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शेयर बाजार के लिए नेगेटिव खबरों का अंबार

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महंगाई दर 11.62 फीसदी के साथ 13 साल के उच्‍च शिखर पर, क्रूड 145 डॉलर प्रति बैरल पार और अब 170 डॉलर की ओर बढ़ने की तैयारी, भारत-अमरीका परमाणु करार पर यूपीए सरकार का भविष्‍य खतरे में, भारतीय रुपया डॉलर की तुलना में तेजी से कमजोर, विदेशी संस्‍थागत निवेशकों की लगातार बिकवाली जैसी नकारात्‍मक खबरें शेयर बाजार का पीछा नहीं छोड़ रही हैं। शेयर बाजार के लिए निकट भविष्‍य में कोई बड़ा सकारात्‍मक कारक उभरकर सामने आने की संभावना कम है। सब प्राइम के बाद अभी भी दुनिया के अनेक बैंकरों और निवेश फंडों के मुश्किल से उबरने में असमर्थ होने की खबरें बाजार के लिए अच्‍छी नहीं हैं। अमरीका के बाद यूरोप की बैंकों को 141 अरब डॉलर जुटाने की जरुरत, कमोडिटी के बढ़ते विश्‍व व्‍यापी भाव इस मंदी को बढ़ाने का काम कर रहे हैं। घरेलू मोर्चे पर सरकार अर्थव्‍यवस्‍था को पटरी पर लाने के अनेक प्रयास कर रही है ताकि अगले वर्ष होने वाले आम चुनावों में जीत हासिल की जा सके लेकिन क्रूड के बढ़ते दाम और चढ़ती महंगाई दर ने सरकार के हर प्रयास को विफल कर दिया है। भारतीय रिजर्व बैंक को इस बीच, रेपो रेट और सीआरआर में जो बढ़ोतरी करनी पड़ी है

शेयर बाजार में राहत की आस नहीं

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देश में मानसून का पहला राउंड बेहतर रहने के बावजूद अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर क्रूड के अभी भी 134 डॉलर प्रति बैरल पर टिके होने से शेयर बाजार का मूड ठीक नहीं है। क्रूड के दाम जब तक 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे नहीं आते दुनिया भर की अर्थव्‍यवस्‍था की हालत खासकर बढ़ती महंगाई दर पर लगाम नहीं लगेगी जिससे शेयर बाजारों में बड़े सुधार की आशा भी नहीं रखी जानी चाहिए। पिछले सप्‍ताह भी हमने कहा था कि शेयर बाजार में बड़ी रिकवरी के मौके कम है और अभी यही हालत है। गोल्‍डमैन सेश के बाद मोर्गन स्‍टेनली ने भी 4 जुलाई तक क्रूड के दाम निकट भविष्‍य में 150 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की भविष्‍यवाणी की है। इस भविष्‍यवाणी के बाद क्रूड के दाम 15 से 17 डॉलर बढ़े हैं और ये घटने का नाम नहीं ले रहे। अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने भी क्रूड के दाम ऊंचे रहने के साथ भारत सहित अनेक विकासशील देशों की इसमें जोरदार मांग बने रहने की बात कही है। इक्विटी विशेषज्ञों की राय में क्रूड के दाम 120 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आने पर ही शेयर बाजारों में सुधार के संकेत दिखेंगे। इस बीच, भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट जरुर बढ़ा दी है लेकिन बढ़ती

शेयर बाजार सीमित रेंज में

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केरल राज्‍य में मानसून का समय पर आगमन, क्रूड के घटे दाम शेयर बाजार के लिए अच्‍छे संकेत हैं लेकिन, बढ़ती महंगाई दर को रोकना सरकार के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है। हालांकि, घरेलू विकास दर (जीडीपी) का नौ फीसदी पहुंचना यह बताता है कि सरकार की प्राथमिकता में महंगाई दर की बजाय विकास दर है। शेयर बाजार में बड़ी तेजी का इस समय कोई कारक नहीं है और यह सीमित रेंज में ऊपर नीचे होता रहेगा जो 16300 से 17500 अंक की रहेगी। लेकिन साल के अंत तक सेंसेक्‍स 19500 से 21000 अंक की ओर बढ़ सकता है। शेयर बाजार इस समय दिशाहीन जैसा है। दो दिन तेजी और एक दिन गिरावट की स्थिति में निवेशक यह तय नहीं कर पा रहे कि वे क्‍या करें। ऐसे में निवेशकों को बेहतर फंडामेंटल वाले सस्‍ते मिल रहे शेयरों में निवेश करना चाहिए। जिन कंपनियों के दाम 50 फीसदी घटने के अलावा कार्य नतीजे घटिया आए हों उनमें से निवेशकों को निकल जाना चाहिए। इस समय नीचे पीई वाले और अगले दो वर्ष में बेहतर प्रतिफल दे सकने वाले शेयरों में निवेश करना चाहिए। केंद्र सरकार पर तेल कंपनियों के बढ़ते घाटे को रोकने का जोरदार दबाव है। सरकार आने वाले दिनों में पेट्रोल के दा

