ब्लैक मंडे में डेढ़ दिन बाकी
नए वित्त वर्ष की शुरूआत शेयर बाजार के लिए घातक हो सकती है। बीते वित्त वर्ष की आखिरी तारीख 31 मार्च को शेयर बाजार भले ही बढ़कर बंद हुआ, लेकिन बाजार के बंद होने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने अचानक कैश रिजर्व रेश्यो और रेपो रेट में बढ़ोतरी की जो घोषणा की, वह सोमवार को शेयर बाजार के लिए ब्लैक मंडे साबित हो सकता है। कैश रिजर्व रेश्यो में दो चरणों में आधे फीसदी की बढ़त होते ही बाजार से सीधे 15500 करोड़ रूपए और मनी मल्टीप्लायर असर से 70 हजार करोड़ रूपए कम हो जाएंगे। रेपो रेट में 25 अंक बढ़ते ही बैंकों को अल्प समय के लिए जरुरी पैसा जुटाना महंगा पड़ेगा। हालांकि, रिजर्व बैंक के इस कदम की आशंका सभी को थी लेकिन यह 24 अप्रैल को घोषित होने वाली मौद्रिक नीति से पहले उठा लिए जाएंगे, यह नहीं पता था। सरकार हर तरह से प्रयास कर रही है कि महंगाई की बढ़ती दर को रोका जाए, लेकिन यह नहीं हो पा रहा। भारतीय रिजर्व बैंक ने बढ़ती मुद्रास्फीति को थामने के लिए पिछले तीन महीनों में सीआरआर में तीसरी बार बढ़ोतरी की है। यही वजह है कि अब हर तरह के कर्ज पर ब्याज दरें बढ़ती जा रही हैं और आम आदमी को नई कठिनाईयों के...