बिक्री 3196.6 करोड़ रुपए रही जिस पर शुद्ध लाभ 59.5 करोड़ रुपए रहा। जबकि, अक्‍टूबर से दिसंबर 2007 की तिमाही में शुद्ध लाभ 37.5 करोड़ रुपए और शुद्ध बिक्री 2853.4 करोड़ रुपए थी। यानी चालू तिमाही में शुद्ध बिक्री में पिछली समान तिमाही की तुलना में 12 फीसदी और शुद्ध मुनाफे में 59 फीसदी की बढ़ोतरी। जबकि, इन नतीजों को अप्रैल से दिसंबर 2007 के नौ महीनों में संदर्भ में देखें तो शुद्ध बिक्री 7519.2 करोड़ रुपए और शुद्ध लाभ 119.7 करोड़ रुपए रहा। जबकि, पिछले साल समान अवधि में शुद्ध बिक्री 5536 करोड़ रुपए एवं शुद्ध लाभ 66.5 करोड़ रुपए था। नौ महीनों में शुद्ध बिक्री 36 फीसदी एवं शुद्ध लाभ में 80 फीसदी का इजाफा हुआ है। रुचि सोया ने सरसों, बिनौला और राइस ब्रान तेलों के रिटेल बाजार में बड़े पैमा

शेयर बाजार में सब कुछ नेगेटिव नहीं

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भारतीय शेयर बाजार जिस मंदी की मार झेल रहे हैं वह खतरा अभी पूरी तरह खत्‍म नहीं हुआ है। अमरीकी फैड रिजर्व ने आनन फानन में ब्‍याज दरों में कटौती कर शेयर बाजार को बुरी तरह टूटने से थामने की कोशिश जरुर की लेकिन सबप्राइम के नतीजों पर इससे वास्‍तव में ब्रेक नहीं लगाया जा सकता। भारतीय रिजर्व बैंक की इस सप्‍ताह मौद्रिक नीति पर बैठक होने जा रही है और उम्‍मीद है कि 25 बेसिक अंक की ब्‍याज दर में कमी की जा सकती है। यह कमी होती है तो भारतीय शेयर बाजार के लिए यह एक अच्‍छी खबर होगी। भारतीय शेयर बाजार में बीते सप्‍ताह जो मंदी के झटके लगे, उसके बारे में हमने दिसंबर में ही कह दिया था कि विदेशी संस्‍थागत निवेशक अब पहले से अधिक समझदार है और जो निवेशक यह मानते हैं कि जनवरी में नया पैसा लाकर विदेशी निवेशक हमसे महंगे स्‍टॉक खरीद लेंगे, गलत साबित होंगे और बाजार जनवरी को दूसरे सप्‍ताह में ढ़ेर हो जाएगा। शेयर बाजार की मौजूदा मंदी अमरीका में सबप्राइम का असली नतीजा है। इससे यह तो साफ है कि अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में घटने वाली हर घटना का हमारे शेयर बाजार पर असर जरुर पड़ेगा। यही वजह रही कि 21 और 22 जनवरी की गिरावट ने

शेयर बाजार की नजरें रिजर्व बैंक पर

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शेयर बाजार के खिलाडि़यों की नजरें अब भारतीय रिजर्व बेंक पर लगी हैं। भारतीय रिजर्व बैंक कल यानी 29 जनवरी 2008 को अपनी मौद्रिक नीति घोषित करेगा। इस नीति में उम्‍मीद की जा रही है कि बैंक ब्‍याज दरों में 25 से 50 बेसिस अंक की कमी करें। इस कदम से न केवल वैश्विवक मंदी के माहौल में हालात अच्‍छे करने का मौका मिलेगा बल्कि घरेलू मांग में बढ़ावा होगा। भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर और कर्ज दरों में आखिरी कटौती मार्च 2004 में की थी। जबकि बैंक जून 2006 से पिछले मार्च तक पांच बार इसमें बढ़ोतरी कर चुका है। कारोबारियों का कहना है कि ब्‍याज दरें अपने उच्‍च स्‍तर पर पहुंच चुकी हैं और इससे औद्योगिक विकास पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। सकल घरेलू विकास दर को 8.6 फीसदी बनाए रखने के लिए अर्थव्‍यवस्‍था को मौद्रिक नीति के स्‍पोर्ट की जरुरत है। उल्‍लेखनीय है कि अमरीकी फैड रिजर्व बैंक 22 जनवरी को आनन फानन में ब्‍याज दरों में 75 बेसिस अंकों की कमी कर चुका है और यह माना जा रहा है कि 29-30 जनवरी को होने वाली बैठक में अर्थवयवस्‍था में कमजोरी दिखने पर ब्‍याज दर में और कटौती कर सकता है। ब्‍याज दर में कटौती को लेकर कोई भी