शेयर बाजार दिशाहीन नहीं

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हितेंद्र वासुदेव बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह 16468.32 अंक पर खुला और ऊपर में 16666.03 अंक तक गया और नीचे में 16196 अंक आया। अंत में यह 16415.57 अंक पर बंद हुआ जो साप्‍ताहिक आधार पर 249 अंक की शुद्ध नरमी दिखाता है। शेयर बाजार में पिछले सप्‍ताह मंदडिएं हावी रहे। हमने बाजार को कमजोर और संघर्ष करते देखा और तीन कारोबारी दिन यह 16200 के स्‍तर से ऊपर रहा। नकारात्‍मक फ्लो होने के बावजूद सेंसेक्‍स 16200 से ऊपर जमे रहने में कामयाब रहा है। शेयर बाजार के दैनिक चार्ट को देखें तो पता चलता है कि सेंसेक्‍स 16667 अंक के ऊपर बंद होता है तो यह बढ़कर कम से कम 17125 अंक तक जा सकता है। लेकिन यदि इसमें पर्याप्‍त गिरावट आती है और यह 16185 अंक के नीचे बंद होता है तो यह कम से कम 15715 अंक तक जा सकता है। अगले सप्‍ताह सेंसेक्‍स का यह तय होगा कि यह 16667 से ऊपर जाता है या फिर 16185 अंक से नीचे आता है। कुल मिलाकर सेंसेक्‍स 17736 अंक से ऊपर बंद होता है तो इसकी रेंज 17736-18300 अंक रह सकती है। साप्‍ताहिक रेसीसटेंस 16666 अंक और 17125 अंक रहेगा। साप्‍ताहिक स्‍पोर्ट 16185 और 15715 अंक रहेगा। सेंस

निवेशक तैयार रहें प्रतिकूल स्थिति के लिए

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भारतीय शेयर बाजार की अगली चाल क्रूड, डॉलर और मानसून पर निर्भर रहने की बात हमने पिछले सप्‍ताह कही थी और अभी भी ये कारक ही बाजार पर हावी हैं। इस बीच, कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की जीत ने लोकसभा चुनाव जल्‍दी होने की अटकलों पर विराम लगा दिया है। लेकिन भाजपा के लिए दक्षिण के खुले द्धार का शेयर बाजार पर भी असर दिखाई देगा। अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम 135 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गए हैं जो यह संकेत देते हैं बाजार गोल्‍डमैन शैश की उस भविष्‍यवाणी की ओर बढ़ रहा है जहां उसने क्रूड के दाम 141 से 200 डॉलर प्रति बैरल पहुंचने की बात कही थी। यदि ऐसा हुआ तो शेयर बाजार सहित समूची अर्थव्‍यवस्‍था पर प्रतिकूल असर देखने के लिए निवेशकों को तैयार रहना होगा। क्रूड के बढ़ते दाम से समूची दुनिया के शेयर बाजार इस समय एक बार फिर मंदी की चपेट में आ गए हैं। बीच बीच में आने वाली गर्मी स्‍थाई नहीं बन पा रही है जिसकी वजह से इस समय शेयर बाजार की दिशा भ्रामक है। ऐसी स्थिति में निवेशकों को लंबी अवधि के निवेश के बजाय बेहद छोटी अवधि या दैनिक कारोबार पर ध्‍यान देना चाहिए। लंबी अवधि के निवेश के लिए लोकसभा चुनाव क

शेयर बाजार मंदडि़यों के हाथों में

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर मंदडि़यों की पकड़ में है। पिछली 9 मई को बनी इंगुलफिंग बीयर कैंडल स्टिक पैटर्न से ही यह पता चला गया था। इसे पैटर्न में शेयर बाजार में एक बार चढ़ाव का समय आता है लेकिन कुछ ही समय में स्थिति बदल जाती है। यह पैटर्न बताता है कि शेयर बाजार पर मंदडि़ए मजबूती से हावी है जिससे बीएसई सेंसेक्‍स में जल्‍द ही बड़ी तेजी की संभावना नहीं है। हालांकि, आने वाले दिनों में सेंसेक्‍स वापसी की कोशिश देखी जा सकती है। 16 मई 2008 को समाप्‍त सप्‍ताह में सेंसेक्‍स ने मंदी के इस पैटर्न से उबरने की कोशिश की थी। लेकिन 9 मई को जो कै‍डल स्टिक पैटर्न बना था उसे अब तक पार नहीं पाया जा सका है। सेंसेक्‍स को स्‍पोर्ट 16546 - 16481 अंक पर मिलेगा। यदि सेंसेक्‍स गिरता है और 16481 अंक के नीचे बंद होता है तो 21206 से 14677 अंक गिरने के बाद होने वाली वापसी को फिलहाल भूल जाना चाहिए। 23 मई 2008 को समाप्‍त सप्‍ताह में बीएसई सेंसेक्‍स 17366.05 अंक पर खुला और ऊपर में 17367.13 अंक तक गया। यह नीचे में 16626.11 अंक आया। अंत में सेंसेक्‍स 16649.64 अंक पर बंद हुआ। साप्‍ताहिक आधार पर

क्‍या ऊपरी स्‍तर पर टिक पाएगा सेंसेक्‍स ?

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार बीएसई का सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह 16641.45 अंक पर खुला और नीचे में 16546.55 अंक तक गया। लेकिन जल्‍दी ही रिकवर होकर 17497.36 अंक के स्‍तर पर पहुंच गया और 17434.94 अंक पर बंद हुआ। इस तरह साप्‍ताहिक आधार पर इसमें 686 अंक की तेजी देखी गई। 20 मई से शुरु हो रहे नए सप्‍ताह की बात की जाए तो बीएसई सेंसेक्‍स का साप्‍ताहिक रेसीसटेंस 17600-17773 अंक पर होगा। साप्‍ताहिक स्‍पोर्ट 17159-16821- 16546 अंक पर मिलेगा। यदि सेंसेक्‍स यहां गिरता है और साप्‍ताहिक बंद 16546 अंक आता है तो पिछले सप्‍ताह शेयर बाजार में बना गर्मी का मूड एक बार फिर‍ बिगड़ सकता है। सेंसेक्‍स वेव विश्‍लेषण वेव I-2594 से 3758 वेव II-3758 से 2904 वेव III-इंटरनल्‍स इस तरह: वेव 1- 2904 से 6249 वेव 2-6249 से 4227 वेव 3-4227 से 12671 वेव IV- 12671 से 8799 वेव V- 8799 से 21206 वेव A-21206 से14677 वेव B-14677 से 17735 वेव C- 17735 से 17434 (इस समय प्रगति पर) इंटरनल्‍स ऑफ वेव C वेव i- 17735 से 16546 वेव ii-16546 से 17497 (इस समय प्रगति पर) यदि सेंसेक्‍स 17735 अंक की ऊंचाई को पार देता है तो यह वेव काउं

शेयर बाजार की दौड़ पर लगा ब्रेक

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार की चल रही बढ़त को पिछले सप्‍ताह झटका लगा। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज का सेंसेक्‍स 17687 अंक पर खुला और ऊपर में 17735.70 अंक तक गया और नीचे में 16678.94 अंक तक गया। अंत में सेंसेक्‍स 16737.07 अंक पर बंद हुआ। इस तरह साप्‍ताहिक आधार पर सेंसेक्‍स में 862 अंक की नरमी आई। तकनीकी चार्ट जो स्थिति बना रहा है उसके मुताबिक यदि सेंसेक्‍स ने जल्‍दी 17735 अंक को पार नहीं किया तो शेयर बाजार में खासी गिरावट देखने को मिल सकती है। शेयर बाजार के लिए पिछले सप्‍ताह हमने बताया था कि यदि सेंसेक्‍स 16978 अंक के नीचे बंद होता है तो शेयर बाजार की बढ़‍त खत्‍म हो सकती है। अब जो संकेत मिल रहे हैं उनके मुताबिक 14677 से 17735 अंक की जो बढ़त आई वह समाप्‍त होती दिख रही है। यहां से शेयर बाजार में और गिरावट आती है तो शेयर बाजार की परीक्षा 17735 अंक ऊंचाई पर होगी और यह पार करता है तो नया ऊपरी स्‍तर देखने को मिलेगा अन्‍यथा नया निचला स्‍तर। इन दोनों स्थितियों में बाजार का लुढ़कना ही दिखेगा। यह स्थिति तत्‍काल होगी या बाद में लेकिन होगी जरुर। साप्‍ताहिक रेसीसटेंस 17050-17422-17735 अंक