दलाल स्‍ट्रीट में नागा साधुओं का शाही स्‍नान

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मेरा भारत महान के सबसे बड़े शेयर बाजार की बिल्डिंग के एक दरवाजे पर लगे भोलेनाथ के नंदी यानी लोकल भाषा के सांड को जब से हटाने की मांग हो रही है, हम भी अंतिम दर्शन करने वहां पहुंच गए कि ऐसा क्‍या खास है कि इस नंदी महाराज में कि शेयर बाजार के गेट पर खड़े होते ही सुपरसोनिक विमान पर बैठी तेजी को जमीन सूंघा दी। तेजी के सारे तारों ने जैसी ही जमीन सूंघी, सारे निवेशकों को भी नंदी महाराज के मालिक भोलेनाथ का सांप सूंघ गया। नंदी महाराज के अंतिम दर्शन करने हम उनके पास पहुंचे। शीश नवाया कि हे सांड महाराज हमारे शेयरों पर अपने सींग मत मार देना नहीं तो हम कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं बचेंगे। जिस बैंक से पर्सनल लोन लिया है, जिन पहचान वालों से एक का दो करने के बहाने रोकड़ा लेकर कमीशन देने का वादा किया है, वे हमारी बनियान और चड्डी तक उतार लेंगे। यह प्रार्थना कर ही रहे थे कि देखा तेजी तो दलाल स्‍ट्रीट में पानी बगैर मछली की तरह छटपटा रही थी और नंदी महाराज दे सींग पर सींग मारे जा रहे थे। हमने कहा बम भोले...ये क्‍या कर दिया नंदी महाराज। आपकी पहचान तो इस तेजी से है और आपने तो इसे ही हलाल कर दिया। नंदी महाराज चु

बड़ी बिल्डिंग गिराती है शेयर बाजार !

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शेयर बाजार में जब भी बड़ी गिरावट आती है तो ऑपरेटर, पंटर, निवेशक और ज्‍योतिष सभी इसके अलग अलग कारण देने लग जाते हैं। भले ही गिरावट के वास्‍तविक कारण दूसरे ही हों। दुनिया भर के शेयर बाजारों में आई नरमी से क्‍या मनुष्‍य का अहम या अभिमान जुड़ा हुआ है। यह कारण सत्‍य है या नहीं लेकिन जर्मनी के डयूश बैंक ने अपनी एक रिसर्च रिपोर्ट में कुछ इसी तरह की बात कही है। इस बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक जब भी दुनिया में सबसे ऊंची बिल्डिंग बनाई जाती है, शेयर बाजार औंधे मुंह आ गिरते हैं। वर्ष 1929 में अमरीका में आई महामंदी से कुछ दिन पहले ही वहां गगनचुंबी इमारत एम्‍पयार इस्‍टेट बनाई गई थी। इसके बाद 1974 की मंदी से पहले शिकागो में सीएर्स टावर और न्‍यूयार्क का वर्ल्‍ड ट्रेड सेंटर बना। वर्ष 1997 में मलेशिया में पेट्रोनॉस टावर का निर्माण कार्य पूरा हुआ और इसी के साथ एशियाई शेयर बाजार ढह गए। ईश्‍वर जिसका संहार करना चाहता है उससे पहले उसे अभिमानी बना देता है। ग्रीक नाटय लेखक यूरिपिडी ने कई सदियों पहले यह बात कही थी। हो सकता है उन्‍होंने यह बात भविष्‍य के कारोबारियों को ध्‍यान में रखकर कही हो। दुबई में पिछले दो सा