शेयर बाजार पर दुनिया का पहला हिंदी पोर्टल मोलतोल डॉट इन

मोलतोल डॉट इन www.moltol.in शेयर बाजार और कारोबार जगत पर दुनिया की पहली हिंदी वेबसाइट आज 7 मई 2008 को लांच हुई। देश में अब तक पूंजी बाजार और निवेश पर अंग्रेजी में अनेक वेबसाइट मौजूद हैं लेकिन देश के एक बड़े हिंदी भाषी निवेशक वर्ग को बरसों से हिंदी की वेबसाइट का इंतजार था जो अब खत्‍म हो गया है। मोलतोल के कार्यकारी शुभम शर्मा का कहना है कि इस वेबसाइट पर शेयर बाजार के हर पहलू की ऐसी जानकारी है जिसे आम निवेशक जानना चाहता है। सूचनाओं और उनसे समृद्ध होने का खजाना है यहां। मोलतोल डॉट इन आम आदमी को ऐसी सूचनाएं देने का प्रयास है जिससे वह वित्तीय रुप से मजबूत बनने के साथ देश को भी आर्थिक महासत्ता बनाने में अपना योगदान दे सकता है। असल में इस वेबसाइट का उद्देश्‍य आम आदमी की आर्थिक ताकत बढ़ाना है। मोलतोल डॉट इन में शेयर बाजार, बिजनेस जगत की ताजा खबरों से लेकर दिग्‍गज संस्‍थागत निवेशकों की राय, उनसे बातचीत, पब्लिक इश्‍यू, म्‍युचुअल फंड, पूंजी बाजार पर खास फीचर और आर्थिक व्‍यंग्‍य के साथ शेयर बाजार की हस्तियों के इंटरव्‍यू, निवेश से जुड़े सवाल-जवाब और कमोडिटी बाजार का हाल हैं। साथ में है रेडियो दला

सेंसेक्‍स की चढ़ाई में है दम

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हितेंद्र वासुदेव भारतीय शेयर बाजार के इंडेक्‍स में फिर से जो गर्मी दिखाई दे रही है उससे पता चलता है आने वाले दिनों में बीएसई सेंसेक्‍स और एनएसई निफ्टी में दम बना रहेगा। बीएसई सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह 17251.56 अंक पर खुला ओर नीचे में 16978.89 अंक तक गया लेकिन जल्‍दी ही इसने गति पकड़ी और पहुंच गया 17621;24 अंक की ऊंचाई पर। हालांकि, सेंसेक्‍स आखिर में 17600.12 अंक पर बंद हुआ जो साप्‍ताहिक आधार पर 522 अंक की बढ़त दिखा रहा है। बीएसई सेंसेक्‍स अब अपनी ऊंचाई की ओर वापसी के दूसरे परीक्षण दौर में पहुंच गया है। इस सप्‍ताह साप्‍ताहिक रेसीसटेंस 17821 - 17942 अंक पर देखने को मिलेगा। साप्‍ताहिक स्‍पोर्ट 17400 - 17178 - 16978 पर देखने को मिलेगा। दो सौ दिन की ईएमए और एसएमए 16907 और 17424 अंक है। पिछले सप्‍ताह सेंसेक्‍स ने 17575 - 18193 की रेंज में प्रवेश किया। इस रेंज में पुल बैक का स्‍तर 17942 अंक दिखता है। ऊपरी छोर पर 17575 - 17821 - 17942 - 18193 अंक के स्‍तर पर नजर रखनी होगी। समान चैनल के अंतर्गत तीन अंक 15532, 14677 और 18895 अंक हैं। ऊप 17968 अंक के आसपास है। यदि बाजार लगातार ऊपर की ओ

चावल कंपनियों के शेयरों में उबाल नहीं

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बासमती चावल के निर्यात पर निर्यात कर लादने की घोषणा से बासमती चावल निर्यात करने वाली कंपनियों के शेयरों को झटका लगा है। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज में 30 अप्रैल 2008 बुधवार को चावल कंपनियों में केआरबीएल 131.85 रुपए (पिछला बंद भाव 138.75 रुपए), कोहिनूर फूड्स लिमिटेड 94.95 रुपए (पिछला बंद भाव 94.95 रुपए) , एल टी ओवरसीज 57.85 रुपए (पिछला बंद भाव 60.85 रुपए), आरईआई एग्रो 1556.75 रुपए (पिछला बंद भाव 1567.75 रुपए) और चमनलाल सेतिया एक्‍सपोर्टस 31.25 रुपए (पिछला बंद भाव 30.65 रुपए) पर बंद हुआ। इन मुख्‍य चावल निर्यातक कंपनियों में से चमनलाल सेतिया एक्‍सपोर्टस में ही मामूली बढ़त दिखी बाकी सभी नरम रहीं। इन चावल कंपनियों के शेयरों के पिछले 52 सप्‍ताह के ऊपरी और निचले भावों को देखें तो केआरबीएल 195/68 रुपए, कोहिनूर फूड्स लिमिटेड 139/45 रुपए, एल टी ओवरसीज 104/36 रुपए, आरईआई एग्रो 1670/188 रुपए और चमनलाल सेतिया एक्‍सपोर्टस 51/23 रुपए था। केंद्र सरकार ने बासमती चावल के निर्यात को हतोत्साहित करने के इरादे से इस पर आठ हजार रुपए प्रति टन का निर्यात कर लाद दिया है। साथ ही बासमती चावल के निर्यात मूल्य म

श्री अष्‍टविनायक खरीदें, लक्ष्‍य 557 रुपए : नेटवर्थ

श्री अष्‍टविनायक सिने विजन लिमिटेड के शेयर खरीदना फायदेमंद रहेगा। यह राय है नेटवर्थ स्‍टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड की। श्री अष्‍टविनायक सिने विजन लिमिटेड फिल्‍म निर्माण और वितरण कारोबार से जुड़ी प्रमुख कंपनी है। इस कंपनी ने सात फिल्‍में बनाई हैं जिनमें से आखिरी पांच फिल्‍मों ने बॉक्‍स ऑफिस पर तहलका मचाया है। यह ऐसा अनोखा संयोग है कि यह कंपनी लगातार सफल फिल्‍में दे रही हैं। फिल्‍म वितरण कारोबार की बात करें तो यह मुंबई क्षेत्र में अगुवा है और इसका फिल्‍म चयन अच्‍छा है जिनकी सफलता का अनुपात बेहतर है। अगले दो साल में इसका इरादा 13 फिल्‍मों का निर्माण करने का है जिसके लिए इसने बड़े कलाकारों के साथ मशहूर निर्देशकों के साथ करार किए हैं। कंपनी ने अब दिल्‍ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब क्षेत्र में अपने वितरण विस्‍तार के साथ विदेशी वितरण के अधिकार लेने की योजना बनाई है। कंपनी ने फिल्‍म निर्माण और वितरण कारोबार के विस्‍तार के लिए जरुरी धन हाल में एफसीसीबी के माध्‍यम से जुटाया है। यह राशि 342.5 लाख डॉलर है। नेटवर्थ स्‍टॉक ब्रोकिंग लिमिटेड का मानना है कि वित्त वर्ष 2008-10 तक कंपनी की आय और शुद्ध लाभ में साल

सेंसेक्‍स ने किया गर्मी का पहला पड़ाव पार

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हितेंद्र वासुदेव देश के विभिन्‍न हिस्‍सों में पड़ रही जोरदार गर्मी का असर भारतीय शेयर बाजार में भी पिछले सप्‍ताह देखने को मिला। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज के सेंसेक्‍स ने गर्मी का पहला पड़ाव पार कर लिया जिससे निवेशकों के चेहरे लंबे समय बाद खिले हुए दिखे। सेंसेक्‍स पिछले सप्‍ताह पूर्व सप्‍ताह के बंद की तुलना में गेप से खुला। सेंसेक्‍स 16611.41 अंक पर खुला और नीचे में यह 16589.45 अंक रहा। पूरे सप्‍ताह में यह स्थिर और चॉपी बना रहा। शुक्रवार 25 अप्रैल को आखिरी डेढ़ घंटे में सेंसेक्‍स में भाव का उतार चढाव अनिश्चित रहा। सेंसेक्‍स 17125.98 अंक पर बंद होने से पहले ऊपर में 17150.92 अंक तक गया। कुल मिलाकर सेंसेक्‍स साप्‍ताहिक आधार पर 664 अंक बढ़कर बंद हुआ। सेंसेक्‍स 21206 से गिरकर 14677 अंक तक आने के बाद पहली बार यह अपने वापसी के स्‍तर पर के किनारे पर है। इसके अगले स्‍तर 17171, 17942 और 18712 अंक होंगे। अगले सप्‍ताह आरंभिक रेसीसटेंस 17150 और 17307 अंक पर होगा। दो सौ दिन की ईएमए और एसएमए 16889 और 17379 अंक है। सेंसेक्‍स के 17575 और 18193 स्‍तर तक जाने की संभावना बढ़ी है। समानांतर स्‍

शेयर बाजार में फिर से तेजी की बुनियाद

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महंगाई पर काबू पाने के प्रयास में मिली सफलता के बाद रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर में आधा फीसदी की बढ़ोतरी कर यह संकेत दे दिया कि बढ़ी महंगाई दर को जल्‍दी से रोकने का यही वक्‍त है। हालांकि, रिजर्व बैंक ने सीआरआर बढ़ाने के बाद इतना समय जरुर दे दिया कि शेयर बाजार के निवेशक अपने को एक झटके के लिए मानसिक रुप से तैयार कर सके। लेकिन, अमरीकी कंपनी इंटेल सहित कुछ कंपनियों के आए बेहतर नतीजों से अमरीकी शेयर बाजारों में जो रौनक लौटी है उसमें सीआरआर फैक्‍टर डिस्‍काउंट होता दिख रहा है। हालांकि, इस समय केवल एक ही नकारात्‍मक कारक क्रूड तेल है जिसके दाम 116 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गए हैं। जी सात देशों ने भी आर्थिक मंदी को थामने के लिए सौ दिन की एक कार्य योजना बनाई है जिसके आने वाले दिनों में अनुकूल नतीजे देखने को मिल सकते हैं। जेपी मॉर्गन चेस बैंक के एशिया इकानॉमिक रिसर्च राजीव मलिक कहते हैं कि भारतीय रिजर्व बैंक द्धारा अब 29 अप्रैल को और कोई कदम उठाए जाने की उम्‍मीद नहीं है। हम रिजर्व बैंक के इस तरह के कदम के लिए तैयार थे लेकिन नकद आरक्षित अनुपात यानी सीआरआर बढ़ाने के समय के प्रति अच

फर्टिलाइजर शेयरों पर रखें नजर

देश में जून से सितंबर के दौरान मानसून के सामान्‍य रहने की संभावना से आज फर्टिलाइजर शेयरों में तेजी आई। केंद्र सरकार के मुताबिक इस साल मानसून लंबी अवधि के औसत का 99 फीसदी रहेगा। निवेशकों को अब फर्टिलाइजर और ट्रैक्‍टर कंपनियों के शेयरों पर नजर रखनी चाहिए। राष्‍ट्रीय केमिकल एंड फर्टिलाइजर 4.96 फीसदी बढ़कर आज 63.45 रुपए पर जा पहुंचा। चंबल फर्टिलाइजर 9.32 फीसदी चढ़कर 56.90 रुपए, नेशनल फर्टिलाइजर 8.94 फीसदी तेज होकर 47.50 रुपए, जीएनएफसी 2.90 फीसदी तेज होकर 145.60 रुपए, नागार्जुन फर्टिलाइजर 6.97 फीसदी बढ़कर 41.45 रुपए, फर्टिलाइजर एंड केमिकल 4.98 फीसदी चमककर 27.40 रुपए, कोरोमंडल फर्टिलाइजर 3.36 फीसदी सुर्ख होकर 121.60 रुपए, जुआरी इंडस्‍ट्रीज 3.06 फीसदी बढ़कर 242.75 रुपए, स्पिक 8.95 फीसदी तेज होकर 27.40 रुपए, खेतान केमिकल 4.92 फीसदी बढ़कर 65 रुपए, बसंत एग्रो टेक 9.98 फीसदी चढ़कर 50.70 रुपए, धरमसी मोरारजी 7.60 फीसदी सुर्ख होकर 13.45 रुपए, शिवा फर्टिलाइजर 4.89 फीसदी तेज होकर 23.60 रुपए और रामा फास्‍फेट्स 4.98 फीसदी बढ़कर 6.96 रुपए पर बंद हुआ। गिरने वालों में जीएसएफसी, दीपक फर्टिलाइजर और एमपी एग

शेयर बाजार में रहेगी खासी उथल पुथल

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अमरीकी अर्थव्‍यवस्‍था पर छाए मंदी के बादल अभी छंटे नहीं हैं जिसकी वजह से भारतीय शेयर बाजार में भी निवेशकों को इस सप्‍ताह खास उम्‍मीद नहीं रखनी चाहिए। इस सप्‍ताह इंफोसिस, विप्रो, रिलायंस पेट्रो, रिलायंस इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर, एनडीटीवी, एचसीएल टेक्‍नो, रोल्‍टा इंडिया और जैपी होटल्‍स सहित अनेक कंपनियां अपनी चौथी तिमाही के नतीजे पेश करने जा रही हैं। लेकिन बाजार विश्‍लेषकों को इन नतीजों से कोई खास आशा नहीं हैं। साथ ही बढ़ती महंगाई दर पर इस सप्‍ताह बड़ा राजनीतिक हो हल्‍ला हो सकता है, जो बाजार की सेहत को और बिगाड़ सकता है। इस बीच, जी 7 देशों ने वैश्विक वित्त बाजार की हालत उम्मीद से कहीं ज्यादा खराब बताई है। इन देशों ने दुनिया को इस संकट से निकालने के लिए जरूरी मौद्रिक और वित्तीय कदम उठाने का प्रण किया है लेकिन यह कदम क्या होंगे इसका खुलासा नहीं किया। पूंजी बाजार को पटरी पर लाने के लिए 100 दिन का एक कार्यक्रम बनाया है। वित्तीय कंपनियों से कहा गया है कि वे अपनी अर्ध वार्षिक आमदनी में साफ तौर पर बताएं कि उनका कितना निवेश डूबने के कगार पर है ताकि हालात का सही जायजा लिया जा सके। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचे

शेयर बाजार में सुधार टिकने की आस नहीं

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भारतीय शेयर बाजार में किसी बड़े चमत्‍कार की आशा करना उचित नहीं है। हमने दो सप्‍ताह पहले यह बात कही थी लेकिन उस समय थोड़ी सी बढ़त से निवेशकों को यह लगा था कि बाजार अब बॉटम आउट कर रहा है। लेकिन अमरीकी अर्थव्‍यवस्‍था के हो रहे बेडागर्क से कोई नहीं बच पाएगा। दुनिया के सबसे बड़े निवेशकों में शुमार जार्ज सोरोस का कहना है कि मंदी की कहानी तो 1980 से लिखी जा रही थी। वे कहते हैं कि इस समय शेयर बाजार में जो भी सुधार दिख रहे हैं वे टिक नहीं पाएंगे और मंदी जारी रहेगी। महंगाई दर के तीन साल के उच्‍च स्‍तर सात फीसदी पहुंच जाने, औद्योगिक उत्‍पादन घटने, अनेक राज्‍यों में आने वाले विधानसभा चुनाव और इसके बाद लोकसभा चुनाव की आहट के साथ अमरीकी मंदी के बढ़ते प्रेत ने सरकार की नींद उड़ा दी है। आर्थिक मंदी के साथ बेरोजगारी बढ़ी तो मौजूदा सरकार के लिए अगला चुनावी समर जीतना कठिन हो जाएगा इसलिए सरकार हर तरह से महंगाई को कम करने के साथ औद्योगिक मोर्चे की मार्च पास्‍ट जारी रखने के प्रयास कर रही है। शेयर बाजार के खिलाडि़यों की नजर सरकारी कदमों के साथ कार्पोरेट नतीजों पर टिकी हैं। आईटी कंपनी इंफोसिस के नतीजे 15 अप्र

शेयर बाजार की सार्थक बाजीगरी

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शेयर बाजार के निवेशकों ने पिछले ढाई महीने में जिस तरह अपने निवेश को धुलते हुए देखा है, उसने अधिकतर निवेशकों की कमर तोड़ दी है। इस समय कोई भी निवेशक नया निवेश करने के मूड में नहीं है लेकिन कुछ बातों को ध्‍यान में रखा जाए तो हर दशा में इस बाजार का बाजीगर बना जा सकता है। बाजीगर निवेशक हमेशा बेहतर कंपनियों की सूची बनाने में लगे रहते हैं जिनमें सही समय और सही भाव पर निवेश किया जा सके। शेयर बाजार की हर गिरावट शेयर खरीदने का मौका देती है लेकिन इसके लिए जरुरी है कि ऐसी मंदी के समय फंड पास हो। इसलिए अपने पिछले निवेश में उचित भाव पर मुनाफावसूली करते रहना जरुरी है। वारेन बफेट का कहना है कि वे किसी कंपनी में निवेश के लिए बेहतर समय का इंतजार बरसों तक कर सकते हैं। बेहतर कंपनियों के चयन से पोर्टफोलियो उम्‍दा बनता है। जिस तरह बगैर ठोस परिकल्‍पना के एक परियोजना खड़ी नहीं की जा सकती वैसे ही बेहतर और मजबूत कंपनियों के अभाव में मजबूत पोर्टफोलियो नहीं बनाया जा सकता। कमजोर फंडामेंटल और अफवाहों या कानाफूसी के आधार पर चलने वाले शेयर मंदी में पानी पानी हो जाते हैं जिससे आम निवेशक अपने को पूरी तरह साफ पाता है।

शेयर लेवाली का बेहतर समय

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भारतीय शेयर बाजार के लिए वित्‍त वर्ष 2007-08 का अंतिम सप्‍ताह अच्‍छा रहा और जिस तरह के भारी बिकवाली दबाव की जो आशंका थी, वह आशंका ही रह गई। अमरीकी अर्थव्‍यवस्‍था में आए मंदी के संकेत मिटे नहीं है बल्कि दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था जापान के बुरे हाल होने की खबरें बैचेनी बढ़ा सकती है। देश में भी महंगाई की दर ने सिर उठा लिया है बावजूद इसके पिछले शुक्रवार को बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज में 356 अंक का उछाल देखने को मिला, जो यह संकेत देता है कि बाजार एक बार फिर कई कारकों को नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ता रहेगा। लोकसभा चुनाव के इस वर्ष में खुद सरकार भी नहीं चाहती कि शेयर बाजार में अब कोई बड़ी गिरावट आए जिससे उसे आक्रोश का सामना करना पड़े, लिहाजा बाजार का सेंटीमेंट सकारात्‍मक रखने के लिए अब अनेक घोषणाएं होती रहेंगी। मोतीलाल ओसवाल सिक्‍युरिटीज के इक्विटी वाइस प्रेसीडेंट मनीष सोंथलिया का मानना है कि शेयर बाजार ने बॉटम से उठना शुरु कर दिया है और इसने उच्‍च मुद्रास्‍फीति को भी डिस्‍काउंट कर लिया है। अगले सप्‍ताह से शेयर बाजार में मजबूती दिखने की उम्‍मीद है एवं चौथी तिमाही के लिए आने वाले कार

शेयर बाजार में तेजी तय नहीं

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अमरीकी शेयर बाजारों में आए सुधार के साथ भारतीय शेयर बाजार की ताल मिलने से निवेशक खुश हैं। बॉम्‍बे स्‍टॉक एक्‍सचेंज ने कई दिनों बाद 16 हजार अंक का स्‍तर पार किया है। इस चमक के बाद अधिकतर शेयर विश्‍लेषक यह कह रहे हैं कि नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज का निफ्टी जल्‍दी ही 5050 अंक तक चला जाएगा और 5050 से 5100 के स्‍तर पर आने के बाद इसकी अगली मंजिल 5300 अंक होगी। इस मंजिल को पार करने के बाद भारतीय शेयर बाजार में तेजी पूरी तरह तय है और हम नई ऊंचाई की ओर बढ़ेंगे। अचरज होता है कि दो दिन की चमक के बाद अब विश्‍लेषकों को सारे फंडामेंटल बदले हुए नजर आ रहे हैं। यह सही है कि जेपी मॉर्गन ने खस्‍ताहाल अमरीकी निवेश बैंक बेयर स्‍टीयर्न्‍स को खरीदने के लिए अपने पेशकश पांच गुना तक बढ़ाने की मंशा जताई है और अमरीका में घर खरीद के आंकड़े कुछ सकारात्‍मक आ रहे हैं। लेकिन इन दो वजहों से यह कतई तय नहीं किया जा सकता कि अमरीकी अर्थव्‍यवस्‍था के सुधरने के ठोस संकेत सामने आ गए हैं। यही वजह है कि घरेलू तकनीकी विश्‍लेषक बचने के लिए यह भी जोड़ रहे हैं कि निफ्टी का 4600 अंक का स्‍तर नहीं टूटना चाहिए। यदि यह टूटा तो एक बार फिर क